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Submitted by PatientsEngage on 16 October 2022
An elderly woman exercising using resistance bands and text overlay that says exercise for osteoporosis

ऑस्टियोपोरोसिस (कमजोर हड्डियाँ, अस्थिसुषिरता, अस्थिसुविरता) से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सही व्यायाम गति की बहाली, कार्यात्मक गतिशीलता के रखरखाव, ताकत और चोट से बचाने में मदद करता है। इस लेख में फिजियोथेरेपिस्ट नेहा सेठिया व्यायाम के लिए विस्तार में इन मुद्दों को संबोधित करता है। इसे बुकमार्क करें।

ऑस्टियोपोरोसिस के एक केस का वर्णन

एक 62 वर्षीय महिला क्लिनिक एक महीने से कमर दर्द की शिकायत के साथ आई थीं। उसे बिस्तर पर करवट लेने में, एक घंटे से अधिक समय तक बैठने में और आधे घंटे से अधिक समय तक खड़े रहने में कठिनाई हो रही थी। उस के खड़े होने / बैठने के आसन की जांच पर एक हल्का कूबड़ दिखायी दिया। दर्द के क्षेत्र में कशेरुकाओं और मांसपेशियों में संवेदनशीलता थी। महिला को रीढ़ की एक्स-रे की सलाह दी गई, जिसमें डी 11लेवल  (थोरैसिक स्पाइन) पर रीढ़ की हड्डी में संपीड़न (कम्प्रेशन) फ्रैक्चर का पता चला। चिकित्सक की सलाह के अनुसार की गई जांच पर ऑस्टियोपोरोसिस का निदान दिया गया।

To Read in English: The Right Exercise For Osteoporosis 

ऑस्टियोपोरोसिस का शाब्दिक अर्थ है छिद्र-युक्त झरझरी हड्डी। इसे अकसर एक मूक रोग कहा जाता है क्योंकि हड्डी के कमजोर होने के कोई लक्षण नहीं होते,  और हड्डियाँ बिगड़ती जाती हैं। एक्स-रे रिपोर्ट में देखा गया ऑस्टियोपीनिया शब्द भी ऑस्टियोपोरोसिस से जुड़ा है। इसमें हड्डियों का घनत्व (डेन्सिटी) सामान्य से कम होता है पर ऑस्टियोपोरोसिस में दिखने वाले घनत्व जितना कम नहीं है। फ्रैक्चर (हड्डी टूटना) अक्सर ऑस्टियोपोरोसिस का पहला संकेत होते हैं।

ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण और संकेत:

  • पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक आम है।
  • पीठ दर्द, जो कभी-कभी होता है। दर्द आमतौर पर ऊपरी और मध्य पीठ के क्षेत्र में होता है।
  • झुका हुआ आसन पोशचर/ कूबड़ निकला हुआ/ डोवेजर हम्प (पीठ ऐसी झुकी हुई हो जैसे बहुत बूढ़ी औरतों में देखी जाती है)
  • रीढ़ की हड्डी का संपीड़न फ्रैक्चर
  • समय के साथ कद घटना
  • प्रभावित क्षेत्र आमतौर पर रीढ़, कूल्हे और कलाई होते हैं

वृद्धों की आबादी बढ़ रही है, और इसलिए ऑस्टियोपोरोसिस के बारे में लोगों को शिक्षित करने और उनमें जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। हड्डी नाजुक हो तो आसानी से टूट सकती है और इसके परिणामस्वरूप बुजुर्गों की कार्यात्मक क्षमता कम हो जाती है। शुरुआती जांच, सही खान-पान, दवाएं और व्यायाम ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए प्रारंभिक जांच की जानी चाहिए जैसे:

  • महिलाएं जिनकी रजोनिवृत्ति हो चुकी हो
  • 65 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं
  • ऑस्टियोपोरोसिस का वंशानुगत इतिहास वाला कोई भी व्यक्ति
  • 70 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष

ऑस्टियोपोरोसिस के लिए किए गए नैदानिक परीक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं।

यह परीक्षण यह पहचानने में मदद करता है कि क्या व्यक्ति में सामान्य अस्थि घनत्व, कम अस्थि घनत्व (ऑस्टियोपेनिया) या ऑस्टियोपोरोसिस है। इस परीक्षण में प्राप्त टी-स्कोर कितना है, निदान उस पर निर्भर है।

  1. प्रारंभिक जांच के लिए रक्त परीक्षण:

    • बोन प्रोफ़ाइल - सीरम कैल्शियम, फॉस्फेट, और एल्ब्यूमिन
    • ऐल्कलाइन फॉस्फेट
    • विटामिन डी3
    • ईएसआर
  2. बोन मिनरल डेन्सिटी (बीएमडी):

यह परीक्षण यह पहचानने में मदद करता है कि क्या व्यक्ति में सामान्य अस्थि घनत्व, कम अस्थि घनत्व (ऑस्टियोपेनिया) या ऑस्टियोपोरोसिस है। इस परीक्षण में प्राप्त टी-स्कोर कितना है, निदान उस पर निर्भर है।

सामान्य (कोई समस्या नहीं)

+1 से -1

कम अस्थि घनत्व (ऑस्टियोपीनिया)

-1 से -2.5 

ऑस्टियोपोरोसिस

-2.5 और उस से कम

सप्लीमेंट और दवाएं:

  • कैल्शियम और विटामिन डी ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम के लिए उत्कृष्ट आधार हैं।
  • कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ (दुग्ध पदार्थ और अन्य पदार्थ) जैसे पनीर, दही, दूध, पत्तेदार हरी सब्जियां (जैसे पालक), फलियां, सोयाबीन और समुद्री भोजन (समुद्र से प्राप्‍त खाद्य जैसे कि मछलियाँ और घोंघे आदि)।
  • शरीर  में कैल्शियम के अवशोषण के लिए विटामिन डी आवश्यक है।
  • विटामिन डी के स्रोत - कुछ खाद्य स्रोत (जैसे समुद्री भोजन), डॉक्टर द्वारा बताए गए सप्लमेन्ट, और पर्याप्त समय तक सूर्य की रोशनी में रहना। कम से कम आधे घंटे के लिए सुबह सैर पर जाना कुछ धूप पाने का एक अच्छा तरीका है।
  • यह देखा गया है कि ऑस्टियोपोरोसिस की दवाओं से हड्डियों का घनत्व बढ़ता है और फ्रैक्चर की घटनाएं कम होती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस के लिए व्यक्तिगत आधार पर आवश्यक दवा लाऊं सी लें और कब और कैसे लें, इस के लिए अपने चिकित्सक से सलाह करें।

व्यायाम का प्रबंधन:

फिजियोथेरेपी वह क्षेत्र है जो गतिशीलता के विज्ञान का अध्ययन करता है। फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा दी गई व्यायाम योजना गतिशीलता की बहाली, कार्यात्मक गतिशीलता के रखरखाव, ताकत और चोट की रोकथाम में मदद करती है।

ऑस्टियोपोरोसिस में फिजियोथेरेपी की भूमिका

  • व्यक्ति के वर्तमान कार्यात्मक स्तर, गतिशीलता और व्यक्ति की ताकत के आधार पर व्यक्ति के लिए एक उपयुक्त व्यायाम प्रबंधन कार्यक्रम तैयार करना होता है। उदाहरण के लिए, ऑस्टियोपीनिया हो तो व्यक्ति को एक ऐसा व्यायाम कार्यक्रम दिया जाएगा जिसमें लेटने और खड़े होने, दोनों के लिए व्यायाम शामिल हैं। पर गंभीर ऑस्टियोपोरोसिस के मामले में शुरू में बिस्तर पर लेट कर करने वाले व्यायाम दिए जाएंगे जिनको धीमी गति से करना होगा, और साथ में धीरे से सुरक्षित तरह से चलने के लिए भी कहा जाएगा। कम गतिशीलता वाले और व्हीलचेयर का इस्तेमाल करने वाले लोगों को लेट कर या बैठ कर करने वाले व्यायाम के कार्यक्रम की आवश्यकता होगी।
  • बैठने, खड़े होने और सोते समय के लिए सही  तरीके/ आसन सिखाने के लिए।
  • ऐसे व्यायाम या चलने/ फिरने और अन्य गति के बारे में शिक्षित करने के लिए जो ऑस्टियोपोरोसिस होने पर अनुचित/ जोखिम वाले हैं।
  • मांसपेशियों की गतिशीलता, ताकत और लचीलेपन को बहाल करने के लिए ताकि व्यक्ति अपने कार्यों के लिए आवश्यक गतिशीलता बनाए रखे।

व्यायाम कार्यक्रम में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • वेट-बीयरिंग या वजन उठाने वाले व्यायाम (जिनमें आप की मासपेशियाँ किसी वजन को उठा रही हैं, चाहे यह वजन अपने शरीर का ही हो) -  जैसे चलना, सीढ़ी चढ़ना, या ऐसे एरोबिक्स जिन में पैर पर अधिक वजन न पड़े (लो-इम्पैक्ट एरोबिक्स)। चलना सामान्य और तेज गति का संयोजन हो सकता है या यदि संभव हो तो टखने पर वजन बांधकर चलना, जिस से चलने की क्रिया मांसपेशियों की ताकत प्रशिक्षण गतिविधि में बदल सकता है।
  • हल्के वजन और रेसिस्टेंस बैंड का उपयोग करके लचीलापन और ताकत बढ़ाने वाले व्यायाम। सही मुद्रा रखने के लिए विशेष रूप से रीढ़ की हड्डी की मांसपेशियों को मजबूत करना बहुत जरूरी है।
  • रीढ़ की हड्डी को दुरुस्त बनाए रखने के लिए आसन नियंत्रण व्यायाम, और गिरने से बचाने के लिए संतुलन व्यायाम। पोस्टुरल मेंटेनेंस (सही आसन बनाए रखना) के लिए, रोगी को आमतौर पर पीठ को सहारा देकर सीधे बैठने का निर्देश दिया जाता है ताकि पीठ को झुकने से रोका जा सके।
  • संतुलन के लिए व्यायाम के लिए मार्चिंग, तिरछे चलना, रेलिंग को पकड़ कर चलना, और उस के सहारे एड़ी उठाना और नीचे करना, और फिर पैर की अंगुलियाँ उठाना और नीचे रखना। खड़े होने के व्यायाम से संतुलन बेहतर होता है और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने में मदद मिलती है।

टिप्पणी:

खड़े रहने का व्यायाम  हमेशा रेलिंग या टेबल जैसे स्थिर सहारे को पकड़कर करें। ऐसी चीज न पकड़ें जो अस्थिर/ हल्की है और आपका बोझ पड़ने पर गिर सकती है - जैसे कि प्लास्टिक की हल्की कुर्सी - क्योंकि यह उलट गई तो आप गिर सकते हैं।

जिन लोगों को दर्दनाक घुटने या पीठ हों या जिनका संतुलन खराब हो वे नीचे दिए गए व्यायाम किसी की निगरानी में कर सकते हैं, पर इन्हें फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा अनुमोदित किए जाने के बाद।

  • जोड़ों की गतिशीलता बनाए रखने के लिए सप्ताह में कम से कम 2-3 बार लचीलापन बढ़ाने वाले व्यायाम करना चाहिए। नीचे शरीर के निचले हिस्से, पीठ और ऊपरी शरीर में खिंचाव के व्यायाम के कुछ उदाहरण हैं

  • हल्के वजन और कम प्रतिरोध वाले रेसिस्टेंस बैंड का उपयोग करके ताकत बढ़ाने वाले व्यायाम किए जाते हैं। सही आसन बनाए रखने के लिए विशेष रूप से रीढ़ की हड्डी की मांसपेशियों को मजबूत करना बहुत जरूरी है।

  • रीढ़ की हड्डी को ठीक बनाए रखने के लिए आसन नियंत्रण व्यायाम और गिरने से बचाने के लिए संतुलन व्यायाम। बैठने में संतुलन व्यायाम जैसे मार्चिंग, तिरछे चलना, रेलिंग को पकड़ कर चलना, और उस के सहारे एड़ी उठाना और नीचे करना, और फिर पैर की अंगुलियाँ उठाना और नीचे रखना आदि को प्रोत्साहित किया जाता है । खड़े होने के व्यायाम से संतुलन और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने में मदद मिलती है।

ऊपर दी गयी केस स्टडी में महिला को दर्द प्रबंधन, आसन सुधार और पीठ को मजबूत करने वाला कार्यक्रम प्राप्त करने के लिए फिजियोथेरेपी के पास भेजा गया था। महिला को फ्रैक्चर वाले क्षेत्र को उचित सहारा देने के लिए ब्रेस पहनने की भी सलाह दी गई।

व्यायाम करते समय क्या करें और क्या न करें।

  • लड़खड़ाने / गिरने से बचने के लिए चलते समय नॉन-स्किड (जो फिसलें नहीं) तलवों वाले बिना ऊंची एड़ी के व्यावहारिक और मजबूत जूते पहनें।
  • आंखों की नियमित जांच कराएं क्योंकि खराब दृष्टि या गलत चश्मा हो तो यह गिरने का कारण बन सकता है।
  • अच्छी तरह से प्रकाश-युक्त और व्यवस्थित, फालतू वस्तुओं से मुक्त क्षेत्र में व्यायाम करें।
  • यदि आपकी दवा के कारण आपको चक्कर आते हैं या कमज़ोरी महसूस होती है, तो व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से जरूर पूछ लें।
  • अत्यधिक आगे झुकने, मुड़ने या कूदने, जॉगिंग, स्किपिंग जैसे व्यायाम से बचें - इन में पैर ज्यादा जोर से जमीन पर पड़ते हैं जिस से हड्डी के टूटने का जोखिम अधिक होता है।
  • योग ताई-ची, पिलेट्स और नृत्य भी गतिशीलता, ताकत और लचीलेपन को सुधारने और बनाए रखने में मदद करता है। कुछ प्रकार से शरीर को घुमाने से, अत्यधिक आगे झुकने से और व्यायाम के समय पैरों पर अधिक वजन डालने से (हाई-इम्पैक्ट) उचित नहीं हैं। कौन सा व्यायाम उपयुक्त हैं, कौन स नहीं, यह जानने के लिए फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह ले लेनी चाहिए।

किस प्रकार की जीवन शैली से जोखिम बढ़ता है, और क्या संशोधन करें:

गतिहीन/ निष्क्रिय जीवनशैली, कम कैल्शियम का आहार, अधिक धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन में ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा अधिक होता है। बचे रहने के लिए सक्रिय जीवन शैली (जैसे हर दिन आधे घंटे टहलना) को बनाए रखना और संतुलित भोजन करना आवश्यक है।

सन्दर्भ:

Condition