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Submitted by PatientsEngage on 2 February 2020
Mamta standing at a counter

ममता गोएंका द्विपक्षीय स्तन कैंसर की शिकार रही हैं और वे भावनात्मक उथल-पुथल और शर्मिंदगी की यातनाओं के साथ उपचार की पूरी श्रंखला से गुजर चुकी हैं। लेकिन, उन्होंने पूरे गर्व और आत्मविश्वास के साथ कैंसर को चुनौती देने और झड़ते हुए बालों का सामना करने का फैसला किया। इस जंग में वे विजयी हुई हैं और एक योद्धा और लिम्फेडेमा प्रबंधन गुरु के रूप में उभर कर आई हैं।

कृपया हमें अपनी स्थिति के बारे में थोड़ा बताएं:

मैं द्विपक्षीय (bilateral) स्तन कैंसर से पीड़ित थी!

आपका निदान कब किया गया था?

1998 में मेरे दाएं स्तन में कैंसर का पता चला था और फिर 2001 में बाएं स्तन में कैंसर का निदान हुआ।

शुरुआती लक्षण क्या थे?

मेरा दाहिना स्तन सूज गया था और उसमें काफी दर्द रहने लगा था। मैं अपने बच्चों को ठीक से गले भी नहीं लगा पाती थी। मेरी बड़ी बहन का 6 महीने पहले ही स्तन कैंसर का निदान हुआ था इसलिए उसके डॉक्टर ने मुझे इसके बारे में सचेत कर दिया था। सूजन के लिए साधारणतः मैं किसी सामान्य चिकित्सक को ही दिखाती, पर चूँकि मुझे पहले ही चेतावनी दे दी गई थी मैंने तुरंत एक ऑन्कोलॉजिस्ट को दिखाया।

क्या आपके परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास है?

मेरी एक अन्य बहन का 42 वर्ष की उम्र में स्तन कैंसर का निदान किया गया था। सर्जरी के दौरान और बाद में उचित देखभाल न होने के कारण 44 वर्ष की आयु में उसका निधन हो गया।

आपकी वर्तमान स्थिति क्या है?

मैं चुस्त और तंदुरुस्त हूँ!

अपनी स्थिति को सँभालने के अनुभव का वर्णन करें।

मेरा मानना है कि कठिन समय टिकता नहीं है, लेकिन मजबूत लोग डटे रहते हैं। यही मेरे जीवन का मंत्र है और इस निदान को मैंने अपने जीवन के एक अध्याय के रूप में लिया है।

कोई सम्बन्धित जटिलताएं?

मेरे कैंसर के दूसरे निदान के दौरान मुझे कीमोथेरेपी की घातक प्रतिक्रिया से गुज़रना पड़ा था। ए/सी प्रोटोकॉल नामक एक नई दवा लेने के बाद मुझे दस्त, उल्टी और तेज बुखार हो गए थे। मेरा रक्तचाप कम हो गया और मुझे आईसीयू में भर्ती होना पड़ा। इसके कारण मुझे कीमोथेरेपी बंद करनी पड़ी।

अब आप कौनसी दवाएं ले रही हैं?

फिलहाल कोई नहीं!

क्या दवाओं के कोई दुष्प्रभाव थे?

कोई बड़ा दुष्प्रभाव नहीं! मुझे अपना गंजे सिर बहुत पसंद था! कीमोथेरेपी शुरू होने के पहले ही मैंने अपने बाल मुंडवा दिए ताकि रोज सुबह तकिये पर बालों के झुण्ड को देख कर दुखी न होना पड़े। मुझे गंजे सिर को संभालना काफी आसान लगा। यह केवल एक धारणा है कि सुंदरता बालों में निहित है! मैंने तय किया कि मुझे उस समय अपने सैर के दोस्त की तरह ही साहसिक और लंबा दिखना है।

क्या उस स्थिति से गुज़रने के दौरान आपने कुछ ऐसा सीखा जो आपके लिए पहले जान लेना बेहतर होता?

लिम्फेडेमा - जिसे मैं स्तन कैंसर का एक "गंदा रहस्य" कहती हूँ! 2003 में मेरी बांह सूजने लगी। स्तन कैंसर की सर्जरी के दौरान मेरे लिम्फ नोड्स को हटा दिया गया था लेकिन मुझे इस के दुष्प्रभाव के बारे में चेतावनी नहीं दी गई थी। मैं इन के लिए तैयार नहीं थी! भारत में इस मामले में मेरा मार्गदर्शन करने के लिए सही संसाधन नहीं मिलने पर मैंने यूएसए में लिम्फेडेमा प्रबंधन के लिए एक थेरेपी कोर्स खोज निकाला। वह थेरेपी काफी सहायक और कारगर थी! मैं भारत लौटी और मुझे इस समस्या के बारे में प्रचार करने की जरुरत महसूस हुई। मेरा उपचार जिस अस्पताल में हुआ था, मैंने वहां के रोगियों से व्यक्तिगत रूप से बात करना शुरू कर दिया। जल्द ही मेरे काम के बारे में बात फैल गई और लोग मुझसे लिम्फेडेमा से निपटने के तरीकों के बारे में पूछने लगे। लिम्फेडेमा संबंधी जानकारी लगभग नहीं के बराबर थी, और मैं जल्द ही इस कमी की पूर्ति करने लगी! मैं आजकल उस अस्पताल में मरीजों और उनके देखभालकर्ताओं के लिए बीआर सीऐ पोस्ट-ऑपरेटिव केयर क्लासेस का संचालन करती हूँ। इसमें परामर्श, घाव / सूचर की देखभाल, बांह की देखभाल पर चर्चा और फिजियोथेरेपी अभ्यास शामिल है।

Check Video below: How To Manage Lymphedema - In English and Hindi 

आप किस तरह के विशेषज्ञों से परामर्श करती हैं और कितनी बार करती हैं?

हर 6 महीने मैं अपने ऑनकोसर्जन से क्लीनिकल परिक्षण करवाती हूँ।

इस स्थिति के प्रबंधन के लिए आपके शहर में आपके लिए कौन से संसाधन उपलब्ध हैं?

मुम्बई में टाटा मेमोरियल अस्पताल मेरे पास सबसे अच्छा संसाधन था। मेरे ऑन्कोलॉजिस्ट वहीं से थे और मेरा पूरा इलाज भी वहीं हुआ था।

क्या आपको अपनी हालत के कारण अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने पड़े हैं?

नहीं!

क्या आपने होम्योपैथी या योग जैसे पूरक थेरेपी या उपचार की कोशिश की है?

बिलकुल नहीं, मुझे उन पर विश्वास नहीं है!

क्या आपकी स्थिति का सामना करना भावनात्मक रूप से मुश्किल था?

पहले निदान में मुझे इस सब से नफरत हो गई थी पर मेरे दूसरे निदान के बाद मैंने इस लड़ाई को जीतने का फैसला किया! मैं स्थिति पर काबू करना चाहती थी (I want to seize control)।

आपके परिवार ने आपका समर्थन कैसे किया?

मेरे बच्चे अस्पताल के सभी दौरों में मेरे साथ जाने के लिए बहुत छोटे थे और मैं नहीं चाहती थी कि मेरे पति भी ऐसा करें। मैं एक स्वतंत्र शिक्षित व्यक्ति हूं और मैं अकेले अपनी चिकित्सीय देखभाल संभाल सकती हूँ। पर मुझे घर पर परिवार का सारा प्यार और समर्थन मिलता था।

क्या आप समर्थन के लिए किसी परामर्शदाता (काउंसेलर) से मिली थी? क्या आपके डॉक्टर ने आपको काउंसेलर से मिलने की सलाह दी?

नहीं, अस्पताल में ऐसी कोई सुविधा नहीं थी।

आपके दोस्तों ने आपके साथ कैसा व्यवहार किया?

मेरे आसपास ज्यादा दोस्त नहीं थे क्योंकि मेरे अधिकाँश दोस्त दूर रह रहे हैं।

उपचार का सबसे कठिन हिस्सा क्या था? आपने इस युद्ध को जारी रखने की हिम्मत कैसे बनाए रखी? बीमारी और उपचार के कारण आपके जीवन के दृष्टिकोण और महत्वाकांक्षाओं में क्या बदलाव आया है?

जब पहली बार मेरे बाल झड गए तब मैं खुद को कम सुन्दर महसूस करने लगी। मैं अपने बच्चों और पति के साथ गतिविधियों को टालने लगी थी। इस दौरान मेरा परिवार और आत्म-संकल्प मेरे सबसे मजबूत सहारा रहे हैं। कैंसर ने मुझे एक बेहतर व्यक्ति बना दिया है! मैं शर्मीली हुआ करती थी और सबके सामने सार्वजनिक रूप से बोलना मेरे बस में नहीं था। पर अब मैं अपने खोल से बाहर आ गई हूँ और कैंसर ने मुझे एक ऐसे युद्ध का हिस्सा बना दिया है जो मुझ से बड़ा है।

आपने किस तरह की चुनौतियों का सामना किया और इस तरह की चुनौतियों का सामना करने वाले मरीज़ों के लिए आपकी क्या सलाह है?

मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है कि 90 प्रतिशत बीमारी दिमाग में होती है और केवल 10 प्रतिशत शरीर में होती है। मुझे लगता है कि यह सब इस पर निर्भर है कि व्यक्ति का जीवन और कैंसर जैसे जीवन बदल देने वाले निदान के प्रति क्या नजरिया और रवैया है।

इसलिए अन्य रोगियों को मेरी यही सलाह है कि- यह कहने के बजाय कि "मैं ही क्यों?" यह कहिए "मुझे आज़माओ"!

 

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