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Submitted by PatientsEngage on 12 June 2020
Asthma patient Anjali in a beige and red sari

78 वर्षीय अंजलि सेन ने अपना अधिकांश जीवन अस्थमा का सामना करते हुए गुजारा है।इस लेख में वे बताती हैं कि वे कैसे इस दीर्घ कालिक बीमारी और इससे होने वाली परेशानी से जूझती रहीं। वह कोलकाता में रहती हैं। गृहिणी होने के साथ ही वह एक उत्साही पाठक और क्रिकेट प्रेमी भी हैं।

क्या आप संक्षिप्त में अपनी स्थिति के बारे में बता सकती हैं?

दौरा सांस लेने में मामूली तकलीफ के साथ शुरू होता है और जल्द ही यह दम फूलने, हांफने और घुटन का रूप धारण कर लेता है।पर पिछले 12 से 15 वर्षों के दौरान मुझे अस्थमा का कोई गंभीर दौरा नहीं पड़ा है क्योंकि अब मैंअस्थमा के दौरे के लक्षणों को शुरू में ही पहचान पाती हूं और दौरे को काबू में रखने के लिए समय पर उचित कदम उठा लेतीहूं।

आपको अस्थमा के बारे में कब और कैसे पता चला और इसके शुरुआती लक्षण क्याथे?

मुझे बचपन से क्रोनिक ब्रोंकाइटिस रहा है और बड़े होने के साथ ब्रोन्कियल अस्थमा भी मेरी जिन्दगी का अंग रहा है।बड़े होने के साथ मुझे एक्जिमा (एकत्वचा की बीमारी) भी हो गया। जब मेरी उम्र30 के पार चली गई थी और मेरी शादी को काफी समय हो चुका था,मेरा एक्जिमा का इलाज चल रहा था।यह आम धारणा है कि अगर एक्जिमा को दबा दिया जाता है तो अस्थमा भड़क सकताहै। और  सच में,जब मेरा एक्जिमा कम हुआ तब अस्थमा मुझपर हावी हो गया।

क्या आपके परिवार में किसी को अस्थमा रहाहै?

मुझे मेरी मां की तरफ से अस्थमा और मेरे पिता की तरफ से एक्जिमा मिला है, इसलिए मैं मझधार में फंस गई हूँ।

आपने किन चुनौतियों का सामना किया और आप उन मरीज़ों को क्या सलाह देना चाहती हैं जो इन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं?

मेरी मुख्य चुनौती थी अपने घरेलू कामों में व्यस्त होने के कारण यह न जानपाना कि अस्थमा का दौरा पड़ने वाला है। मैं घबरा जाती थी क्योंकि मुझ पर एक बड़े परिवार की जिम्मेदारियां थी और अस्थमा के दौरे से मैंआंशिक रूप से बीमार और असहाय होजाती थी।अस्थमा के रोगियों को मेरी सलाह है कि दौरे का इलाज उचित दवा के साथ शुरू में ही करें और इस बात का इंतज़ार न करें कि दौरा अपने आप (बिना उपचार के) थम जाएगा। मैं इस सब से गुजर चुकी हूं, इसलिए मुझे पता है कि मैं क्या कह रही हूं।यह भी बहुत जरूरी है की आप धूल, धुएं और तनाव से दूर रहें। अन्य महत्वपूर्ण सुझाव यह है कि खाना कम खाएं और शाम (सूर्यास्त) के बाद बहुत हल्का भोजन ही करें।

क्या अब यह पहले से बेहतर है?

अब बढ़ी हुई उम्र और बदली जीवनशैली के कारण मुझे गंभीर दौरे बहुत ही कम हैं।

क्या आपने अस्थमा के दौरों के साथ उससे संबंधित किसी अन्य समस्याओं का सामना कियाहै?

अस्थमा के साथ एक्जिमा जुड़ा हुआ लगता है–जब एक कम होता है तो दूसरा भड़क उठता है। मैंने दोनों को झेला है।

जब  आपने अपना शहर बदला, कोलकाता से बैंगलोर या मुंबई गई, तो क्या आपने इन दौरों में किसी तरह का बदलाव पाया?

मुझे लगता है कि कोलकाता का प्रदूषण, इसकी धूल आदि से मुझे कोई दिक्कत नहीं होती है क्योंकि यहां आमतौर पर मुझे सांस लेने में ज्यादा समस्या नहीं होती है।परन्तु दिल्ली या बैंगलोर में मुझे सांस लेने में तकलीफ होती है।

आप कौन सी दवाएं ले रहीहैं? और इनके साइड इफेक्ट्स  क्या हैं?

मैं कोई विशेष दवा नहीं लेती हूं।अस्थमा के लिए,केवल जरूरत पड़ने पर लेने के लिए मुझे फॉरेकोर्ट ओरल इनहेलर दिया गया हैऔर मुझे इससे कोई साइड इफेक्ट्स नहीं हैं। 

क्या आपने अपनी स्थिति से ऐसा कुछ सीखा है जो आपको लगता है किकाश आपको पहले पता होता?

दौरेके लक्षणों को पहचान कर शुरू में ही में उचित उपाय करने और अपनी स्थिति को संभालने में मैंने सफलता प्राप्त कीहै।

क्या तनाव आपके अस्थमा को बढ़ाता है?

तनाव निश्चित रूप से अस्थमा को बढ़ाता है।चूंकि तनाव हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का एक हिस्सा है और इससे दूर रहना मुश्किल है इसलिए बेहतर है कि इसके लक्षणों को समझें और शुरुआत में ही इसे नियंत्रित करलें।

क्या आपको अपनी स्थिति के कारण अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने पड़े हैं?

उम्र के साथ मेरी जीवनशैली अपने आप ही बदल गई है। बच्चों के बड़े होने के साथ कुछ ट्रिगर पॉइंट्स जैसे खाना पकाना, धूल साफ करना, बाजार से खरीदारी करना,और सामान्य भाग दौड़ अपने आप बहुत कम होगए। मुझे मूल रूप से धूल से दूर रहना था लेकिन पहले यह बहुत मुश्किल था।हमारे पास पालतू कुत्ते भी थे और कुत्ते का फर भी एक औ रट्रिगर था। अब मेरे पास कुत्ते नहीं हैं, इसलिए इस बदलाव से भी मुझे मदद मिली है।अस्थमा में खाना बनाना भी तनाव पूर्ण होता था।अब भी, अगर मैं तीन दिन लगातार खाना बनाती हूंतो मुझे सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।

क्या आपने होम्योपैथी या योग जैसी दूसरी दवाएं या उपचार आजमाए हैं?

मैंने वास्तव में योग या होम्योपैथी जैसे किसी गंभीर विकल्प को परखा नहीं है।

क्या आपके परिवार से आपको सहयोग मिला है?

कई लोगों का कहना है कि अस्थमा के चलते सांस लेने की इस गंभीर समस्या अधिकाँश तौर से मनोवैज्ञानिक है , वास्तविक शारीरिक समस्या नहीं है। मेरे परिवार ने बिना अधिक सोचे या करे मेरी समस्या को स्वीकारा। उनको लगता था कि थोड़ी देर आराम करने के बाद मैं खुद ही, स्वाभाविक तौर से, सामान्य जीवन बिता पाऊँगी और मैंने वैसा ही किया।

क्या आप अस्थमा से जूझ रहे लोगों या बच्चों व उनके माता-पिता के लिए कोई संदेश / सलाह देना चाहती हैं?

इसका इलाज शुरू से ही करें। ऐसा न सोचें कि यह अपने आप बिना कुछ करे चला जाएगा। कुछ  रोज मर्रा के काम अस्थमा के ट्रिगर के रूप में पहचाने जाते हैं और उनसे सम्बंधित कुछ छोटे नुस्खों का पालन करना एक अस्थमा रोगी के लिए लाभदायक होता है, जैसे कि धूल झाड़ने की अपेक्षा उसे गीले कपडे से पोंछें।अस्थमा वाले बच्चों के लिए तैराकी बहुत लाभदायक होता है।यह भी माना जाता है कि बच्चों के बड़े होने पर अस्थमा अक्सर ठीक हो जाताहै।

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