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Submitted by Kohila on 27 April 2020

सीने में जलन की समस्या से निपटने के लिए पोषण विशेषज्ञा कोहिला गोविंदाराजु बताती हैं कि कुछ आसान व्यंजनों और जीवन शैली में बदलाव से इस समस्या से निपटा जा सकता है।

अम्ल प्रतिवाह (एसिड रिफ्लक्स) की समस्या से पीड़ित लोगों का खाने का मजा अक्सर तकलीफ में बदल जाता है। अम्ल प्रतिवाह तब होता है जब पेट का अम्ल और पाचन एंजाइम,खाने की नली में उल्टी ओर बहते हैं औरपेट की परत को तकलीफ पहुंचाते हैं। यह निचली एसोफैगल मांसपेशी के ठीक से काम न करने के कारण होता है। यह मांसपेशी पेट के एसिड को पेट में रखने का काम करती है, लेकिन जब पेट का एसिड ऊपर खाने की नली में आ जाता  है तो परिणाम के तौर पर छाती में जलन और कभी-कभी मुंह का स्वाद कड़वा होने जैसी परेशानियां सामने आती हैं। लम्बे समय से चली आ रही अम्ल प्रतिवाह या एसिड रिफ्लक्स की समस्या को जीईआरडी (गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिसीज) कहा जाता है।यदि समय पर इसे नहीं संभाला जाएतो आगे चलकर कई जटिलताएं पैदा हो सकती  है।

नोट: यदि जीवन शैली के परिवर्तन अम्ल प्रतिवाह को नियंत्रण में लाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करें - एसिड रिफ्लक्स को प्रबंधित करने और जटिलताओं से बचने के लिए । अपना उपचार स्वयं न करें। 

To read in English: How To Control Acid Reflux 

अच्छी बात यह है कि खाने-पीने में और जीवन शैली में कुछ बदलाव करने से इस समस्या से राहत मिल सकती है। अम्ल प्रतिवाह को कम करने में मदद के लिए नीचे पढ़ें यहां कुछ टिप्स:

जीवन शैली में बदलाव:

  • एक बार में सिर्फ थोड़ा-थोड़ा भोजन ही खाएं –एक साथ ज्यादा भोजन पेट को फुला देता है और निचली आहार नली, जो पेट के एसिड को पेट तक ही सीमित रखती है, उसकी मांसपेशियों पर दबाव डालता है।
  • वसायुक्त (फैटी) खाद्य पदार्थों से बचें - वसायुक्त खाद्य पदार्थ पचाने में मुश्किल होते हैं, जिससे आपके पेट को काम करने के लिए ज्यादा एसिड बनाना पड़ता है।
  • प्रोटीन ज्यादा खाएं क्योंकि वे आहारनली की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं।
  • वजन कम करें - अतिरिक्त वजन से पेट पर दबाव पड़ता है जिससे पेट में मौजूद सामग्री ऊपर की ओर(यानि कि उल्टी दिशा में) बहती हैं।
  • धूम्रपान छोड़ दें - निकोटीन निचली भोजन नलिका की मांसपेशियों को कमजोर करता है, जिससे पेट का अम्ल आहार नली (ऐसोफेगस) में वापस ऊपर जाने लगता है।
  • खाने के बाद कम से कम एक-दो घंटे तक सोने न जाएं
  • अपने पास फूड डायरी रखें, ताकि देख सकें कि कौन से खाद्य पदार्थ अम्ल प्रतिवाह की समस्या बढ़ाते हैं।

खानपान में बदलाव:

जो कुछ भी आप खाते हैं वह आपके पेट द्वारा उत्पादित एसिड की मात्रा को प्रभावित करता है, इसलिए अम्ल प्रतिवाह को प्रबंधित करने में आपका खानपान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अम्ल प्रतिवाह का कारण बनने वाले खाद्य पदार्थ अलग-अलग व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जिनसे बचना अच्छा माना जाता है।

इन खाद्य पदार्थों से बचें:

  • टमाटर कासॉस
  • अल्कोह़ॉल
  • वसायुक्त (फैटी) या तले हुए खाद्य पदार्थ
  • चॉकलेट, लहसुन
  • पीपरमेंट (पीपरमेंट से ऐसोफेगल स्फिंक्टर की मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं, जिससे अम्लप्रतिवाह को बढ़ावा मिलता है)
  • प्याज
  • कैफीन

आपको क्या खाना चाहिए?

1. फल और सब्जियां

केले और सेब जैसे फल अम्ल प्रतिवाह को नियंत्रित करने में बहुत कारगर होते हैं। केले पेट कीदीवार से बलगम के उत्पादन को उत्तेजित करते हैं, जो सीने में जलन पैदा करने वाले अम्लीय गैस्ट्रिक पदार्थों और पेट की दीवार के बीच एक बैरियर का काम करता है। सेब में घुलनशील फाइबर पेक्टिन और ग्लाइसिन होता है, जो सीने की जलन का मुकाबला करने वाला एक प्राकृतिक एंटासिड है।

अम्ल प्रतिवाह रोकने के लिए आप भोजन के बाद हनीड्यू मेलन या विलायती खरबूजा (कैन्टलोप) जैसे कम अम्लीय फल भी खा सकते हैं। इन फलों में घुलनशील फाइबर, विटामिन और खनिज से शरीर को भोजन पचाने और पोषक तत्व अवशोषित करने में मदद मिलती है। संतरे जैसे अम्लीय फलों से बचना बेहतर है।

जिन सब्जियों में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है उन्हें खाएं, जैसे स्क्वैश, पालक और सफेद बीन्स। पोटेशियम-युक्त खाद्य पदार्थ बाइकार्बोनेट के भी अच्छे स्रोत हैं, जो एसिड को बेअसर करता है। सभी प्रकार की गहरे हरे रंग की सब्जियों, जड़ों और साग में विटामिन, खनिज और फाइबर की प्रचुरता रहती है, जो अम्ल प्रतिवाह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। ब्रोकोली, सेलरी, हरी बीन्सऔर अस्पैरगस(शतावरी) कम एसिड वाली सब्जियां हैं।
फल, सब्जियों और नट्स में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, क्लोराइड और बाइकार्बोनेट होते हैं, जो अम्ल व क्षार के बैलेंस को बनाए रखते हैं।

टमाटर, प्याज और नींबू की मात्रा को सीमित करें।

सब्जियों कोभाप में सेंकना (स्टीम करना) या बेक करके खानासबसे अच्छा है, ताकि आंतोंको नुक्सान पहुंचानेवाला फैटखाने में न हो।

नो-हार्टबर्न  रेसिपी:

केले और अंडे का स्वादिष्ट पैनकेक मिनटों में बनाएं: केले को कांटे से मसल लें। एक अंडे को फेंटें और मसले हुए केले में मिलाएं। इसे अच्छी तरह से तब तक मिलाएं जब तक कि केला और अंडा पूरी तरह मिक्स न हो जाए। इस घोल में आटा नहीं होने के कारण यह बहुत ढीला और तरल होगा। लगभग 2-3 बड़े चम्मच घोल को गर्म नॉन-स्टिक तवे पर डालें और दोनों तरफ से अच्छी तरह से पकाएं। पैनकेक की टॉपिंग के लिए शहद इस्तेमाल करें।

आप आड़ू-बादाम की स्मूदी भी बना सकते हैं: ढाई कप आड़ू को2 कप सोया मिल्क, मुट्ठी भर भीगे हुए बादाम और एक बड़ा चम्मच शहद के साथ फेंट लें।

2. दही

बैक्टीरिया के बहुत ज्यादा बढ़ जाने से भीतरी-पेट पर दबाव पड़ता है जो अम्ल प्रतिवाह पैदा करता है। प्रोबायोटिक्स लैक्टोबैसिलस और बिफिडोजैसे जीवाणु आंत में रहने वाले हानिकारक बैक्टीरिया को कम करने और स्वस्थ संतुलन बहाल करने में प्रभावी साबित होते हैं। तो, दही एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो भोजन को पचाने और अम्ल प्रतिवाह में राहत प्रदान करने में मदद करता है।

नो-हार्टबर्न रेसिपी: ग्रिल्ड चिकन-तरबूज-दही सलाद। लो-फैट दही में एक चुटकी नमक और काली मिर्च के साथ कटोरे में ग्रिल्ड चिकन और हनीड्यूमेलन क्यूब्स डालें। अच्छी तरह से मिलाएं और आनंद लें!

3. साबुत अनाज

ओटमील खाएं। कम वसा (फैट) औरउच्च फाइबर वाले इस भोजन से अम्ल प्रतिवाह नहीं होगा। साबुत अनाज खाएं जो तेल-घी के बिना पकाया गयाहै क्योंकि वसा से अम्ल प्रतिवाह की समस्या होती है। तो पराठे त्यागकर चपातियां खाने का सोचिए।

नो-हार्टबर्न रेसिपी: गेहूँ के आटे वाले ब्रेड से बना अंडे का सैंडविच; दाल या सब्जी के साथ चपाती; सीशेल पास्ता और बीन (ब्लैक बीन, कॉर्न कर्नेल) सूप; सब्जियों, अंडे या मछली के साथ नूडल सूप।

4. प्रोटीन

प्रोटीन खाना आपके लिए अच्छा है क्योंकि प्रोटीन आहारनली की मांसपेशियों को मजबूत करता है। तली हुई मछली या चिकन के बजाय इन्हें बेक या स्टीम करके खाएं। स्मोक्ड मछली से बचना बेहतर है क्योंकि इसमें नमक की मात्रा ज्यादा रहती है। मसालों की अधिकता से बचें।

नो-हार्टबर्न रेसिपी:

मछली को बेक कर  लें और पैन में सेकीहुई शतावरी (एस्पेरेगस), मशरूम और बेल मिर्च जैसी सब्जियों के साथ परोसें।

चिकन का त्वचा रहित सीने का हिस्साचुनें। सीने में अन्य भागों की तुलना में कम वसा होती है। इस में जैतून के तेल के साथ काली मिर्च, तुलसी या रोजमैरीडालने से स्वाद बढ़ा सकते हैं।

5. कैमोमाइल चाय, ग्रीन टी

कैफीन युक्त कॉफी, चाय और सोडा अम्ल के प्रतिवाह को बढाते हैं। बहुत अधिक चाय या कॉफी पीने से बचें। इनके स्थान पर कैफीन या ग्रीन टी जैसी गैर-कैफीन वाली चाय लें।

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