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Submitted by PatientsEngage on 24 July 2024
An elderly man on the floor, being assisted by a woman, with his cane on the floor next to him and hindi text overlay on blue strip वृद्धों में गिरने के कारण

विश्वभर की आबादी में वृद्धों का अनुपात अन्य आय-वर्गों के मुकाबले बढ़ रहा है। गिरने के हादसे और उससे जुड़ी चोटें और रुग्णता बढ़ रहे हैं और यह विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण चुनौती है। बुजुर्गों में गिरने के कारणों को जानने से इस समस्या की संभावना को कम करने के लिए उचित जागरूकता बढ़ाई जा सकती है। इसकी रोकथाम के लिए कदम लेने में सहायता मिल सकती है। आइए इस लेख में बुजुर्गों के गिरने के कारणों के बारे में अधिक जानें ।

जेरिएट्रिक मेडिसिन क्षेत्र के दिग्गज प्रोफेसर बर्नार्ड इसाक ने कहा है,  'एक बच्चे को स्वतंत्र रूप से चलने-फिरने में एक साल लगता है और स्वतंत्र गतिशीलता हासिल करने में दस साल लगते हैं। एक बुजुर्ग एक ही दिन में दोनों खो सकता है।'

बुजुर्ग आमतौर पर कई कारणों से गिर सकते हैं।

आंतरिक कारक

  1. आयु-संबंधी कार्यात्मक गिरावट

    दृष्टि में परिवर्तन (सफेद मोतिया, ग्लूकोमा और उस से हुई दृष्टि हानि, रेटिनल डीजनरेशन, दृष्टि में कमी आदि): दृष्टि संबंधित हानि के कारण बुजुर्गों को अपने सामने मौजूद खतरों की पहचान करने में कठिनाई हो सकती है, जिस से उनके गिरने की संभावना बढ़ जाती है।
    क्या कर सकते हैं: साल में कम से कम एक बार नियमित रूप से दृष्टि की जांच करवाने से इससे बचने में मदद मिल सकती है। इस के अतिरिक्त, अगर किसी बुजुर्ग को अपनी दृष्टि में कोई बदलाव या धुंधलापन महसूस हो, तो उन्हें तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से मिलना चाहिए ताकि निदान हो पाए, उचित कदम लिए जाएं और इस वजह से गिरने की संभावना को भी कम की जा सके।

    रिएक्शन टाइम (प्रतिक्रिया समय) बढ़ना (प्रतिक्रिया होने में अधिक समय लगना) : बढ़ती उम्र के साथ, मांसपेशियों के समन्वय में कमी, मांसपेशियों की हानि, संज्ञान में कमी और कभी-कभी ब्रेन फॉग के कारण बुजुर्गों को प्रतिक्रिया के लिए अधिक समय लगने लगता है। जैसे कि यदि अचानक कोई ठोकर लगे, किसी पत्थर से टकरा जाएँ,  या कोई अचानक सामने आ जाए तो व्यक्ति को संतुलन बनाए रखने में दिक्कत होती है। यह अकसर गिरने का कारण बन सकता है क्योंकि व्यक्ति समय पर अपने आप को संभाल नहीं पाते। रात में बिस्तर से उठते समय व्यक्ति शायद जल्दी में हों और लेटी अवस्था से खड़े होने पर जो समन्वय चाहिए, वह शायद न हो पाए, क्योंकि उन्हें ऐसे कामों में उन्हें पहले से अधिक समय लगता है और वे पूरी तरह जागे नहीं हैं। यह उनके गिरने का कारण बन सकता है। 
    क्या कर सकते हैं: अचानक कोई हरकत करने से बचें और खड़े होने से पहले पैरों को ठीक से स्थिरता से जमीन पर जमाएं - इस से गिरने से बचने में मदद मिलती है। घर पर संभावित खतरों और जोखिमों की पहचान करें और ऐसी वस्तुएं हटा दें जिस से गिरना कि संभावना हो – उदाहरण - फिसलन वाली चटाई, फर्श पर तार, कमरे में बहुत सी फैली हुई वस्तुएं और अव्यवस्था, आदि।

    सारकोपीनिया /मांसपेशियों की हानि और कमज़ोरी: 30 की उम्र में ही मांसपेशियों की हानि हो सकती है, और उसके बाद हर दशक में 3-8% तक मांसपेशियों में कमी आ सकती है। 60 की उम्र के बाद गिरावट की दर और भी तेज़ हो जाती है। इससे ठीक से, स्थिरता और संतुलन से, खड़े रहने और चलने में, और गिरने वाले हों तो तुरंत खुद को संभालने में असमर्थता हो सकती है।
    क्या कर सकते हैं:: नियमित रूप से मांसपेशियों को मज़बूत बनाने और शरीर के कोर (मध्य भाग में मांसपेशियों के समूह जो रीढ़ और श्रोणि को स्थिर करता है) को मज़बूत बनाने वाले व्यायाम करें। साथ  ही, उच्च प्रोटीन आहार लें , ताकि मांसपेशियों में उम्र के साथ होने वाले नुकसान को कम कर सकें/ उलट सकें। 

    सुनने की क्षमता में कमी: यह भी बुजुर्गों में गिरने का एक संभावित कारण है, यहाँ तक कि सुनने की क्षमता में हल्की कमी भी गिरने के जोखिम को तीन गुना बढ़ा देती है, और हर 10 डेसिबल सुनने की क्षमता में कमी से जोखिम 140 प्रतिशत बढ़ जाता है। 
    क्या कर सकते हैं:: ऑडीओमेट्री का उपयोग करके सुनने की क्षमता में किसी भी बदलाव की पहचान करने में मदद मिलती है और क्षमता में गिरावट हो तो उचित कदम लेकर इस कमी से संबंधित गिरने से बचा जा सकता है।

    ऑस्टियोपेनिया और ऑस्टियोपोरोसिस: दोनों ही हड्डियों को कमज़ोर करते हैं और संभावित रूप से गिरने और  संबंधित फ्रैक्चर का कारण भी बन सकते हैं।
    क्या कर सकते हैं:: विटामिन डी, कैल्शियम के स्तर और हड्डियों के घनत्व (डीईएक्सए स्कैन) पर नज़र रखने के लिए डॉक्टर से संपर्क बनाए रखें, ताकी इन कारणों की शुरुआती पहचान और उचित प्रबंधन में मदद मिले और इस से संबंधित गिरने और चोटों को रोका जा सकता है।इसके अतिरिक्त, नियमित शारीरिक गतिविधि हड्डियों में हो रही हानि को कम करके और हड्डियों की सेहत को बढ़ाकर ऑस्टियोपेनिया की रोकथाम में सहायता कर सकती है। हड्डियों को मज़बूत बनाने के लिए और हड्डियों की हानि को कम करने के लिए वजन उठाने वाले व्यायाम (जैसे चलना, सीढ़ियाँ चढ़ना या नृत्य) करें। वजन उठाने वाले व्यायामों के दौरान मांसपेशियों और टेंडन का उपयोग होता है जिस से हड्डियों पर जोर पड़ता है, और इस से, हड्डियों के टिशू के उत्पादन में वृद्धि देखी जाती है। इससे हड्डियों की मजबूती और घनत्व बढ़ सकते हैं, और ऑस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर की संभावना कम हो जाती है। 

    गठिया (आर्थ्राइटिस) (बुढ़ापे/उम्र से संबंधित आर्थ्राइटिस, रुमेटीइड आर्थ्राइटिस आदि): इस से जोड़ों में अकड़न पैदा हो सकती है और अचानक बैठने की स्थिति से खड़े होने पर अकड़न और/या दर्द के कारण व्यक्ति गिर सकते हैं।
    क्या कर सकते हैं: अपना वजन स्वस्थ सीमा में बनाए रखें, क्योंकि अधिक वजन आपके जोड़ों पर ज्यादा भार डालता है।  नियमित व्यायाम जोड़ों की अकड़न को रोकने और मांसपेशियों को मजबूत बनाने और जोड़ों को किसी भी चोट से बचाने में मदद कर सकता है, और ऑस्टियोआर्थराइटिस का जोखिम कम करता है।

    ऑर्थोस्टेटिक (ऊर्ध्वस्थितिज) हाइपोटेंशन: यह बुजुर्गों में ज़्यादा आम है। यह खड़े होने के तीन मिनट के भीतर सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (रक्तचाप का ऊपर वाला नंबर) में कम से कम 20 एमएम एचजी और/या डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर (रक्तचाप का नीचे वाला नंबर) में 10 एमएम एचजी की गिरावट है। इससे चक्कर आ सकते हैं और व्यक्ति अचानक गिर सकते हैं।
    क्या कर सकते हैं: रक्तचाप की नियमित निगरानी रखें, और धीरे-धीरे खड़े हों तो लेटने/ बैठने से खड़े होने की स्थिति में रक्तचाप में इस तरह की अचानक गिरावट और चक्कर आने से बचा जा सकता है।

  2. दीर्घकालिक बीमारियाँ जो संतुलन और गतिशीलता को बिगाड़ सकती हैं

    पार्किंसंस रोग जो संतुलन और चाल (चलने की शैली) पर असर करता है। इस में लिए गए छोटे कदम और असंतुलन की समस्या गिरने का कारण बन सकते हैं।  
    मनोभ्रंश (डिमेंशिया) कन्फ़्युशन और भ्रम पैदा कर सकता है और अग्रिम अवस्थाओं में अकसर संतुलन, गतिशीलता और ताकत से संबंधित मुद्दों से जुड़ा होता है।  
    क्या कर सकते हैं: डॉक्टर द्वारा नियमित रूप से चेकअप से, और चलने, संतुलन, भूलने या सोचने के धीरे होने जैसे किसी भी लक्षण की जांच से समस्याओं का शुरू में ही निदान और प्रबंधन किया जा सकता है। फिजियोथेरेपी मांसपेशियों को प्रशिक्षित करने और संतुलन में सुधार करने में मददगार है और गिरने को रोकने के लिए एक शक्तिशाली तरीका है।

    चक्कर आने के अन्य कारण भी गिरने का कारण हो सकते हैं - जैसे कम सोडियम और निर्जलीकरण।
    क्या कर सकते हैं:नियमित स्वास्थ्य जांच और उचित उपचार, संतुलित आहार का सेवन, हाइड्रेशन बनाए रखना –ये सब इलेक्ट्रोलाइट्स के अधिक संतुलित रखने के कुछ तरीके हैं। साथ ही अपने डॉक्टर से उन दवाओं के संभावित दुष्प्रभावों पर चर्चा करें जो निर्जलीकरण और सोडियम के स्तर में बदलाव का कारण बन सकती हैं, जैसा कि मूत्रवर्धक और कुछ रक्तचाप की दवाओं के साथ कभी-कभी देखा जाता है। 

    मधुमेह संबंधी न्यूरोपैथी (विशेष रूप से मधुमेह परिधीय न्यूरोपैथी) मांसपेशियों में कमजोरी, टखने के रीफ्लैक्स में कमी और संतुलन, समन्वय और चाल नियंत्रण में कमी का कारण बन सकती है। इस से गिरने और संबंधित चोटों की संभावना बढ़ती है। मधुमेह परिधीय न्यूरोपैथी वाले बुजुर्गों में गिरने की संभावना 23 गुना अधिक होती है। इसके अलावा, दवा लेने के बाद या भोजन न लेने के कारण रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है जो चक्कर आने और गिरने का कारण बन सकता है। 
    क्या कर सकते हैं: एंडोक्रिनोलॉजिस्ट से नियमित जांच और उचित उपचार से, नियमित स्ट्रेन्थ् ट्रैनिंग (वजन/ भार डालने वाले व्यायाम) से और निरंतर शर्करा प्रबंधन सतर्कता से गिरने से बचने में मदद कर सकता है।

    मनोभ्रंश (डिमेंशिया) से ग्रस्त लोगों में गिरने की रोकथाम और प्रबंधन के बारे में पढ़ें: https://www.patientsengage.com/conditions/leading-causes-precautionary-interventions-falls-persons-dementia

    मधुमेह न्यूरोपैथी के बारे में अधिक जानकारी यहाँ देखें: https://www.patientsengage.com/condition/diabetic-neuropathy

  3. दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव

    कई दवाइयों से चक्कर आना, रक्तचाप में गिरावट और/या सोचने की गति धीमा होना, और कम सतर्कता जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिससे गिरने की संभावना बढ़ती है। 

    एंटीबायोटिक्स (जैसे स्ट्रेप्टोमाइसिन, जेंटामाइसिन) ये दवाएं कान को नुकसान पहुंचा सकती हैं और सुनने की क्षमता कम हो सकती है और  संतुलन पर भी असर हो सकता है, जिससे दुर्घटनाएं और गिरने की संभावना हो सकती है। 

    कुछ दर्द निवारक दवाएं (विशेष रूप से ब्यूप्रेनॉर्फिन और ट्रामाडोल जैसे ओपिओइड) से उनींदापन, लेटने की स्थिति से उठने/खड़े होने पर रक्तचाप में गिरावट (ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन) और कम सोडियम जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिन के कारण चक्कर आ सकते हैं। 

    एंटीअरिडमिक (प्रोकेनामाइड, क्विनिडाइन और सोटालोल जैसी हृदय ताल को सही करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएँ) दवाएं लेटने की स्थिति से उठने/खड़े होने पर रक्तचाप में गिरावट को बढ़ा सकती हैं (ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन)। 

    एंटीकोलिनर्जिक्स (एमिट्रिप्टीलाइन, एस्सिटालोप्राम, पैरॉक्सिटिन, सेर्टालाइन जैसे ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट) – ये दवाएं चक्कर आना,  सर में हलकापन महसूस करना, संज्ञानात्मक हानि और दृष्टि में परिवर्तन का कारण बन सकती  हैं जो दृश्य समायोजन की हानि का कारण बनते हैं।

  4. दवाओं के बीच पारस्परिक क्रिया (पॉलीफार्मेसी)

    जो बुजुर्ग लोग रोजाना चार या उससे ज़्यादा प्रिस्क्रिप्शन दवाएँ लेते हैं, उनमें गिरने का जोखिम 1.5-2 गुना ज़्यादा होता है। इसे पॉलीफ़ार्मेसी के नाम से जाना जाता है। पॉलीफ़ार्मेसी के कारण ड्रग इंटरेक्शन (दवाओं के बीच पारस्परिक क्रिया) जैसी समस्याएँ भी हो सकती हैं।

    पॉलीफ़ार्मेसी पर अधिक पढ़ें: https://www.patientsengage.com/conditions/risks-polypharmacy-elderly

बाह्य कारक

1. पर्यावरणीय जोखिम

  • घर में होने वाले खतरों में शामिल हैं - अव्यवस्था, जमीन पर ऐसा सामान जिस से गिर सकते हैं जैसे कि झालर वाली या फिसलन वाली कालीन या चटाई, सीढ़ियों की रेलिंग का न होना, अपर्याप्त रोशनी और बाथरूम में ग्रैब बार न होना।
  • घर के बाहर गिरने का संभव कारण हैं - ज़मीन का ऊबड़-खाबड़ ऊपर-नीचा होना, घर के अलग-अलग भागों में असमान सतह होना, फालतू का समान फैला होना, फर्श पर फिसलन वाली चीजें होना।
  • अन्य पर्यावरणीय कारकों में शामिल हैं वायु प्रदूषण और और अत्यधिक गर्मी।  वयु प्रदूषण से ठीक से देखने में दिक्कत हो सकती है, थकान और कभी-कभी चक्कर भी हो सकते हैं। अत्यधिक गर्मी से अत्यधिक पसीना आ सकता है और रक्तचाप कम हो सकता है जो चक्कर आने और गिरने का कारण बन सकता है। 

घर पर गिरने से कैसे बचें: https://www.patientsengage.com/conditions/fall-proofing-home-older-adults

2. परिस्थितिजन्य कारक:

  • टहलते समय बातचीत में व्यस्त रहने से ध्यान भटक सकता है।
  • एक साथ कई कामों में व्यस्त रहने के कारण व्यक्ति आस-पास के खतरे (जैसे कि किसी सीढ़ी या फुटपाथ) को शायद न देख पाएं।
  • शौचालय का उपयोग करने की जल्दी में होना, खासकर रात में या जब रोशनी अपर्याप्त हो।
  • दरवाजे की घंटी सुनाई देने पर दरवाजे को खोले के लिए, या फोन बजने पर फोन उठाने के लिए जल्दबाजी करना।
  • कभी-कभी गिरने का कारण आंतरिक और बाहरी कारकों का संयोजन हो सकती है।


Image Source: https://www.physio-pedia.com/Falls

गिरने का मूल्यांकन कैसे किया जाता है?

  • क्लिनिक में मूल्यांकन: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की जांच।
  • गतिशीलता, शक्ति और चाल की जांच। इस में अकसर दो टेस्ट करे जाते हैं। एक है  परफॉरमेंस-ऑरिएन्टेड असेस्मन्ट ऑफ मोबिलिटी यानि कि कार्य करते समय गतिशीलता कैसी है, इस का मूल्यांकन। दूसरा है टाईम्ड गेट-अप-एण्ड-गो यानि कि बैठे से उठने और चलने में कितना समय लगता है, यह मापना।  इन टेस्ट से यह पता चलता है कि संतुलन में और स्थिर रह पाने में क्या कोई समस्या है। एक डायनेमिक गेट इंडेक्स (डीजीआई) का इस्तेमाल भी करा जाता है जो  आठ कार्यों पर आधारित एक स्कोर है – कार्यों में शामिल हैं सर को कुछ खास तरह से हिलाते हुए अलग-अलग गति से चलना, रास्ते में बाधाओं के ऊपर और आसपास की चाल आदि। डॉक्टर के कार्यालय/क्लिनिक में व्यक्तिगत मूल्यांकन के लिए ऐसे कई तरीकों का उपयोग किया जाता है।
  • कुछ लैब टेस्ट: इन से देखा जा सकता है कि क्या व्यक्ति में कुछ संभावित डिफिशन्सी है या किसी रुग्णता का संदेह होता है। इस में रक्त गणना, शर्करा प्रोफ़ाइल, इलेक्ट्रोलाइट्स आदि टेस्ट शामिल हैं।

गिरने संबंधी विश्व दिशा-निर्देशों में प्रयुक्त वर्गीकरण

यहां कुछ ऐसे टर्म दिए गए हैं जो आमतौर पर आपके डॉक्टर बुजुर्गों में गिरने के आकलन के संबंध में उपयोग कर सकते हैं। 

गिरना - एक अप्रत्याशित घटना जिसमें कोई व्यक्ति ज़मीन, फ़र्श या निचले स्तर पर अचानक पहुँच जाता है। 

बार-बार गिरना (रिकरेन्ट फ़ॉल) - पिछले 12 महीनों में दो या उससे ज़्यादा बार गिरने की घटनाएं होना।

बिना किसी ज्ञात कारण के गिरना (अनएक्सप्लेन्ड फ़ॉल)- जब अनेक पहलुओं से किए गए जोखिम मूल्यांकन (मल्टीफ़ैक्टोरियल फ़ॉल्स रिस्क असेस्मन्ट) से भी गिरने का कोई स्पष्ट कारण नहीं पाया गया है कि व्यक्ति क्यों किसी पर्यावरणीय खतरे से अजस्ट नहीं कर पाए थे, और व्यक्ति में कोई चाल या संतुलन का ज्ञात विकार नहीं है, इत्यादि। यानी कि, गिरने की कोई वजह नहीं मिली है। 

गंभीर रूप से गिरना (सिवीयर फ़ॉल)– ऐसी गंभीर चोट लगना कि डॉक्टर से परामर्श की आवश्यकता हो, या व्यक्ति कम से कम एक घंटे तक जमीन से उठ नहीं पाए थे, या आपातकालीन कक्ष ( ईमर्जन्सी रूम) जाने की आवश्यकता हो, या व्यक्ति का चेतना खोना। 

गिरने से संबंधित चोट (फ़ॉल-रिलेटेड इंजरी) - गिरने के बाद लगी चोट। इसमें ऐसी चोट शामिल है जिस में लगी चोट के लिए डॉक्टर से मिलने की जरूरत हो, और शायद अस्पताल में भर्ती होना पड़े, फ्रैक्चर, जोड़ में हड्डी खिसकना जैस कि कंधा उतरना (जॉइन्ट डिसलोकेशन), सिर की चोट, मोच या खिंचाव, नील पड़ना,  सूजन, त्वचा या मांस में गहरा घाव या चीरा, या गिरने के बाद अन्य गंभीर चोट।

गिरने का जोखिम बढ़ाने वाली दवाएँ (फ़ॉल रिस्क इन्क्रीसिंग ड्रग्स, एफआरआईडी) - ऐसी दवाएँ जो गिरने के जोखिम को बढ़ाने के लिए जानी जाती हैं।

बहु-घटक व्यायाम (मल्टी-कम्पोनन्ट एक्सर्साइज़) – व्यायाम का ऐसा कार्यक्रम जिस में स्ट्रेन्थ, एरोबिक, संतुलन, चाल और लचीलापन का प्रशिक्षण शामिल होता है।

शारीरिक गतिविधि (फिज़िकल ऐक्टिविटी)- कंकाल की मांसपेशियों द्वारा उत्पादित किसी भी शारीरिक गतिविधि के परिणामस्वरूप ऊर्जा व्यय होता है। ऊर्जा व्यय को किलोकैलोरी में मापा जा सकता है। दैनिक जीवन में शारीरिक गतिविधि को व्यावसायिक, खेल, कंडीशनिंग, घरेलू या अन्य गतिविधियों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

References:

Changed
08/Apr/2025