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Submitted by PatientsEngage on 8 July 2021

रमेश कोप्पिकर 35 वर्षों से भारी धूम्रपान करने वाले व्यक्ति थे और उन्होंने धूम्रपान छोड़ने के कई असफल प्रयास किए थे। आखिरकार उन्हें जब दिल का दौरा पड़ा तो उन्हें निकोटीन की लत और धूम्रपान की आदत से हमेशा के लिए छुटकारा पाने का हौसला मिला। पढ़िए उनके द्वारा शेयर की हुई उनकी कहानी।

मैंने सिगरेट पीना 23 साल की उम्र में शुरू करा था- उन दिनों मैं बीएचयू वाराणसी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था । मैं कैंपस के हॉस्टल में रह रहा था और मैं और मेरे दोस्त रात के खाने के बाद टहलने जाया करते थे। बीएचयू का परिसर बड़ा और हरा-भरा है, इसलिए हमारी सैर लंबी और जीवंत चर्चाओं और बहसों से परिपूर्ण होती। बीच-बीच में मेरे दोस्त पान और सिगरेट के लिए रुका करते थे। शुरू में मैं बस खड़े खड़े उन्हें देखता था। फिर जैसे-जैसे दिन बीतते गए, मेरा “मैं इन से बेहतर हूँ” का रवैया फिसलने लगा। एक रात मैंने अपने दोस्तों के साथ यूं ही मस्ती करने के लिए एक सिगरेट सुलगाई। फिर मैंने धीरे-धीरे एक की जगह दो और फिर तीन सिगरेट पीनी शुरू कीं, और सिगरेट का नंबर बढ़ता गया ।

जब तक मैंने कॉलेज की पढाई ख़त्म की, मैं एक दिन में पाँच सिगरेट पीने लगा था। और 2-3 साल के अन्दर मैं रोज 10 और फिर 20 सिगरेट पीने लगा।

Read in English: I breathe and sleep better after I quit smoking

मुझे धूम्रपान में आनंद आता था और मैं सिगरेट पीने का उत्सुकता से इंतजार करता था। मुझे लगता था कि धूम्रपान करने पर मेरा दिमाग़ अधिक तेजी से और बेहतर तरीके से काम करता है। मैं अधिक केंद्रित रह पाता था और तेजी से सोच पाता था। दिलचस्प बात यह है कि मुझे हमेशा खुशी के पलों में धूम्रपान करने की तीव्र इच्छा महसूस होती थी, तब नहीं जब मैं उदास और निराश होता था। इसलिए, जैसे ही मैं उठता, मैं दिन की शुरुआत सिगरेट से करता। फिर मैं दिन भर सिगरेट फूंकता रहता और अंत में मैं सोने से ठीक पहले भी एक सिगरेट लेता।

हालाँकि, मैं हर दिन 20 सिगरेट पी रहा था, मुझे शुरुआत में कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं हुई । मुझे कोई सांस फूलने की, थकान, सुस्ती या बेचैनी जैसी तकलीफ नहीं थी। मैं अपनी युवावस्था से ही कुछ कठोर वर्कआउट करता आ रहा था - जैसे जंपिंग, स्किपिंग, बॉक्सिंग - और रोजाना लंबी सैर भी करता था। मेरा मेटाबॉलिक रेट भी अच्छा ख़ासा था। मुझे लगता है कि इसने मुझे धूम्रपान के दुष्परिणामों से बचाए रखा था।

इसके अलावा, जब आप युवा होते हैं, तो आपको लगता है कि आप अजेय हैं और सभी बीमारियों से सुरक्षित हैं। बढ़ती उम्र के साथ, मैं धूम्रपान के हानिकारक प्रभावों के बारे में अधिक जागरूक हो गया। मैंने धूम्रपान बंद करने की कई कोशिशें कीं लेकिन मुझे लत छुड़ा पाने में दिक्कत हो रही थी। मैंने हर साल धूम्रपान छोड़ने की कोशिश की। मैंने इस के लिए कई बार संकल्प और प्रतिज्ञा लीं लेकिन असफल रहा। मैं सबके सामने घोषणा करता कि मैं कल से धूम्रपान बंद करने जा रहा हूं, लेकिन अगले दिन फिर वही पुरानी आदत वापस लौट आती। बिना धूम्रपान करे मुझे सहज महसूस नहीं होता। मेरा दिमाग ठीक तरीके से काम नहीं करता। ऐसा लगता मानो मेरी बैटरी निकाल दी गई है। मैं गुस्सा और परेशान हो जाता। मैं दूसरों को दोष देने लगता जब वास्तव में यह मेरी गलती थी। और अगले दिन मैं फिर से धूम्रपान करना शुरू कर देता। मुझे लगता है कि यह मेरे सिगरेट छोड़ने की वजह से विड्रॉअल सिम्टम थे और मुझे नहीं मालूम था कि इन्हें कैसे संभालूं।

फिर 40 साल की उम्र में मेरा स्वास्थ्य बिगड़ने लगा। मुझे मधुमेह और रक्तचाप का निदान मिला।

मैंने फिर से धूम्रपान बंद करने की कोशिश की। मैं 2-3 दिनों तक सिगरेट से दूर रहता लेकिन मुझे गंभीर विड्रॉअल सिम्टम लक्षण होते। मैं चिड़चिड़ा हो जाता और मेरे मूड में बहुत बुरे उतार-चढ़ाव होने लगते। मैं अपनी भावनाओं पर नियंत्रण खो देता। मैं अत्यंत दुखी महसूस करता और रात होते होते मुझे सिरदर्द हो जाता। मैं इतना संघर्ष सह न पाता और हार कर फिर से सिगरेट सुलगा लेता।

मैंने अपने फैमिली डॉक्टर से कहा कि मैं धूम्रपान छोड़ना चाहता हूँ। उन्होंने सलाह दी कि मैं रेस्टाइल की गोली (चिंता को दूर करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा) लूं, जो मुझे शांत और संयत रखेगी और धूम्रपान करने की इच्छा को दूर करेगी। लेकिन रेस्टाइल का मुझ पर कुछ अलग ही असर हुआ। मेरी काम करने की इच्छा चली गयी। ज़ाहिर है, यह सही समाधान नहीं था।

चार साल पहले मुझे दिल का दौरा पड़ा। मेरे सीने में अचानक दर्द हुआ और मैं सांस नहीं ले पा रहा था। मुझे तुरंत अस्पताल ले जाया गया और डॉक्टरों ने मुझे बताया कि मेरी आर्टरीज ब्लाक हो गई थीं। रक्त के प्रवाह को बहाल करने के लिए एक स्टेंट डाला गया।

इस दिल के दौरे ने मेरे जीवन को हिलाकर रख दिया। मेरे कार्डियोलॉजिस्ट (हृदय रोग विशेषज्ञ) ने मुझसे तब तक मिलने से इनकार कर दिया जब तक कि मैंने धूम्रपान या बंद नहीं करता या सिगरेट की संख्या काफी कम नहीं करता। मैंने तब फैसला किया कि मुझे जीवित रह पाने के लिए किसी न किसी तरह धूम्रपान बंद करना ही होगा।

एक बार फिर, मैंने सिगरेट छोड़ने वाली पूरी कवायद शुरू कर दी। लेकिन जल्द ही महसूस किया कि ऐसे छोड़ना काफी मुश्किल होगा। लत तोड़ना, सिगरेट की हुड़क को संभालना, और आदत से हमेशा के लिए छुटकारा पाना बहुत कठिन था।

आख़िरकार, मेरे मधुमेह विशेषज्ञ ने सिफारिश की कि मैं डॉ. लैंसलॉट पिंटो से मिलूं, जो एक श्वसन रोग के और धूम्रपान बंद करने की चिकित्सा के विशेषज्ञ हैं। स्मोकिंग सेसेशन थेरेपी (धूम्रपान बंद करने की थेरेपी) के लिए एक बहुआयामी बहु-साझेदारी वाले दृष्टिकोण की जरूरत है। डॉक्टर, काउंसलर, मरीज और परिवार को एक टीम के रूप में एक साथ काम करना होता है। काउंसलिंग सेशन से मुझे बेहद फायदा हुआ। मनोवैज्ञानिक ने मुझे सिगरेट की लालसा पैदा करने वाले ट्रिगर पॉइंट से जूझने में मदद की। मुझे दवाओं का एक संयोजन दिया गया, जिसमें एक अवसादरोधक (एंटी-डिप्रेसेंट) दवा भी शामिल थी। चैम्पिक्स (एक प्रिस्क्रिप्शन दवा जो वयस्कों को धूम्रपान रोकने में मदद करती है) ने जादू की तरह काम किया। परिवार ने मुझे पूरी तरह से समर्थन दिया और कमजोर क्षणों में मेरा मनोबल बनाए रखा।

सेसेशन थेरेपी की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें धूम्रपान धीरे धीरे कम करना होता है, रातों रात पूरी तरह नहीं छोड़ना होता है। इस से सिगरेट छोड़ने से होने वाले विड्रॉअल के लक्षणों से बेहतर तरीके से संभाला जा सकता है। एक सप्ताह के भीतर ही मेरे धूम्रपान करने की इच्छा में कमी हुई। सिगरेट की संख्या कम होने लगी। पर मुझे पहले की तरह गंभीर विड्रॉअल सिम्टम नहीं हुए।

आज, मुझे अपनी आखिरी सिगरेट पीए 14 हफ्ते हो चुके हैं। मैं इस बात के लिए शुक्रगुजार हूं कि मैंने अब पूरी तरह से धूम्रपान छोड़ दिया है। 35 साल से लगातार धूम्रपान करने के बाद मुझे यह नई जिंदगी बहुत भा रही है। मैं अब पहले से बहुत स्वस्थ महसूस कर रहा हूं।

मैंने अपने आप में जो मुख्य अंतर देखा है, वह यह है कि अब मेरे फेफड़ों में अधिक ऑक्सीजन जा रही है। मैं बिना सांस के फूले, बेहतर चल पाता हूं। मैं बेहतर सोता हूँ। मुझे अब सुस्ती नहीं लगती।

मैं अब 61 साल का हूं। मेरा मानना है कि धूम्रपान छोड़ना और स्वस्थ जीवन शैली अपनाना किसी भी उम्र में हो सकता है - इस के लिए कभी भी देर नहीं होती। यदि आप धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं तो आपको पूरी तरह से दृढ़संकल्प और प्रतिबद्ध होना होगा। कोई भी आपकी उतनी मदद नहीं कर सकता जितनी आप खुद कर सकते हैं - जो लोग इस लत को लात मारना चाहते हैं, मेरा उन के लिए यही सन्देश है।

(अनुरोध पर नाम बदला गया है)