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Submitted by PatientsEngage on 4 May 2020
Pic of a young child in a black shirt using an inhaler

भारत में लगभग 80% अस्थमा रोगी इनहेलर से जुड़े भय और कलंक के कारण सिर्फ दवा लेना ही पसंद करते हैं। एलर्जी विशेषज्ञ और प्रतिरक्षा विज्ञानी डॉ.शिल्पा नायक ने इस लेख में इनहेलर्स के बारे में गलत धारणाओं पर चर्चा करी है और एक अच्छी जिंदगी के लिए अस्थमा को किस तरह प्रबंधित किया जाए इस बारे मेंटिप्स साझाकरे हैं। विश्वआस्थमादिवस #वर्ल्डअस्थमाडे

भारत में अस्थमा को भड़काने वाले (ट्रिगर करने वाले) 5 सबसे आम कारक कौन से हैं?

अस्थमा के दौरे पड़ने के मुख्य कारण ये हैं-

  1. वायरल फ्लू और सर्दी-ज़ुकाम
  2. बाहरी और अंदर का प्रदूषण
  3.  सिगरेट काधुआं
  4. एलर्जी पैदा करने वाले तत्व
  5. बहुत ज्यादा, जोरदार व्यायाम और शारीरिक गतिविधियां

Read in English: How to control and prevent Asthma attacks

बच्चों में अस्थमा के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?

बच्चों में अस्थमा के मामले विकासशील देशों में तेजी से हो रहे औद्योगिकी करण और वायुकी खराब गुणवत्ता के कारण बढ़ रहे हैं। हालांकि एलर्जी से होने वाले अस्थमा में आनुवंशिक कारण एक बड़ी भूमिका निभाते हैं, बच्चों में होने वाले अस्थमा में बचपन का मोटापा, माता-पिता का सिगरेट पीना और पश्चिमी जीवन शैली अपनाना को महत्वपूर्ण कारणों के रूप में पहचाना जाता है।

बच्चे में अस्थमा का पता लगाने के लिए माता-पिता को किन लक्ष्णों पर ध्यान देना चाहिए?

  • बार-बार खांसी होना
  • सांस फूलना
  • सांस लेते समय घरघराहट
  • किसी शारीरिक गतिविधि करने के कारण खांसी / घरघराहट होना
  • रात में खांसी आना/ सांसफूलना
  • छाती में जकड़न होना

किशोरावस्था में अस्थमा से निपटने की चुनौतियाँ क्या हैं?

अस्थमा एक चिरकालिक बीमारी है और इसके लक्षणों पर नियंत्रण पाने के लिए मरीजों को नियमित, दैनिक रूप से लंबे समय तक इलाज (इन्हेलर) लेना पड़ता है। दवा को समय पर न लेना और यह स्वीकार न कर पाना कि उन्हें अस्थमा है, ये किशोर अवस्था में अस्थमा से निपटने की चुनौतियों के प्रमुख  कारक ये हैं।

अस्थमा होने को स्वीकार न कर पाने की वजह क्या हैं और इस अस्वीकृति के क्या परिणाम हो सकते हैं?

  • दवा ठीक से न लेना या तो जान बूझकर या फिर अनजाने में हो सकता है। अनजाने में दवा ठीक से न लेने का कारण इनहेलेशन का तरीका ठीक से न आना हो सकता है, जो ट्रेनिंग की कमी से हो सकता है। या हो सकता है कि इनहेलेशन का निर्धारित दिनचर्या बहुत जटिल और समय खर्च करने वाला है।
  • लंबे समय तक चलने वाले उपचार के बारे में समझ का अभावभी दवा ठीक से न कर पाने का एक अन्य महत्वपूर्ण कारण है।
  • किशोरों के लिए एक और कठिनाई यह है कि वेस्कूल में या दोस्तों के साथ रहनेके दौरान दवा लेने के लिए बड़ा-सा वोल्यूम स्पेसर इस्तेमाल करने में असहज महसूस करते हैं।
  • इस आयु वर्ग में यह स्वीकार करना कि उन्हें अस्थमा है, या अस्थमा की गंभीरता को स्वीकार न कर पाना भी दवा ठीक से न लेने का एक सामान्य कारण है।
  • अन्य अतिरिक्त कारण हैं उपचार लेने में परेशानी, भूल जाने की समस्या, आलस्य या लापरवाही और ये कारक हर आयु वर्ग में पाए जाते हैं।

क्या आपको लगता है कि इनहेलेशन चिकित्सा से जुड़ा कलंक अस्थमाग्रस्त लोगों के लिए बाधा पैदा करता है?

भारत में लगभग 80% अस्थमा रोगी इनहेलर से जुड़े भय और कलंक के कारण सिर्फ गोली लेना ही पसंद करते हैं।इनहेलर की तुलना में गोली की खुराक ज्यादा मात्रा में लेनेकी आवश्यकता होती हैऔर इससे साइड इफेक्ट्स भी होते हैं।

इनहेलर्स को लेने से इन्कार करने का मुख्य कारण यह भी है कि रोगी इस बात को लेकर तनाव में रहते  हैं कि इससे इनहेलर्स पर निर्भरता होने लगेगी औरओवरडोस का भी डर है। पर सच्चाई यह है कि इनहेलर्स सिर्फ एक दवा अन्दर पहुंचाने का तरीका (वितरण प्रणाली) है, इस से अधिक कुछ नहीं हैं।

अस्थमा एक्शन प्लान क्या है और यह महत्वपूर्ण क्यों है?

अस्थमा एक्शन प्लान लिखित निर्देशों का एक सेट होता है जो आपको बिगड़ते अस्थमा को पहचानने में मदद करता है और यह आपको बताता है कि इसे संभालने के लिए क्या करना है।अस्थमा एक्शन प्लान का उद्देश्य अस्थमा के दौरे की गंभीरता को रोकनाया कम करनाहै। यह अस्थमा रोगी या उसकी देखभाल करने वाले व्यक्ति की मदद करताहै। अस्थमा एक्शन प्लान इसके लक्षणों पर या पीक फ्लो मापों पर आधारित हो सकताहै। यह अलग-अलग व्यक्ति में अस्थमा के पैटर्न पर आधारित होता है।बच्चों में लक्षणों पर आधारित प्लान्स अधिक पसंद किए जाते हैं। अस्थमाग्रस्त अधिकांश बच्चों में हालत बिगड़ने के संकेत के रूप में लक्षणों में परिवर्तन पीक फ्लो परिणाम जितना ही प्रभावी होता है।

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एलर्जी परीक्षण क्या है? अस्थमाग्रस्त लोगों के लिए यह क्यों आवश्यक है?

अधिकांश रोगियों में धूल के कण, परागकण, जानवरों की रूसी, फफूदीया फंगस जैसी सांस के जरिए आने वाली एलर्जेन अस्थमा के महत्वपूर्ण कारक हैं। एलर्जी परीक्षण की मदद से आपके डॉक्टर उन विशिष्ट एलर्जी कारकों की पहचान कर सकते हैं जिनसे आपको एलर्जीहै। एलर्जी के इन कारकों से बचाव के उपायों और एलर्जी के टीके लगाकर बचाव के लिए आवश्यक दवाओं की खुराक को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

क्या आप अस्थमा के दौरों को रोकने के लिए अपने 5 सुझाव दे सकतींहैं?

  1. अस्थमा की दवाओं को नियमित रूप से लें।
  2. धूम्रपान, ठंडी हवा, एलर्जीवाली जगहों या चीजों, धुएं आदि ऐसे कारक जिनसे अस्थमा का दौरा पड़ सकता है, उनसे बचें।
  3. आपकी चिकित्सा की आप पर असर को,और अस्थमा के संभावित दौरे की स्थिति जानने के लिए पीक फ्लो मीटर का उपयोग करें।
  4. अस्थमा सहायता समूह (सपोर्ट ग्रुप) सेजुड़ें, ताकि आपको अस्थमा से जूझते रहने के लिए प्रेरणा मिलती रहे।
  5. योग और सांस लेने का व्यायाम रोजाना करें

एलर्जी विशेषज्ञ और प्रतिरक्षा विज्ञानी डॉ.शिल्पा नायक