
मुंबई की 72 वर्षीय गीता कांतवाला को मेनिस्कस टीयर के कारण आर्थोस्कोपी के बाद में बाएं घुटने का रिप्लेसमेंट हुआ। वे अपनी सर्जरी की विफलता और सफलताओं और रिकवरी और रिहैबिलिटेशन (पुनर्प्राप्ति और पुनर्वास प्रक्रिया) की बात करती हैं। और दूसरे डॉक्टर से राय लेने की जरूरत है, इस पर जोर देती हैं।
मुझे अप्रैल 2016 में अपने बाएं घुटने में मेनिस्कस टीयर का निदान मिला। एक दिन मेरा घुटना लॉक हो गया (एक ही पोजीशन में जकड़ गया) और मैंने जब चलने की कोशिश की तो घुटना मेरा बोझ नहीं ले पाया और मैं गिर गयी। मैंने एक ऑर्थोपेडिक सर्जन से परामर्श किया, और उन्होंने मेरी एक्स-रे और एमआरआई रिपोर्ट देखने के बाद अगले दिन आर्थोस्कोपी करवाने का सुझाव दिया। मैंने तुरंत आर्थोस्कोपी करवा ली। इसके साथ, मेरा इलाज दवाओं और कुछ हलके घुटने के फ़्लेक्श्अन व्यायाम से किया गया था। मेरे चिकित्सक ने फिजियोथेरेपी करवाने की कोई सलाह नहीं दी। मुझे लगता है कि मेरी रिकवरी कोई ख़ास सफल नहीं थी क्योंकि उस साल सितंबर तक भी मेरे घुटने में गर्माहट बनी रही और मैंने फिर से लंगड़ाना शुरू कर दिया।
जब मैंने अपने जीपी को इसके बारे में बताया, तो उन्होंने पूछा कि मैंने इतनी जल्दी आर्थोस्कोपी क्यों करवाई और वह भी बिना किसी अन्य विशेषज्ञ से दूसरी राय लिए। मैं तब अपने लंगड़ाने के लिए एक दूसरे हड्डी रोग विशेषज्ञ से मिली, और उन्होंने उसी घुटने पर एक दूसरे मेनिस्कस टीयर का निदान किया। डॉक्टर ने उन्होंने मुझे विकल्प बताये लेकिन कहा कि मुझे घुटने का रिप्लेसमेंट तो करवाना ही होगा, चाहे अभी करवाऊं या बाद में। उस समय, मैं एक यूटीआई से पीड़ित थी, इसलिए सर्जरी से पहले उसके ठीक होने का इंतज़ार करना था। आख़िरकार फरवरी, 2017 में मेरे घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई।
शुरुआती लक्षण क्या थे?
मेरा घुटना बार बार लॉक हो जाता था (एक ही पोजीशन में जकड़ जाता था) और मैं चल नहीं पाती थी। दूसरे मेनिस्कस टीयर के बाद मैं घुटने के चारों ओर गर्माहट महसूस करती थी और लंगड़ाने लगी थी।
क्या आपके परिवार में इसका इतिहास है?
मेरे परिवार में आर्थराइटिस (गठिया) और रूमेटिज्म है
क्या आपका कोई अन्य चिकित्सिक इतिहास है जो आपके घुटने से जुड़ा हो सकता है?
मेरे मेडिकल इतिहास में शामिल हैं:
- किशोरावस्था के दौरान एड़ी (टखने) में दर्द। कुछ रातों को राहत के लिए मैं अपनी एड़ियों को बांधकर उनकी मालिश करती थी।
- बचपन से ही रूमेटिज्म।
- कलाई का फ्रैक्चर (दो बार)।
- कूल्हे में ऑस्टियोपोरोसिस। यह मेरे दाहिने कूल्हे से शुरू हुआ लेकिन मुझे दोनों कूल्हों में दर्द है। कुछ दिन मुझे शॉवर के लिए स्टूल पर बैठना मुश्किल लगता है।
- प्योडर्मा गैंग्रीन (दाईं पिंडली पर अल्सर) 2011 में शुरू हुआ था।
- उच्च रक्तचाप
- दोनों आँखों में मैकुलर डिजेनरेशन।
आपकी वर्तमान स्थिति क्या है?
मैं ठीक हूँ। कुछ दिन जब मैं व्यायाम नहीं करती, तो मेरे घुटने में दर्द होता है।
कृपया अपने ऑपरेशन के बाद की रिकवरी अनुभव का वर्णन करें
अप्रैल 2016 में, पहली सर्जरी के बाद, मैंने अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन किया लेकिन ज्यादा फायदा नहीं हुआ।
फरवरी 2017 में मेरे दूसरी सर्जरी (घुटने के रिप्लेसमेंट) के बाद, मेरे डॉक्टर ने मुझे विस्तृत रिहैब संबंधी सलाह दी। शुरू में 12 सत्रों के लिए रोजाना एक घंटे मैं फिजियोथेरेपिस्ट के साथ व्यायाम करती थी। इन सत्रों के बाद भी, मुझे प्रत्येक दिन दो बार अभ्यास करना होता था।
मैंने जिम में अपने व्यायाम के रूटीन का बहुत दृढ़ता से पालन किया। मुझे वॉटर थेरेपी (पानी की चिकित्सा) की सलाह भी मिली थी। इसमें लगभग 30-40 मिनट के लिए स्विमिंग पूल में चलना शामिल था। मैं अक्सर यूट्यूब पर अभ्यास देखती और उन एक्सरसाइज को पूल में करती। जल्द ही काफी सुधार महसूस हुआ।
क्या आपको कोई संबंधित जटिलताएं हुईं?
नहीं
आप कौन सी दवाएं ले रही हैं?
- जेमकल (कैल्शियम सप्लीमेंट)
- साज़ (ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के लिए)
- नेबिकार्ड 2.5 (उच्च रक्तचाप के लिए)
- रिसोफॉस 35 सप्ताह में एक बार (ऑस्टियोपोरोसिस के लिए)
क्या दवाओं के कोई दुष्प्रभाव थे?
नहीं
आपने किन चुनौतियों का सामना किया और उन मरीज़ों को आपकी क्या सलाह है जो इस तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं?
शुरू में व्यायाम करते समय मुझे बहुत दर्द होता था (खासकर सीढ़ियों चढ़ने और उतरने पर)। परन्तु, उत्तम फिजियोथेरेपिस्ट के सहारे से और अपने दृढ़ संकल्प और अनुशासन के कारण मेरी रिकवरी ज्यादा तेजी से हुई। दूसरों को मेरी सलाह यह है कि वे लगातार प्रयत्न करते रहें और कोशिश नहीं छोड़ें।
क्या आपके डॉक्टर ने घुटने का रिहैब प्रेस्क्राइब किया गया था?
हाँ, दूसरी सर्जरी के बाद।
इसमें क्या शामिल था?
- एक फिजियोथेरेपिस्ट से फिजियोथेरेपी करवाना। एक्सरसाइज में घुटने मोड़ना, खड़े होना और बैठना, घुटने का आकुंचन (फ्लेक्शन), सीढ़ियाँ चढ़ना, लेटते समय घुटना उठाना और वॉटर-थेरेपी शामिल थीं।
- दिन में कम से कम 3 बार व्यायाम करना।
- बर्फ का पैक लगाना।
यह सब रिहैब घर और अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स पर होता है
आपको यह कब तक करना था?
शुरू में 6 सप्ताह लेकिन जीवन भर के लिए व्यायाम जारी रखने की सलाह दी जाती है। मैं अब भी लगभग रोजाना व्यायाम करती हूं।
इस रिहैब से आपने क्या लाभ महसूस किया?
मैंने देखा कि दर्द में कमी हुई, और मैं आराम से चल-फिर सकती थी (गतिशीलता में सुधार)।
क्या आपने अपनी स्थिति के प्रबंधन में ऐसा कुछ सीखा है जो आप सोचती हैं कि आप पहले जानतीं तो अच्छा होता?
हां, मैंने अब यह समझा है कि नियमित व्यायाम और चिकित्सीय जांच जरूरी हैं। इसके अलावा मुझे लगता है कि अगर मैंने पहले से ही अभ्यास करती रहती तो मुझे इतनी जल्दी आर्थोस्कोपी की आवश्यकता नहीं होती।
आप किस तरह के विशेषज्ञों से परामर्श करती हैं और कितनी बार करती हैं?
पारिवारिक चिकित्सक (फॅमिली डॉक्टर) और अन्य डॉक्टर भी, जब भी जरूरत हो।
क्या आपको अपनी हालत के कारण अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने पड़े हैं?
कुछ हद तक जीवन जीवन की गति को धीमा करना और खुद पर जोर नहीं डालना।
क्या आपने होम्योपैथी या योग जैसे पूरक चिकित्सा या उपचारों का भी इस्तेमाल किया है?
हां लेकिन ज्यादा देर तक नहीं। मैं कभी कभी मैडिटेशन की कोशिश जरूर करती हूँ। मैंने पाया कि ब्रह्माकुमारी व्याख्यान सुनने से मुझे काफी प्रेरणा मिलती है।
क्या आपको भावनात्मक रूप से स्थिति का सामना करना मुश्किल हुई है?
एक हद तक कहें तो ज्यादा नहीं। मैं अपने आप को व्यस्त रखती हूं और ओरिगामी से भरपूर आनंद पाती हूं। इसके अलावा मुझे संगीत सुनना बहुत पसंद है। इन दोनों शौक ने कठिन समय में मेरी मदद की है। मैं लुइस एल हे की अत्यंत प्रेरणादायक किताब, “यू कैन हील योर लाइफ” भी पढ़ रही हूँ।
आपके परिवार और दोस्तों ने आपका कैसे समर्थन किया है?
हां, उनसे मुझे हर तरह से बहुत समर्थन मिला है। मेरी बेटी ने मुझे जिम में साइकिल वाली एक्सरसाइज पर नियमित रूप से बने रहने के लिए प्रेरित किया। मेरे सभी दोस्त बहुत सपोर्टिव थे। मैंने खुद को कभी अलग-थलग महसूस नहीं किया।
उपचार का सबसे कठिन हिस्सा क्या था? कोशिश बनाए रखने में आपको कैसे मदद मिली? इस स्थिति ने आपके जीवन के दृष्टिकोण और महत्वाकांक्षाओं को कैसे बदला है?
कुछ भी मुश्किल नहीं था क्योंकि मैं इसके लिए मानसिक रूप से तैयार थी और मैंने दूसरों की सफल सर्जरी के बारे में सुना था। जब मैं अपनी सर्जरी के लिए गयी तब भी मैं बहुत सकारात्मक महसूस कर रही थी।
मैं यथासंभव स्वस्थ रहने की कोशिश करती हूं, चिंता कम करती हूं और कोशिश करती हूँ कि वर्तमान में ही जियूं। मैं अपने शौक और रुचियों को जारी रखती हूं और दूसरों को भी ऐसा करने की सलाह दूंगा।
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ऐसी ही स्थिति में अन्य लोगों के लिए आपकी क्या सलाह है?
- कोई भी सर्जरी करवाने से पहले दूसरी राय जरूर लें, सर्जरी जल्दबाजी में न करवाएं।
- स्थिति को ठीक से समझें, जानकारी प्राप्त करें, ऐसे दोस्तों से बात करें जो मेडिकल विषयों के बारे में जानते हैं, और इस के बाद ही डॉक्टर से मिलें या सर्जरी का निर्णय लें
- घुटने के विशेषज्ञ से परामर्श करें, सामान्य हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर से नहीं।
- मेरा सुझाव है कि आप अपने डॉक्टर के साथ आश्वस्त होने पर ही सर्जरी करवाएं। एक बार जब यह निर्णय ले लिया गया है, तो इस के लिए पूर्ण सहयोग दें और सकारात्मक रहें!
- इसके अतिरिक्त, डॉक्टर के साथ खुल के बेझिझक बात करना बहुत जरूरी है। आपको डॉक्टर के साथ सहज होने की आवश्यकता है और डॉक्टर को आपके सभी प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर देने में और आपके सभी संदेह को दूर करने में सक्षम होना चाहिए।
- सर्जरी की सफलता मरीज के रवैय्ये और स्थिति को स्वीकार करने पर भी निर्भर करती है।