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Submitted by Usha Ravi on 7 October 2022

गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति की देखभाल में कुछ विशिष्ट चुनौतियाँ होती हैं और व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता पर ध्यान देने के लिए प्रशामक देखभाल (पैलिएटिव केयर) का दृष्टिकोण अपनाना विशेष रूप से उपयोगी है। घर पर प्रशामक देखभाल कर पाने के लिए, व्यक्ति के आराम और शांति को सुनिश्चित करने के लिए, और देखभाल के दौरान आम होने वाली गलतियों  से बचने के लिए आपको अनुशासित ढंग से समस्या होने से पहले ही निवारक कदम लेने होंगे। इस लेख में क्रिटिकल केयर के क्षेत्र में कार्यरत एडवांस्ड नर्स प्रैक्टिश्नर उषा रवि इस विषय पर चर्चा करती हैं।

प्रशामक देखभाल (पैलिएटिव केयर/ उपशामक देखभाल ) गंभीर और जीवन को सीमित करने वाली/ जानलेवा बीमारी  से ग्रस्त व्यक्ति की देखभाल के लिए एक ऐसा दृष्टिकोण हैं जिसका लक्ष्य है बीमारी से जुड़ी समस्याओं से बचना/ उन से राहत देना। यह दृष्टिकोण व्यक्ति और उनके परिवार की जीवन की गुणवत्ता को सुधारने पर केंद्रित है। इस के लिए व्यक्ति की पीड़ा और अन्य समस्याओं (शारीरिक, मनोसामाजिक और आध्यात्मिक) का शुरू में ही निदान और त्रुटिहीन  मूल्यांकन किया जाता है और रोकथाम और राहत के लिए उपचार किया जाता है।

यदि कोई व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है और उनका अंतिम चरण चल रहा है तो उनकी घर पर देखभाल को उस स्थिति के अनुसार ढालना होगा ताकि व्यक्ति की देखभाल उनके परिचित वातावरण में आराम और गरिमा के साथ, स्नेहपूर्ण ढंग से हो पाए। इस तरह की देखभाल से व्यक्ति का अंत समय जल्दी आएगा, ऐसा नहीं है। बल्कि व्यक्ति अपने जीवन के अंतिम चरण में आराम और शांति से जी पाएंगे। 

Read in English: How to prepare your home for palliative care

प्रियजनों की देखभाल करना शारीरिक और भावनात्मक दोनों रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन देखभाल में ऐसी कुछ सेवाओं को समायोजित किया जा सकता है जिन्हें बीमार व्यक्ति की जरूरतों और इच्छाओं के अनुसार संरचित किया जाए। घर पर अपनी मां की देखभाल के लिए मैंने जिस तरह की व्यवस्था की थी, उस से इस के लिए कुछ अच्छे संकेतक मिल सकते हैं:

  • याद रखें कि घर में देखभाल और समर्थन के लिए मौजूद लोग किसी भी समय एक स्तर से कम नहीं होने चाहिएं, और सभी संभावित देखभाल कर्ता देखभाल के लिए सुलभ तरह से उपलब्ध रहने चाहिएं
  • किसी अस्पताल या अन्य स्थान से अपने प्रियजन को घर लाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि देखभाल के लिए आवश्यक परिवार और समुदाय के लोग उपलब्ध हों, और किसको किस समय पर क्या योगदान देना होगा, इसका भी कार्यक्रम बना लें
  • प्रियजन के लिए एक सुरक्षित और आरामदायक भौतिक व्यवस्था सुनिश्चित करें
  • आवश्यक आराम देने वाली दवाओं (जैसे कि दर्द निवारक दवाएं) की व्यवस्था करें। उचित भोजन और पानी भी आसानी से उपलब्ध रहना चाहिए
  • आवश्यक सामग्री को भी व्यवस्थित करें (जैसे कि वाशिंग मशीन, बिस्तर की चादरों पर लगाने के लिए प्लास्टिक की चादर, मैले कपड़ों और चादरों को धोने की व्यवस्था, दुर्गंध दूर करने के लिए डिओडोरेंट)
  • प्रियजन के लिए एक शांत, सुखदायक, सही तापमान वाला आरामदायक वातावरण बनाएं।
  • बिस्तर पर लंबे समय तक लेटने से व्यक्ति में बेड सोर (यानि कि शय्या व्रण) की संभावना बहुत बढ़ जाती है। बेड सोर और त्वचा की खुजली से बचने के लिए बिस्तर पर अपने प्रियजन की पोज़िशन को बार-बार बदलें -उन की करवट बदलते रहें - क्योंकि इस तरह की पर्याप्त देखभाल न होने से यदि प्रियजन को बेड सोर हो जाए तो यह अकसर गंभीर हो सकता
  • उनके लिए जितना संभव हो, उन्हें बैठने दें और ऐसी बिठायें जिस से वे आसानी से सांस ले सकें।
  • प्रियजन के मल और मूत्र त्याग के वेग के प्रति सतर्क रहें, खासकर यदि उन्हें मल/ मूत्र असंयम की समस्या हो
  • प्रियजन को पलंग पर सुरक्षित तरह से रखें, खासकर जब वे उत्तेजित, बेचैन और भ्रमित हों

अन्य कुछ बिन्दु

  1. कार्यों में सहायता प्राप्त करने का कार्यक्रम बनाएं। सुनिश्चित करें कि सभी आवश्यक लोगों और सेवाओं से संपर्क करने के लिए सभी जानकारी अच्छी तरह से व्यवस्थित है ताकि वह जरूरत पड़ने पर आसानी से मिल पाए और सहायता तुरंत मिल पाए।
  2. यह भी आवश्यक है कि देखभाल कर्ता होने के नाते आप खुद भी पर्याप्त आराम और नींद ले पाएं ताकि आप प्रियजन की देखभाल अच्छी तरह कर पाने में सक्षम रहें।
  3. प्रियजन को सेवाएं प्रदान करने के लिए घर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता को नियमित रूप से आना होता है। इस के लिए उचित व्यवस्था करें और स्वास्थ्य कार्यकर्ता को क्या बताना है, और उनसे क्या पूछना है, यह भी नोट करके रखें।
  4. पोषण और हाइड्रैशन ठीक रहे, इस के लिए खाने पीने से संबंधी सलाह प्राप्त करें। साथ-साथ कौन सी दवा कब और कैसे लेनी है, यह भी मालूम होना चाहिए। बेहतर होगा कि आप एक ऐसी डायरी रखें जिस में आप लिखते रहें कि प्रियजन ने क्या और किस मात्रा में खाया या पिया था।
  5. यह सुनिश्चित करें कि पलंग शौचालय के नजदीक एक अच्छी रोशनी वाले, हवादार कमरे में हो। इस से प्रियजन की भलाई की भावना बढ़ती है, और उन्हें तरोताजा, शांत और स्वच्छ महसूस होने में मदद मिलती है।
  6. कृपया अपने प्रियजन को उनकी पसंद का कमरे और वस्तुएं देने की कोशिश करें (मेरी माँ ने अनुरोध किया था कि उन्हें मेरे पिताजी के बिस्तर पर अपने अंतिम दिन बिताने दिया जाए, और उन्हें मेरे पिताजी का कंबल दिया जाए)
  7. बिस्तर उचित तरह से बनाएं। गद्दे पर प्लास्टिक डालें। चादर और प्लास्टिक के साथ साथ एक ऐसी चादर भी ऊपर से डालें जो बिस्तर के बीच के और निचले भाग पर फैलाई जाए और व्यक्ति के ऊपरी पीठ और जांघ के नीचे रहे (इसे ड्रॉ शीट  कहते हैं)। चादर, प्लास्टिक और ड्रॉ शीट के सही इस्तेमाल से बिस्तर को गंदा और गीला होने से बचाया जा सकता है, व्यक्ति को करवट देना और चादर बदलना भी आसान होता है। गद्दे और चादरों को धोने की जरूरत भी कम होती है।
  8. 8. यदि सामान्य पलंग का उपयोग कर रहे हों तो पर्याप्त संख्या में तकियों से सिरहाने को ऊपर रखें - तकिये सख्त हों, नरम नहीं। (हॉस्पिटल बेड में सिरहाने को ऊपर् करने के लिए व्यवस्था होते हैं)। सिर ऊपर रखा जाए तो प्रियजन को वास्तव में बहुत बड़ा फर्क पड़ता है, खासकर सांस लेने में कठिनाई के मामलों में।
  9. सीधे पेट में वस्तुएं डालने के लिए नली (गैस्ट्रिक ट्यूब) के उपयोग के बारे में सोचें - ये विशेष रूप से दर्द और नींद की दवा, और हाइड्रेशन और पोषण को आवश्यकतानुसार प्रशासित करने में बहुत उपयोगी होती हैं। मेरी माँ के पास यह विकल्प था कि वे अपनी पसंद के खाने मुंह से लेकर उनका आनंद उठा सकें और कम पसंदीदा भोजन ट्यूब के माध्यम से उन्हें दिया जा सके।
  10. ऑक्सीजन टैंक का सही आकार के मास्क या नेज़ल प्रोंग के साथ इस्तेमाल करें - इस से “एयर हंगर” - यानि कि सांस के लिए छटपटाना/ हवा की भूख - से होने वाला तनाव कम होता है।
  11. आवश्यकतानुसार ऐसा मास्क और नेब्यूलईज़र जिस में सेलाइन या वेंटोलिन देने के लिए कक्ष हो
  12. पलंग के पास रखी जाने वाली कमोड कुर्सी (बेडसाइड कमोड चेयर) और/या बेड पैन। शुरू में इन से व्यक्ति को स्वतंत्रता की भावना मिलती है और मल/ मूत्र असंयम से या वेग को न संभाल पाने से होने वाली आत्म-ग्लानि कम होती है और उनकी गरिमा और आत्म-सम्मान की भावना सही सलामत रहती है।
  13. जैसे-जैसे आपके प्रियजन की सतर्कता का स्तर कम होने लगती है और वे अधिकांश समय सोने में या गफलत में रहने लगते हैं, उनका हिलना डुलना कम हो जाता है और मल/ मूत्र पर भी नियंत्रण नहीं रहता। ऐसे में उनकी त्वचा को क्षति से बचाने के लिए मल/ मूत्र को सोखने के लिए इनकॉन्टिनेन्स पैड का उपयोग करें।

मेरी माँ के लिए कुछ खास तौर से कारगर युक्तियाँ:

  • उपरोक्त सभी टिप्स के साथ-साथ माँ को अपने सभी बच्चों और पोते-पोतियों के स्नेह मिलता रहा - हम सब बारी-बारी से उनके साथ बैठ कर धार्मिक पुस्तकें और प्रार्थना पुस्तकें पढ़ते या उन्हें भजन सुनाते।
  • मेरी मां को उनकी बीमारी की अवस्था, क्या उम्मीद की जाए, वे किस दौर से गुजर रही थीं, दवाएं और उनके प्रभाव आदि के बारे में नियमित, बिना कुछ छिपाए सही जानकारी दी जाती थी।
  • मेरी माँ को मेरे हाथों से दी जाने वाली विशेष सिर और पैरों की मालिश भी बहुत पसंद थी।

भारत में जन्मी और पली-बढ़ी, उषा रवि काम करने के लिए पहले यूएसए गईं और फिर ऑस्ट्रेलिया। वर्तमान में वे पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर में एडवांस नर्स प्रैक्टिशनर (एएनपी) के रूप में क्रिटिकल केयर में काम करती हैं। वे विभिन्न स्तरों पर सामुदायिक कार्य का समर्थन करती हैं। क्लीनिकल प्रैक्टिस उनका जुनून है। वे पिछले 24 वर्षों से कार्यरत हैं में, और रोज़ की चुनौतियों को खुल कर स्वीकार करने के लिए और सक्रिय बने रहने के लिए वे संगीत के प्रोग्राम करती है। वे अपने पति और बच्चों और एक अति सक्रिय कुत्ते के साथ अपने प्यारे से घर में रहती हैं और इतनी संतुष्ट और व्यस्त रहती हैं कि उन्हें शिकायत करने के लिए न तो समय रहता है न कोई कारण मिलता है!