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Submitted by PatientsEngage on 18 April 2020

अस्थमा पीड़ित बच्चे के माता-पिता को कई तनावपूर्ण हालातों से गुजरना पड़ता हैं और उनकी रातों की नींद उड़ सकती है। ऐसी ही एक मां संगीता का कहना है कि शुरुआती दौर में रोग का निदान, सही उपचार और अस्थमा के ट्रिगर्स को पहचानना ही इससे निपटने का सबसे अच्छा तरीका है।

आपके बेटे को अस्थमा पहली बार कब हुआ था?

तीन साल की उम्र में यह पता चला कि उसे बचपन का अस्थमा है। प्रदूषण और धूल के कारण आज कई बच्चों में यह एक आम समस्या है। इसके अलावा भोजन में कृत्रिम रंगों के उपयोग ने भी इसे भड़काया था।

Read in English: Recognise Asthma Triggers and Follow Treatment

इसके शुरुआती लक्षण क्या थे?

तेजी से सांस लेना, छाती से घरघराहटऔर सांस लेने में दिक्कत होना।

क्या आपके परिवार में अस्थमा का इतिहास रहा है?

नहीं, हमारे परिवार में अस्थमा का कोई इतिहास नहीं रहा है।

आपके अनुसारआपके बेटे के अस्थमा का कारण क्या हो सकता है?

धूल, प्रदूषण और कृत्रिम रंगों वाला भोजन।

क्या उसके लिए सही डॉक्टर ढूंढने में आपको दिक्कत हुई?

नहीं, मैंने सिर्फ उसके बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह ली। उसका अस्थमा अधिक गंभीर नहीं था और डॉक्टर ने कहा जब वह बड़ा हो जाएगा, लगभग 5-6 साल की उम्र का,तब यह ठीक हो जायेगा। मैंने उसी बाल रोग विशेषज्ञ से इलाज करवाया और इससे उसे मदद मिली।

अभी वह कौनसा इलाज ले रहा है?

वह अभी नेजेल इन्हेलर- बुडकोर्ट और अस्थेलिनले रहा है। ये दोनों ही एसओएस हैं, यानि सिर्फ जरूरत पड़ने पर उपयोग किए जाते हैं।

क्या इन दवाओं के किसी तरह के दुष्प्रभाव सामने आए?

इन इनहेलर्स का कोई साइड इफेक्ट नहीं था।

घर में उसकी जीवनशैली में किस तरह का बदलाव आया? आपको क्या बदलाव करने पड़े?

मैं यह ध्यान रखती हूं कि उसके स्कूल से लौटकर आने से कम से कम 3 से 4 घंटे पहले घर में झाड़ू-पोछा कर लिया जाए। इससे वास्तव में मदद मिलती है क्योंकि जब आप झाड़ू लगाते हैं या धूल साफ करते हैं, तो हवा में उठने वाली धूल को फिर से जमने में 4 से 6 घंटे तक का समय लगताहै।

उसका अस्थमा किन ट्रिगर्स से भड़कता है? आपने उन्हें कैसे पहचाना?

प्रदूषण और धूल तो पक्के ट्रिगर हैं ही,साथ ही कृत्रिम खाद्य पदार्थ की एलर्जी भी उसके अस्थमा को भड़काते हैं। मैं उसकी दैनिक गतिविधियों पर नज़र रखती थी (विशेष रूप से यदि उसने कुछ नई चीज खायी हो या कोई नया काम किया हो)। नजर रखना इसलिए जरूरी था क्योंकि इससे तय हो पाता ठाट कि उसे किन वजहों से अस्थमा का दौरा पडा था।

क्या आपको लगता है कि उसकी इस हालत के लिए प्रदूषण भी जिम्मेदार है?

हाँ, बिलकुल।

आपको लगातार क्या डर बना रहता है?

अस्थमा का बुरादौरा पड़ना। लेकिन निश्चित रूप से मैं अब उस स्थिति के लिए ज्यादा तैयार हूं।

उसकी अस्थमा की स्थिति के प्रबंधन के बारे में कृपया अपना अनुभव बताएं।

शुरुआत में यह प्रबंधन मुश्किल भरा था। मैं बहुत डरी हुई रहती थी क्योंकि मेरा बेटा बहुत असहज हो जाता था और मैं हमेशा संभावित दौरे को लेकर आशंकित रहती थी। लेकिन जब से उसे सही इलाज मिल रहा है तब से स्थिति में बहुत सुधार आया है। मुझे और भी आसानी तब से हुई जब मुझे पता चल गया कि आपात स्थिति के दौरान क्या कुछ करना होगा। मुझे यह भी पता चल गया कि कौनसी चीज़ें उसके अस्थमा को भड़काती हैं, इसलिए मैं इन बातों का ध्यान रख पाती थी कि इन चीजों से बचा जाए या इससे निपटने के लिए क्या तैयारी रहनी चाहिए।

स्कूल में दौरा पड़ने पर वह कैसे इसका सामना करता है?

स्कूल में अभी तक ऐसी कोई स्थिति सामने नहीं आई और क्योंकि डॉक्टर के अनुसार उसका अस्थमा गंभीर नहीं है, इसलिए मुझे स्कूल में किसी तरह की विशेष व्यवस्था करने की जरूरत नहीं पड़ी। फिर भी, मैंने उसकी टीचर को इस समस्या के बारे में बताया था, और उन्होंने कहा कि यहां बहुत से बच्चे हैं जो इस समस्या से जूझ रहे हैं और उन्हें पता है कि आपात स्थिति में क्या करना है। उन्होंने मुझे यह आश्वासन भी दिया कि वे उस का ख़याल रखेंगी। इसके अलावा, मैंने अपने बच्चे को भी यह समझाया कि अगर कभी स्कूल में उसे बेचैनी महसूस होती हैतो उसे हमेशा अपनी टीचर को बता देना चाहिए।

क्या कोई ऐसी गतिविधियाँ भी हैं जिन्हें करने के लिए उसे मना किया गया है?

वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं है। उसे सब कुछ करने दिया गया। सिर्फ कुछ समय के लिए, जब घरघराहट के कारण वह बीमार था, तब डॉक्टर ने उसे किसी भी इंडोर प्ले एरिया में ले जाने पर पाबंदी लगा दी थी क्योंकि ऐसे बंद स्थान अक्सर ऐसी स्थिति को बढ़ाते हैं।

उसकी क्षमता बढ़ाने के लिए कौनसी गतिविधियां ज्यादा करने को कहा जाता है?

सभी तरह के खेल खेलना, जिसमें तैराकी विशेष रूप से फायदेमंद है।

आपने किन चुनौतियों का सामना किया और आप उन मरीज़ों को क्या सलाह देना चाहेंगी जो इसी तरह की चुनौतियों को झेल रहे हैं?

अस्थमा को भड़काने वाली चीजों के बारे में ज्यादा जागरूक रहें और किसी अच्छे चिकित्सक को तलाशकर उनकी दी गई उचित सलाह और उपचार का ठीक तरह से पालन करें। बच्चे में सुधार नजर आने की स्थिति मेंभी, कभी भी,बीच में खुद से उपचार बंद न करें। अस्थमा के इलाज को कभी भी हल्के ढंग से न लें क्योंकि अगर सही तरीके से इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। मेरे बच्चे के डॉक्टर के अनुसार यदि बचपन में अस्थमा का इलाज लेकर इसे नियंत्रित नहीं किया गयातो यह जीवन भर की समस्या में बदल सकता है।

क्या आपने अस्थमा का प्रबंधन करते हुए ऐसा कुछ सीखा है जिसके बारे में आपको लगता हो कि काश यह बात आपको पहले से पता होती?

हां, मैंने बहुत कुछ सीखा है। मुझे अब अस्थमा को भड़काने वाली चीजों के बारे में ज्यादा जानकारी है और मुझे पता है कि मुझे क्या करना है।

क्या आपने पूरक चिकित्सा जैसे होम्योपैथी या योग के जरिए उपचार की कोशिश की है?

नहीं, मैंने कुछ और करने की कोशिश नहीं की।

क्या भावनात्मक रूप से यह सब झेलना मुश्किल रहा?

हां, शुरुआती दौर में यह मुश्किल था। अब मुझे पता है कि मेरा बेटा पहले से बेहतर है। वास्तव में, अब उसे किसी भी तरह की दवा की जरूरत नहीं पड़ती है और मुझे डॉक्टर ने जैसा बताया उस पर विश्वास है कि यह बचपन के अस्थमा का एक सामान्य मामला है जो समय के साथ ठीक हो जाएगा। चूंकि मैं उसमें सुधार देख रही हूं, इसलिए मैं अब पहले से अधिक सहज हूं। मेरी सलाह है कि कृपया उपचार के हर नियम का पालन करें। इसे हल्के सेन लें और खुद से इलाज करने की कोशिश न करें। अस्थमा को भड़काने वाली चीजों से अवगत रहें और उनसे बचकर रहें।

 

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