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Submitted by PatientsEngage on 30 December 2020
2 elderly women at a kitchen table

रिहैब (पुनर्वास) विशेषज्ञा लक्ष्मी गोपालकृष्णन घर में छोटे बदलाव के कुछ ऐसे सुझाव देती हैं जिन से बुजुर्गों को अपने कार्यों में आसानी हो सकती है और उनके जीवन की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार संभव है।

मैं 15 साल से अधिक समय से रिहैब में काम कर रही हूँ और व्यक्तिगत रूप से 80 साल से अधिक उम्र के चार बुजुर्गों की देखभालकर्ता भी रही हूँ। उनके दैनिक जीवन की गतिविधियों को कैसे बदलें, इस पर सोचने की मुझे बार-बार आवश्यकता होती है। मेरी कोशिश यही रही है कि बुजुर्ग यथासंभव स्वतंत्र रहें और उनका आत्मसम्मान बना रहे।

प्रस्तुत हैं कुछ छोटे बदलाव जिन से बुजुर्गों को काफी फायदा हो सकता है।

Read in English: Elder Friendly Home Modifications

बाथरूम:

हैंडरेल और हैंडल:

  • सीट के दोनों ओर / सीट के सामने
  • शॉवर के क्षेत्र के बगल में

टॉयलेट सीट राइजर्स: यह सीट की ऊंचाई बढ़ाने के लिए सर्जिकल स्टोर्स में उपलब्ध उपकरण है। इसे मौजूदा टॉयलेट सीट पर आसानी से फिट किया जा सकता है। आमतौर पर यह 2 ”, 4”, 6 ”की ऊंचाइयों में उपलब्ध होता है।

शावर स्टूल / कुर्सी:

  • एक मजबूत प्लास्टिक / वाटरप्रूफ स्टूल जिस के पैरों के नीचे रबर लगा हो ।
  • स्टूल की ऊंचाई लगभग 15" से 22” के बीच होनी चाहिए और व्यक्ति के कद के हिसाब से होनी चाहिए. यह आवश्यक है कि स्टूल ज्यादा नीचा न हो पर व्यक्ति अपने पैर आराम से, सपाट ज़मीन पर रख पायें. यदि स्टूल की ऊंचाई घुटने से थोड़ी ज्यादा हो, तो ऐसे स्टूल से उठते या बैठते समय घुटनों पर या हिप पर ज़ोर नहीं पड़ेगा ।
  • यदि व्यक्ति बहुत भारी / मोटे हैं, तो वाटरप्रूफ पेंट वाला एक मजबूत मेटल स्टूल बेहतर होगा।
  • यदि व्यक्ति को अधिक सहारे की आवश्यकता है, तो ऐसी कुर्सी लें जिसमें पीठ का सहारा भी हो (प्लास्टिक या मेटल)।

फर्श: बाथरूम में एंटी-स्किड टाइल सभी के लिए बेहतर सुरक्षा देती हैं (फिसलने की संभावना कम होगी)।

बाल्टी: यदि व्यक्ति बाल्टी स्नान से स्नान करते हैं, तो बाल्टी को ऊंचाई पर रखें, ताकि बुजुर्ग व्यक्ति को पानी लेने के लिए ज्यादा झुकना न पड़े।

स्क्रबर्स: एक लंबे हैंडल वाला पीठ रगड़नेवाला बुस्र्श स्क्रबर (लूफाह / नरम बालियां से बना) बहुत उपयोगी होता है क्योंकि अधिकांश बुजुर्ग का हाथ पीठ और पैर की उंगलियों तक नहीं पहुँचता और इसलिए वे इन्हें आसानी से नहीं साफ़ कर पाते हैं। ध्यान रहे, नहाने के बाद इस को साफ़ करना और ठीक से सुखाना जरूरी है

शयनकक्ष (बेडरूम):

  • पलंग की ऊंचाई ऐसी होनी चाहिए कि जब व्यक्ति उस पर बैठें, तो वे अपने पैरों को जमीन पर आराम से सपाट रख सकें, और जांघें बिस्तर पर सपाट हों (घुटना हिप के समतल या नीचे रहे, हिप से ऊंचा न हो)।
  • पलंग पर डला गद्दा (मैट्रेस) बहुत मुलायम न हो।
  • बिस्तर से उठने और खड़े होने में सहारे के लिए उसके सामने या पास में हैंडल/ हैंडरेल का प्रबंध करें या वॉकर रखें।
  • यदि व्यक्ति को कभी-कभार मल-मूत्र असंयम होता हो, तो चादर के नीचे, बिस्तर के निचले आधे हिस्से पर रबर शीट लगाना बेहतर होता है। यदि असंयम अधिक बार होता है, तो बेडशीट के ऊपर एक रबर शीट या अंडरपैड फैलाएं।
  • एक आसानी से खुलने वाले दराज वाली साइड टेबल बहुत उपयोगी है क्योंकि अधिकांश बुजुर्गों के पास बहुत सारी छोटी वस्तुएं होती हैं - चश्मा, श्रवण यंत्र (हियरिंग ऐड), टीवी रिमोट आदि - जो वे पहुंच के भीतर रखना चाहते हैं।
  • आर्मरेस्ट वाली कुर्सी, जो मजबूत है और व्यक्ति के बैठने या खड़े होने पर पीछे खिसकेगी नहीं और उलटेगी नहीं। ऐसी कुर्सी न हो तो उपलब्ध कुर्सी को दीवार से टिका कर रखें (ताकि उसके हिलने के लिए जगह न हो)।
  • अगर यह नींद में खलल न डाले तो एक नाईट लाइट लगाएं (रात भर हल्की रोशनी मिलती रहेगी) 
  • यदि व्यक्ति अकेले सोते हैं तो उनकी पहुँच के भीतर एक इलेक्ट्रॉनिक कॉल बेल रखें (बेल ऐसी हो ताकि व्यक्ति इसे बजाएं तो इसकी आवाज़ देखभालकर्ता को सुनाई देनी चाहिए)

भोजन संबंधी:

  • सभी कुर्सियां और स्टूल ऐसी ऊंचाई के हों ताकि बुजुर्ग व्यक्ति आसानी से उठ सकें। यदि सीट को घुमाया जा सके, तो बैठ कर, और फिर कुर्सी घुमा कर पैर मेज के नीचे करने में आसानी होगी।
  • चावल खाने वालों के लिए रिम वाली प्लेट का उपयोग करें। रसदार व्यंजनों के लिए एक कम गहराई वाली कटोरी दें। चम्मच गहरा दें।

यदि व्यक्ति को पार्किंसंस है, तो प्लेट को उनके मुंह के अधिक करीब रखा जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, ऊंचाई बढ़ाने के लिए प्लेट को लकड़ी के बक्से पर रखें और प्लेट के नीचे एक नॉन-स्किड मैट रखें। आप एक छोटे हैंडल वाला चम्मच चुन सकते हैं। वेल्क्रो ग्रिप का इस्तेमाल करें ताकि चम्मच फिसले नहीं। चम्मच को 90 डिग्री के कोण पर भी घुमाया जा सकता है (दूसरा चित्र देखें) ताकि कम कोशिश से खाने को मुंह तक पहुंचाया जा सके। व्यक्ति को टेबल पर अपनी कोहनी टिकाने दें। एक साइकिल बार हैंडल को चम्मच / कांटे पर लगाया जा सकता है और किसी भी मकैनिक की दुकान पर चम्मच को जरूरत के हिसाब से मोड़ा जा सकता है। कुछ व्यक्ति दाएं हाथ का अधिक इस्तेमाल करते हैं, और कुछ बाएं का - चम्मच ऐसे मोड़ें जो व्यक्ति की आदतों के मुताबिक़ हो।

  

 

  • यदि आवश्यक हो तो दो हैंडल वाला कप इस्तेमाल करें।
  • अधिकांश बुजुर्ग नरम भोजन और कम मसाले पसंद करते हैं, लेकिन व्यक्तिगत स्वाद अलग-अलग होती है, और उस के हिसाब से भोजन दें
  • टिशू का डब्बा पहुँच के भीतर रखें।

गतिशीलता / घूमना:

  • यदि व्यक्ति बिना किसी कठिनाई के स्वतंत्र रूप से चल सकते हैं , तो उन्हें ऐसा करना चाहिए। पर यदि व्यक्ति को चलने में थोड़ी समस्या है - जैसे कि स्थिरता की कमी - तो ऐसे में यदि संतुलन बनाए रखने के लिए वे चलने वाली छड़ी का उपयोग करने के लिए सहमत हों, तो बहुत अच्छा होगा! चार-पैर वाली वाकिंग स्टिक (क्वाड्रापेड वाकिंग स्टिक) अपने आप खड़ी रह सकती है और गिरेगी नहीं।
  • यदि उन्हें एक वॉकर की आवश्यकता है, लेकिन वॉकर हर बार उठाने में थकान और होती है, तो ऐसा वॉकर लें जिस में दो सामने वाले पहिये हों और उन्हें इसको सुरक्षित रूप से उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित करें। आप वॉकर पर एक छोटा बैग / टोकरी बाँध सकते हैं ताकि व्यक्ति उसमें कुछ चीजें रख सकें।

कपड़े / कपड़े पहनना: इसके लिए व्यक्ति की पसंद के अनुसार चुनाव करना बहुत जरूरी है और हमें सावधान रहना चाहिए कि व्यक्ति शर्मिंदा न महसूस करें।

  • यदि बटन लगाना मुश्किल है, तो वेल्क्रो फास्टनर, बड़े बटन या प्रेस बटन आज़माएँ।
  • इलास्टिक वाला पायजामा / ट्रैक पैंट, जो आसानी से ऊपर खींचा जा सके।
  • ढीली शिफ्ट / नाइटी। मेरी 90 वर्षीय आंटी साड़ी के अलावा कुछ भी पहनने से इनकार करती थीं, लेकिन कमर से इतनी झुकी हुई थीं कि उनके लिए सामान्य साड़ी बहुत लम्बी रहती थी। इसलिए हम साड़ी का ऊपरी बॉर्डर (लगभग 4 इंच की लम्बी पट्टी) काट देते थे और लम्बी सिलाई कर देते थे। यह भी ध्यान रहे कि बिना जरी या फैंसी वर्क वाली साड़ियों का चुनाव करें ताकि वे व्यक्ति को चुभें नहीं।
  • यदि शरीर का एक हिस्सा कमजोर हो (जैसे कि लकवे के कारण), तो कपड़े पहनाते समय कमजोर तरफ से पहले पहनाएं (जैसे कि कमजोर बांह को पहले स्वेटर में डालें) पर कपड़े उतारते वक्त पहले अच्छे अंग से वस्त्र हटाएं और फिर कमजोर अंग से।
  • ध्यान रखें कि कपड़ों की लम्बाई ऐसी हो कि कपड़े टखनों से थोड़ा ऊपर तक ही रहें ताकि व्यक्ति का उनमें पैर न अटके और वे गिरें नहीं।

बोलने में दिक्कतें और बात-चीत: स्ट्रोक के कारण बोलने की और चलने फिरने की क्षमता कम हो सकती है। उनकी बात समझ पाने के लिए कुछ उपाय:

  • यदि व्यक्ति बेडरिडेन हैं (शैय्याग्रस्त, पलंग पर ही रहते हैं और केवल आँखों को हिला सकते हैं / कुछ आवाजें बना सकते हैं, तो कोशिश करें कि उनसे सवालों के जवाब उनके पलक झपकते या आँख दायें/ बाएं करने के रूप में मिल पाए - जैसे कि उनसे कहें कि यदि वे हाँ कहना चाहते हैं तो पलक दो पार झपकें, नहीं कहने के लिए एक बार। प्रश्न ऐसे पूछें जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए दो ही विकल्प दें।
  • यदि व्यक्ति स्पर्श करने के लिए हाथ का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन लिख नहीं सकते, तो आप ऐसा चार्ट बनाएं जिस में बड़े अक्षरों में चार से आठ शब्द लिखे हों और शब्दों के बीच काफी अंतर हो। इसे व्यक्ति के पास ऐसे रखें ताकि व्यक्ति इसे देख भी पाएं और छू भी पायें, और फिर आजमाएं कि क्या व्यक्ति इस से सहारे से आपको अपनी इच्छा बता सकते हैं। सरल, आवश्यक शब्दों से शुरू करें - जैसे कि हां, नहीं, पानी, भूख, शौचालय, टीवी, नींद, दर्द, फोन, इत्यादि।
  • यदि व्यक्ति लिख सकते हैं तो उन्हें लिखने के लिए कॉपी और स्केच पेन दें, या एक छोटा सा वाइटबोर्ड और मार्कर।

डायपर: यदि बुज़ुर्ग को मल या मूत्र असंयम है तो डायपर बहुत उपयोगी हैं - ये व्यक्ति को अधिक विश्वास दिलाते हैं, विशेष रूप से रात में, या जब घर से बाहर जा रहे हों या सफ़र कर रहे हों।

  • डायपर विभिन्न साइज़ में उपलब्ध हैं
  • पुरुष / महिला उपयोग के लिए अलग डायपर मिलते हैं।
  • डायपर विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे- पुल-अप-पैन्ट्स या रैप-अराउंड-एंड-फासेन

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लक्ष्मी गोपालकृष्णन विकलांगता के क्षेत्र में स्पेशल एडूकेटर और रिहैबिलिटेशन स्पेशलिस्ट हैं और उन्हें 17 साल का अनुभव है। उन्होंने विद्या सागर नामक एक गैर सरकारी संगठन में काम किया है, जो लोगों को न्यूरोलॉजिकल समस्याओं, जन स्वास्थ्य केंद्र और बच्चों के अस्पताल के लिए सेवाएं प्रदान करता है। वे विकलांगता और मनोविज्ञान विषयों पर ट्रेनिंग प्रोग्राम में लेक्चर भी देती हैं।