स्तनपान सप्ताह (ब्रैस्टफीडिंग वीक) 1-7 अगस्त के अवसर पर डॉ शीतल पटेल शिशुओं को स्तनपान कराने के कई लाभों के बारे में चर्चा करती हैं।
स्तनपान कराना न केवल मां और बच्चे के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह बच्चों को दूध पिलाने का सबसे प्राकृतिक और आदर्श तरीका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) की सिफारिश है कि माताओं को पहले 6 महीनों के लिए शिशु को सिर्फ स्तनपान कराना चाहिए, यानी कि शिशु को स्तन के दूध के अलावा कोई अन्य भोजन या पानी नहीं देना चाहिए और फिर 6 महीने से 2 वर्ष की उम्र तक या उसके बाद भी स्तन पान कराते रहना चाहिए, और स्तन के दूध के साथ-साथ शिशु को अन्य खाद्य पदार्थ (पूरक भोजन) भी देने चाहियें।
स्तनपान से माँ को होने वाले फायदे:
- यह स्तन कैंसर और डिम्बग्रंथि के कैंसर जैसे कुछ कैंसर के जोखिम को कम करता है।
- इस से लैक्टेशन हार्मोन ऑक्सीटोसिन बनता है, और यह गर्भाशय को गर्भावस्था से पहले वाले आकार में वापस लाने में सहायता करता है।
- दूध पिलाने से हार्मोन प्रोलैक्टिन का स्राव भी होता है जिससे माँ शांत और रिलैक्स्ड महसूस करती है।
- यह प्रसवोत्तर रक्तस्राव (हेमोरेज) के जोखिम को कम करता है।
- यह प्रसव के बाद मासिक धर्म के चक्र के फिर से शुरू होने में विलम्ब करता है, और इस तरह इस बच्चे के जन्म और अगले गर्भधारण के बीच एक स्वस्थ अंतर बना रहता है।
- कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि दूध पिलाने के दौरान माँ और शिशु के बीच जो संपर्क और भावनात्मक सम्बन्ध बनता है वह शिशु में प्यार और सुरक्षा की भावना को विकसित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- स्तनपान कराना बोतल के दूध (फॉर्मूला मिल्क) देने की तुलना में अधिक किफायती है।
- स्तनपान शिशु को रात को और यात्रा के दौरान भोजन कराने का आसान विकल्प है।
- स्तन का दूध अधिक स्वच्छ होता है क्योंकि मां का दूध पहले से ही स्वच्छ और जीवाणुरहित है, और स्तनपान कराने के लिए बोतल धोने या स्टरलाइज़ करने की जरूरत नहीं है।
- इसमें फॉर्मूला फीडिंग की तुलना में समय और मेहनत की बचत होती है।
- यह माँ का गर्भावस्था में बढ़े हुए वजन को तेजी से कम करने में मदद करता है क्योंकि स्तनपान कराने के लिए माँ की अधिक कैलोरी खर्च होती हैं।
- यह ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करता है।
माँ और बच्चे पर स्तनपान कराने के लाभों पर इन्फोग्राफिक देखें
स्तन का दूध लेने से बच्चे को होने वाले लाभ :
- यह दूध बच्चे की प्रतिरक्षक क्षमता को बढ़ाता है क्योंकि इस के ज़रिये मां की एंटीबॉडीज बच्चे तक पहुँच पाती है।
- यह बच्चे की बढ़ती आवश्यकताओं के लिए विशिष्ट सम्पूर्ण और संतुलित पोषण है।
- इस दूध को लेने से फॉर्मूला दूध (गाय के दूध के प्रोटीन से बने) से संभव एलर्जी प्रतिक्रिया नहीं होती है।
- यह ओटिटिस मीडिया और सांस की बीमारियों जैसे संक्रमण की संभावना को कम करता है।
- यह कब्ज, उल्टी और दस्त की घटनाओं को कम करता है।
- यह टाइप 2 डायबिटीज, बचपन और वयस्क अवस्था का मोटापा, उच्च कोलेस्ट्रॉल और कोरोनरी हृदय रोग होने की संभावना को कम करने के लिए जाना जाता है।
- यह समय से पहले पैदा हुए बच्चों में अंधापन और दृश्य हानि की संभावना को कम करता है।
- यह एसआईडीएस (सडेन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम, शिशु की अचानक मृत्यु होने वाला संलक्षण) के जोखिम को महत्वपूर्ण रूप से कम करता है, खासकर अगर 6 महीने तक शिशु को सिर्फ स्तनपान से ही भोजन और पानी दिया जाए।
- यह टीकाकरण की प्रभावशीलता को बढ़ाता है।
- इस से दंत क्षय (कैरीज़) का जोखिम कम होता है।
- यह अस्थमा और एलर्जी होने की संभावना को कम करता है।
- यह बचपन के ल्यूकेमिया जैसे कुछ कैंसर के जोखिम को कम करता है।
- यह बच्चे का आईक्यू (इंटेलिजेंस कोशेंट, बुद्धिलब्धि) बढ़ाने के लिए जाना जाता है
स्तनपान से परिवार को होने वाले लाभ:
- फार्मूला दूध, बोतल, निप्पल, स्टरलाइज़र, वार्मर आदि पर लागत की बचत।
- स्वस्थ और फिट बच्चा।
समुदाय के लिए स्तनपान के लाभ:
- यह पर्यावरण के अनुकूल है (इससे पर्यावरण में कोई हानि नहीं होती)।
- परिवार अधिक स्वस्थ होते हैं।
- स्वास्थ्य देखभाल में बचत
- यह उच्च शिक्षा की संभावना बढ़ाता है
- यह बाल शोषण और पिटाई की घटनाओं को कम करता है।