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Submitted by PatientsEngage on 18 April 2021
Person with haemophilia, Vinay Nair in a brown kurta with his wife in a red and gold sari holding baby girl in green and white dress in arms

32 साल के विनय नायर को हीमोफिलिया है और उनका बचपन, बड़े पैमाने में मध्यम या गंभीर रक्तस्राव के एपिसोड वाला रहा था। उनकी माँ, इंदिरा, अपने बेटे के सकारात्मक रवैये और दृढ़ निश्चय की तारीफ करती हैं और कहती हैं कि इस की वजह से वह अपनी स्वास्थ्य चुनौतियों का असाधारण रूप से सामना कर पाया है।

जब विनय 6 महीने का था, तो उसके हाथों और पैरों पर अजीब तरह के नीले-नीले निशान उभरने शुरू हो गए थे, उसी प्रकार के नीले-नीले निशान जो तब होते हैं जब आपको चोट लगी होती है या कोई चुटकी भरता है। ये हालांकि छोटे आकार के थे और कुछ दिनों में चले जाते थे, पर फिर नए निशान उभर आते थे। जब मैं धीरे से उन पर हाथ रगड़ती, तो विनय पीछे झटक जाता था और जोर से रो पड़ता था।

अंत में, मैं उसे डॉक्टर के पास ले गयी। एक रक्त परीक्षण किया गया और मुझे हेमेटोलॉजिस्ट से मिलने की सलाह दी गई। टेस्ट के मुताबिक विनय को हीमोफिलिया था। ये काले और नीले निशान आंतरिक रक्तस्राव के कारण हो रहे हैं। हेमटोलॉजिस्ट की बात कयामत की आवाज की तरह लग रही थी। उन्होंने कहा - “अपने बच्चे के बारे में बहुत सावधान रहिये। कभी उसे गिरने मत दीजिये। वह कांच के गुड्डे की तरह है, वह टूट जाएगा।“

हमने डॉक्टर की बात को गंभीरता से नहीं लिया। विनय एक स्वस्थ बच्चा था जिसकी कोई अन्य शिकायत नहीं थी। परिवार में और कोई नहीं था जिसे हीमोफिलिया था। इसलिए, यह शायद हमारी जानकारी की कमी थी जिसने हमें शांत रखने में मदद करी और बहुत अधिक परेशान नहीं होने दिया। हम सोचते रहे कि समय के साथ, बड़े होने पर समस्या खुद दूर हो जायेगी। 1 से 7 साल की उम्र के बीच, समय-समय पर छोटे, नीले निशान को छोड़कर, कुछ भी अप्रिय और असहनीय नहीं हुआ।

हीमोफिलिया मांसपेशी रक्तस्राव

पर जब विनय 8 वर्ष का था, हमने पहली बार महसूस किया कि हीमोफिलिया के कारण खून कितनी गंभीर तरह से बह सकता है। विनय स्कूल में गिरा था, और उसे चोट जाँघ पर लगी। उसकी जांघ की मांसपेशी में खून बहने लगा। ये सभी आंतरिक रक्त स्राव (इंटरनल ब्लीडिंग) हैं। मांसपेशियों में इस तरह अंदरूनी खून बहने से शरीर में खून की काफी कमी हो सकती है। और निकला हुआ खून अन्दर ही अन्दर बेहने लगता है जब इस से तंत्रिका और रक्त वाहिकाओं पर दबाव पड़ता है, तो बेहद दर्दनाक और असहनीय हो जाता है। उसकी जांघ बुरी तरह सूज गई थी और बहुत दर्द कर रही थी। हमें उसे घर वापस लाने में बहुत समस्या हुई, क्योंकि जब भी कुछ उसके पैर या जांघ को छूता तो वह दर्द से चिल्ला उठता। हमें नहीं पता चल पा रहा था कि उसे किस पोजीशन में रखा जाए या उठाया जाए। उसे तुरंत क्रायोप्रेसिपिटेट (एक रक्त-थक्का कारक) के ट्रांसफ्यूज़न पर रखा गया, और कई दिनों के लिए प्रति दिन 2/3 सैचेत दिए गए।

वह एक इन्हिबिटर बन गया

जब विनय 9 वर्ष का हुआ, तो एक ऐसी ही घटना फिर से हुई जिसकी वजह से उसे फिर क्रायोप्रेसिपिटेट लेने के आवश्यकता पड़ी। लेकिन इस बार उसका खून बहना बंद नहीं हुआ। हम उसे अस्पताल ले गए और हमें पता चला कि वह एक “इन्हिबिटर” बन गया था। कुछ लोगों में क्रायोप्रेसिपिटेट जैसे क्लॉटिंग फैक्टर के विरुद्ध एंटी-बॉडीज यानी कि इन्हिबिटर बन जाते हैं और ये क्लॉटिंग फैक्टर की मदद से थक्के बनने की प्रक्रिया में अवरोधक होते हैं - इसलिए इन लोगों में क्लॉटिंग फैक्टर अधिक मात्रा में देना पड़ता है और बिलिंग रुकने में ज्यादा समय लगता है । अवरोधकों वाला व्यक्ति अधिक रक्तस्राव और दर्द का सामना करता है और इन्हिबिटर का बनना हीमोफिलिया देखभाल की सबसे कठिन चुनौतियों में से एक है। ऐसे लोगों में जिन में ये अवरोधक बने रहते हैं (परसिस्टेंट इन्हिबिटर), यदि मांसपेशियों और जोड़ों में रक्तस्राव (हीमोफिलिया में सबसे आम प्रकार का रक्तस्राव) नियंत्रित नहीं होता है, तो जोड़ों में स्थायी क्षति की संभावना है, और कभी-कभी रुग्णता भी हो सकती है।

इस स्थिति में, एक उच्च खुराक वाले क्लॉटिंग फैक्टर कंसन्ट्रेट को नस में इंजेक्ट करने की जरूरत होती है। आपको इसका खर्च का अंदाजा देने के लिए बता दूं कि फैक्टर की 1000 यूनिट की कीमत लगभग 10,000 रुपये है। एक वयस्क को एक ब्लीडिंग के एपिसोड के लिए लगभग 2000 या अधिक इकाइयों की आवश्यकता होती है। हीमोफिलिया से पीड़ित व्यक्ति के लिए आम तौर पर प्रति माह एक या अधिक मध्यम प्रकार के ब्लीडिंग एपिसोड होता है। और कभी-कभी ब्लीडिंग अधिक गंभीर भी हो सकती है।

ब्लीडिंग प्रॉब्लम के बावजूद स्कूली शिक्षा

हीमोफिलिया में ब्लीडिंग हमेशा गिरने या चोट के कारण शुरू हों, यह जरूरी नहीं। यदि व्यक्ति उत्तेजित, चिंतित, या डरे हुए हों तो अप्रत्याशित, सहज ब्लीडिंग भी हो सकती है। उदाहरण के लिए, किशोरावस्था में विनय को कभी-कभी परीक्षा, विवाह समारोह, या पिकनिक के अवसर पर भी ब्लीडिंग हो जाती थी। ऐसे कई मौके थे जब मुझे कोई आउटिंग इसलिए रद्द करनी पड़ी क्योंकि उसके घुटनों, टखनों, कोहनी या कंधों में ब्लीडिंग शुरू हो गयी थी। इन घटनाओं के दौरान उसे इतना दर्द होता था कि उसके लिए बैठना, उठाना, लेटना, या हाथ हिलाना, कुछ भी संभव नहीं होता था।

विनय का स्कूली जीवन उसके इस तरह के ब्लीडिंग की घटनाओं के कारण बहुत बाधित था। कभी-कभी वह साल में सिर्फ दो महीने ही स्कूल जा पाता था। लेकिन वह एक मेहनती बच्चा था। वह अपने बड़े भाई, अजय, और दोस्तों से नोट्स एकत्रित करता था और ज्यादातर घर पर पढ़ाई करता था।

मुझे याद है, अंतिम वर्ष की स्कूल बोर्ड परीक्षा के दौरान कई समस्याएं हुई थीं। उसके फाइनल से ठीक पहले एक बहुत बड़े ब्लीडिंग एपिसोड के कारण वह लगभग एक महीने तक अस्पताल में रहा था। छह महीने बाद, जब वह फिर से परीक्षा में प्रकट हुआ, तो वह तीन पर्चे तो लिख पाया पर लेकिन बाद में उसकी हथेली से खून बहने लगा। उसका पूरा दाहिना हाथ नीला हो गया था और सूज गया था। और वह उसे बिल्कुल भी हिलाने में सक्षम नहीं था। लेकिन उसने इस बार अपनी परीक्षा खत्म करने की ठानी थी, इसलिए दर्द निवारक गोलियां लेकर और धीरे धीर लिख कर हिम्मत करके उसने अपना पेपर पूरा किया।

कॉलेज में आत्मविश्वास

विनय जब स्कूल पास कर पाया तो मुझे बहुत राहत मिली, क्योंकि उसकी उच्च अनुपस्थिति और लगातार रक्तस्राव के एपिसोड के कारण मुझे शक था कि क्या वह अपनी पढ़ाई पूरी कर पायेगा। जैसे ही विनय को स्कूल से उसका पास सर्टिफिकेट मिला, उसने कॉलेज में दाखिला ले लिया। कॉलेज के जीवन ने उन्हें नाटकीय रूप से बदल दिया। वह मित्रों और स्वतंत्रता का आनंद लेने लगा। वह माध्यम प्रकार के ब्लीडिंग की घटनाओं को खुद संभाल पाता था और उसका इस के लिए आत्मविश्वास भी अधिक होने लगा।

कॉलेज के बाद विनय एमबीए प्रोग्राम में दाखिल हुआ। जब उसने अपनी मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की, तो यह मेरे जीवन का सबसे खुशी वाला दिन था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरा बेटा इतनी पढ़ाई कर पाएगा या वह इतने तनाव और दबाव को संभाल पाएगा। हमने केक काटकर उसकी सफलता का जश्न मनाया।

2015 में विनय ने स्वेधा से शादी करी। शादी से पहले उसने स्वेधा से अपने हीमोफिलिक अवस्था का खुलासा किया, लेकिन स्वेधा कहा कि यह कोई बाधा नहीं है। आज विनय एक खुशहाल स्थिति में है। उसकी एक 2 साल की बेटी है - अविका - और कुछ महीने पहले उसने टीसीएस में सीनियर एनालिस्ट के पद पर नौकरी हासिल की। और हाल ही में उसके टेस्ट से पता चला कि अब वह “इनहिबिटर निगेटिव” है।

हीमोफिलिया के अन्य रोगियों के लिए विनय की सलाह है:

  1. हीमोफिलिया वाले हर व्यक्ति के लिए फिजियोथेरेपी जरूरी है क्योंकि यह जोड़ों और मांसपेशियों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखती है।
  2. याद रखें - हीमोफिलिया की दौड़ खत्म नहीं हुई है क्योंकि मैं अभी तक जीता नहीं हूँ!

हीमोफिलिया के लिए टिप

ब्लीडिंग की घटना में प्राथमिक चिकित्सा कैसे दी जाए, यह याद रखने का एक अच्छा तरीका है एक संक्षिप्त नाम आरआईसीई (राइस) जिसका अर्थ है

  • आर : रेस्ट यानी कि प्रभावित भाग को आराम दें
  • आई : आइस, यानी कि प्रभावित भाग पर बर्फ या कोल्ड पैक लगाएं
  • सी : कम्प्रेशन, यानी कि प्रभावित भाग पर स्थानिक दबाव बनाए रखें (संपीड़न)
  • ई : एलिवेशन, यानी कि प्रभावित भाग को हृदय के स्तर के मुकाबले ऊंचाई पर रखें

चित्र: हल्के रंग की कमीज और काली पतलून में विनय नायर, उनकी दाईं तरफ लाल रंग की साड़ी में पत्नी स्वेधा, और बाईं तरफ गेरुए रंग की साड़ी में उनकी माँ इंदिरा नायर जिन्होंने विनय की बेटी को पकड़ा हुआ हैं, जो लाल फ्रॉक में है।

(इंदिरा नायर, विनय की मां, हीमोफिलिया सोसाइटी मुंबई (चैप्टर) की पूर्व अध्यक्ष हैं। वे वर्तमान में हीमोफिलिया फेडरेशन (इंडिया), पश्चिमी क्षेत्र की कोऑर्डिनेटर हैं। यह फेडरेशन महिलाओं को अवसाद और चिंता के लिए मनोवैज्ञानिक समर्थन प्रदान करता है और हीमोफिलिया वाले लोगों के कानूनी अधिकारों के लिए संघर्ष करता है।