Skip to main content
Submitted by PatientsEngage on 13 June 2022

56 साल के सुधीर सालियान को अब 5 साल से मल्टीपल मायलोमा है, और अक्टूबर 2021 में उन्हें इस का रिलैप्स हो गया था और अब वे स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की तैयारी कर रहे हैं। इस लेख में पढ़ें कि वे भविष्य के लिए उत्साहित रहने के लिए सकारात्मक सोच, व्यायाम और अनुशासन की शक्ति का इस्तेमाल कैसे करते हैं।

2017, गर्मी का मौसम। मैं 51 साल का था। एक सुबह जब मैं अपनी रोज की दौड़ के लिए निकला, तो मुझे असाधारण रूप से थकान और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। मुझे आधे रास्ते  रुकना पड़ा। मैं सोचने लगा कि यह क्या है। मैं अलग-अलग देशों की बहुत यात्रा करता था, और अकसर अजीब-अजीब टाइम, देर-रात घर लौटता रहा था, मेरा सोना भी अनियमित था। शायद जेटलैग हो रहा था। हालांकि यात्रा करना मेरे लिए कोई नई बात नहीं थी और न ही इससे कभी कोई मुद्दा हुआ था। एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में डायरेक्टर एक्सपोर्ट सेल्स हेड होने के नाते, मेरी नौकरी के लिए मुझे बड़े पैमाने पर यात्रा करनी पड़ती थी। लेकिन आम तौर पर मैं अपने अंतरराष्ट्रीय ट्रिप से जल्दी ठीक हो जाता था। मुझे अपने वर्कआउट शेड्यूल को छोड़ना पसंद नहीं था। मैं दौड़ता हूं, तैरता हूं, जिम करता हूं और स्पोर्ट्स में भाग लेता हूं। मैं हमेशा से फिटनेस फ्रीक रहा हूं। मुझे कुछ नहीं रोकता। इसलिए, उस सुबह सांस की तकलीफ ने मुझे चौका दिया।

Read in English: I don't agonise about my multiple myeloma

खैर उस हफ्ते ऑफिस में मेडिकल टेस्ट हो रहे थे। मेरी कंपनी में वरिष्ठ सदस्यों में से एक होने के नाते, मैंने पूरे शरीर के टेस्ट के लिए अपना नाम दिया। जब रिजल्ट आए तो मैं काफी हैरान हुआ। मेरे कई पैरामीटर खराब थे। मेरा हीमोग्लोबिन स्तर सिर्फ 8 था। (पुरुषों के लिए हीमोग्लोबिन की स्वस्थ सीमा 13.2-16.6 ग्राम प्रति डेसीलीटर है)। शायद यही मेरी सांस फूलने की और अपना रन आधा छोड़ने की वजह थी। मेरा क्रिएटिनिन 1.34 एमगी/ डीएल था, जो थोड़ा अधिक था (क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर लगभग 0.6 से 1.2 है)। कुछ अन्य पैरामीटर भी स्वस्थ स्तरों में नहीं थे। भले ही मैं बाहर से बिल्कुल फिट दिख रहा था, लेकिन मेरे अंदर की रीडिंग सब गड़बड़ थी। मैं काफी चौंक गया था। मुझे डॉक्टर से सलाह लेने को कहा गया। मैंने अपनी रिपोर्ट अपने जीपी को दिखाई। उन्होंने एक महीने के लिए जिम जाना बंद करने को कहा।

मल्टीप्ल माइलोमा होने का पता चला

लेकिन महीना बीतने से बहुत पहले, मेरे डॉक्टर ने मुझे एक दिन बुलाया और कहा: "शायद हमें रक्त में असामान्य प्रोटीन की उपस्थिति का पता लगाने के लिए सीरम प्रोटीन इलेक्ट्रोफोरेसिस (एसपीईपी) टेस्ट करवा लेना चाहिए।" मैंने कहा ठीक है। दुर्भाग्य से मेरे एसपीईपी टेस्ट के परिणाम भी अच्छे नहीं थे।

मुझे तुरंत हेमेटोलॉजिस्ट-ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ अभय भावे के पास भेजा गया। ऑन्कोलॉजी क्लिनिक में यह मेरी पहला विजिट था। मुझे बिल्कुल नहीं पता था कि इस विजिट से क्या उम्मीद की जाए। उन्होंने मेरी रिपोर्ट देखी, और हड्डी की बायोप्सी करवाने को कहा। उन्होंने मुझे बायोप्सी के परिणाम दिखाए, स्थिति के बारे में बताया और कहा कि मुझे मल्टीपल मायलोमा है। मेरे जीवन का यही एकमात्र बिंदु था जिसने मुझे वास्तव में हिला दिया था। मुझे लगा कि मैं कल ही मरने वाला हूं।

मेरा परिवार

जब मैंने अपने परिवार को अपनी बीमारी के बारे में बताया तो वे भी घबरा गए, लेकिन उन्होंने जल्दी से खुद पर संयम कर लिया और कहा: 'हम इसे एक साथ मिल कर लड़ेंगे।' हम चार भाई और एक बहन हैं। मेरी माँ और पिताजी अब नहीं हैं, मेरी पत्नी का भी तीन साल पहले अस्थमा के कारण निधन हो गया था। मेरा इकलौता बेटा टोरंटो में पढ़ रहा है और काम कर रहा है। मेरे परिवार, दोस्तों, और सहकर्मियों ने सकारात्मक समर्थन, प्रोत्साहन और मदद देने के लिए हाथ बढ़ाया है, और इस सब ने मेरी अब तक की इस बीमारी की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

साथ ही, मल्टीपल मायलोमा होने के कारण मेरी दूसरी चिंता यह थी कि आगे की जिंदगी कैसी होगी, मैं अपने काम को कैसे प्रबंधित करूंगा। मैं नहीं चाहता था कि मेरी नौकरी पर कोई असर पड़े। मैं लगभग 15 वर्षों से अपनी फर्म के साथ काम कर रहा हूं, वहां मेरे बहुत अच्छे सहकर्मचारी, अत्यंत सहायक बॉस और एक शानदार ऑफिस है। वर्कहॉलिक होने के नाते, जब मैं काम नहीं कर रहा होता हूं तो मुझे बेचैनी महसूस होती है।

इलाज

मेरा इलाज तुरंत शुरू कर दिया गया। मुझे कीमोथेरेपी दवाओं के साथ टार्गेटेड थेरेपी (लक्षित चिकित्सा) पर रखा गया था। मेरे मुख्य इंजेक्शन बोर्टेज़ोमिब और डेक्सामेथासोन थे। मुझे इस से कुछ ख़ास परेशानी नहीं हुई क्योंकि वे त्वचा के नीचे (सबक्यूटीनियस)दिए जाते थे, नसों में नहीं। मुझे क्लिनिक में केवल 30 मिनट के लिए रहना होता था। इसलिए मेरे ऑफिस के कार्यक्रम में कुछ ख़ास अड़चन नहीं हुई। मायलोमा का पता चलने और इलाज शुरू होने के 4 महीने बाद  मुझे लगभग 2 सप्ताह के लिए जर्मनी और ऑस्ट्रिया की यात्रा करनी पड़ी। मैंने डॉक्टर से जोर देकर कहा कि मेरे लिए यह यात्रा करना महत्वपूर्ण है। सौभाग्य से, मेरी रक्त रिपोर्ट अच्छी थी और डॉक्टर ने मुझे जाने की अनुमति दे दी। मैं अपने इंजेक्शन अपने साथ ले गया, इसलिए मैं कोई शेड्यूल मिस नहीं हो।

सकारात्मक मानसिकता

मैं अपनी बीमारी पर ज्यादा ध्यान नहीं देता। सोचते रहना और चिंता करना मेरा स्वभाव नहीं है। बीमारी के बारे में जानने के लिए मैंने मल्टीपल मायलोमा पर सब कुछ पढ़ा। लेकिन मुझे कभी अवसाद या चिंता का सामना नहीं करना पड़ा। मेरे पास करने को बहुत कुछ है। मेरा काम, यात्रा, खाना बनाना मुझे व्यस्त रखता है। मैं बीमारी के बारे में तभी सोचता हूं जब मैं डॉक्टर के साथ क्लिनिक में होता हूं, या मुझे इंजेक्शन लेना होता है या ब्लड टेस्ट करवाना होता है। मैं अपनी रिपोर्ट देखता हूं, तुरंत उसका थोड़ा सा विश्लेषण करता हूं, और फिर मैं पूरी तरह से उस को दिमाग से निकाल देता हूँ। यही मेरे लिए ठीक रहता है। यही मेरा स्वभाव है। मुझे आगे बढ़ना और अपना जीवन ठीक से जीते रहना पसंद है। यह मेरा एक हिस्सा है। इस रवैये ने मेरी मदद की है। मुझे लगता है कि मैं अपने दृष्टिकोण और नियमित जीवन के कारण मतली, दस्त, थकान, भूख में बदलाव जैसे अपने उपचार के कई सामान्य दुष्प्रभावों से दूर रह पाया हूं। मैं काफी अनुशासित रहता हूं और भोग-विलास से बचता हूँ।

दरअसल, अपने सहज स्वभाव के कारण, मैं हमेशा ऑफिस में और अपने दोस्तों के बीच लोगों को उत्साहजनक बातों से प्रोत्साहित करता रहा हूं। हाल ही में, मैंने दो लोगों को सलाह दी, एक को मल्टीपल मायलोमा था और दूसरे को फेफड़े का कैंसर। मैंने उनसे कहा, "जिसे टाला नहीं जा सकता, जिस से बचा नहीं जा सकता उस के बारे में सोचना और परेशान होना व्यर्थ है। जो होना है, वह तो होगा ही। मैं आपको आपके इलाज के बारे में सलाह नहीं दे सकता, लेकिन मैं आपको भावनात्मक समर्थन दे सकता हूं। आप अपनी तरफ से पूरी कोशिश करें, सकारात्मक रहें। कोई भी आपकी भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से उतनी मदद नहीं कर सकता जितना आप खुद की मदद कर सकते हैं।”

लोग कहते हैं कि उन्हें विश्वास नहीं होता है कि मुझे मल्टीपल मायलोमा है। मेरे हावभाव (मेरी बॉडी लैंग्वेज) से नहीं लगता कि मुझे ऐसी कोई बीमारी है। देखने से नहीं लगता कि मैं किसी बीमारी से पीड़ित हूं। मैं बहुत खुशमिजाज और सक्रिय हूं। मैं ट्रेवल करता हूं। मैं अभी भी दौड़ता हूं। मैंने जनवरी 2020 में टाटा मैराथन में भाग लिया था। मैं नियमित रूप से जिम जाता हूं। मैंने योग करना शुरू कर दिया है। डेढ़ साल से मैं रोजाना नियमित रूप से योग कर रहा हूं। इसने मुझे शांत रहने में मदद की है।

मानसिक फिटनेस

मेरा पूर्ण विश्वास है आपकी मानसिक शक्ति का निर्माण आपकी शारीरिक फिटनेस से बनती है। अगर आप उठकर चल नहीं सकते हैं, तो आपका मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा। मन मायावी खेल खेलने लगता है। उदाहरण के लिए, कल मैंने 3 इंजेक्शन लिए थे और आज भी 3 इंजेक्शन लिए थे, और मैं बेहद सुस्त महसूस कर रहा था। मेरे शरीर में दर्द हो रहा था। मुझे लगा कि मुझे आराम की जरूरत है। लेकिन मैं तैरने चला गया। स्विमिंग पूल में मैंने 10 के बजाय केवल 2 लैप्स किए, लेकिन पानी में जाने से मुझे शांति मिली। अगर आपका शरीर आपका साथ नहीं दे तो आप मानसिक रूप से फिट नहीं हो सकते। शारीरिक स्वास्थ्य और भावनात्मक स्वास्थ्य आपस में करीब से जुड़े हुए हैं जिसे बॉडी-माइंड (मन-शरीर) संबंध के नाम से जाना जाता है।

फिर से कैंसर होना (रिलैप्स)

अभी हाल तक मैं बिल्कुल ठीक था। मैं दुनिया भर में यात्रा कर रहा था। मैं अपनी टार्गेटेड थेरेपी (लक्षित चिकित्सा) को बड़े अनुशासन के साथ ले रहा था। फिर मेरे पेट में इंफेक्शन हो गया। जांच से पता चला कि मुझे 3 साल के बाद मल्टीप्ल म्य्लोनोमा का रिलैप्स (पुनः कैंसर होना) हुआ था। यह काफी अफसोसनाक खबर थी। जब यह रिलैप्स हुआ तो मुझे कारफिलज़ोमिब नामक एक नई दवा पर शुरू कर दिया गया। मैं अक्टूबर 2021 से कारफिलज़ोमिब पर हूं। यह दवा मुझे आईवी से लेनी होती है और इस दवा को लेने में लगभग एक घंटा लगता है। यह मेरी पहले की दवा, बोर्टेज़ोमिब, की तरह सुविधाजनक नहीं है, जिसे लेने में सिर्फ 30 मिनट लगते थे।

स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की तैयारी

अब मुझे स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (एससीटी) करवाने की सलाह दी गई है, जिसे आमतौर पर बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) कहा जाता है। यह ट्रांसप्लांट मई 2022 के अंतिम सप्ताह के लिए निर्धारित किया गया है। ट्रांसप्लांट से पहले की प्रक्रियाओं में से एक है मेरे प्लेटलेट काउंट की निगरानी करना। मैं पहले ही 14 इंजेक्शन ले चुका हूं, जो मूल रूप से प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने के लिए हैं। मुझे लगभग 2-3 मिलियन प्लेटलेट्स चाहिएं। मुझे पूरा विश्वास है कि मेरा सिस्टम इतना मजबूत है कि वे एक ही बैठक में इतनी प्लेटलेट्स निकाल पायेंगे।

मेरे भाई, बहन और करीबी दोस्त ट्रांसप्लांट के दौरान मेरे साथ अस्पताल में होंगे, मेरा बेटा भी मेरे साथ रहने के लिए टोरंटो से आया है। मुझे पता है कि यह प्रक्रिया मेरे लिए एक चुनौती होगी। मुझे 15 या अधिक दिनों के लिए अस्पताल में रखा जाएगा, जब मैं पूरी तरह से आउटडोर पसंद करने वाला व्यक्ति हूं। यह मानसिक रूप से कठिन होने वाला है, लेकिन मैं धीरे-धीरे इसके लिए तैयार हो रहा हूं। मैं इस प्रक्रिया से संभव दिक्कतों पर ध्यान नहीं दे रहा हूँ - भूख न लगना, बालों का झड़ना आदि। मैंने इसके बारे में कई बार पढ़ा है। वैसे भी मैं इसका अनुभव करने जा रहा हूं। चाहे यह अच्छा हो या बुरा, मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह एक छोटी सी कीमत है।

चेहरे पर मुस्कान लिए मैं आने वाले कल का खुली बांहों के साथ इंतज़ार कर रहा हूं।

Community
Condition