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Submitted by PatientsEngage on 10 April 2021
A person in a shirt and trouser holding his jacket with one hand and his stomach with another

एजीएस इस बात का एक अच्छा उदाहरण हैं कि किसी को स्वास्थ्य की स्थिति से अभिभूत नहीं होना चाहिए। वे अपनी समस्या से घबराए नहीं, इसके बजाय, उन्होंने इसके लिए खाद्य पदार्थों के अनेक संयोजनों को आजमाया ताकी वे जान पाएं कि उनके शरीर के लिए क्या अच्छा है। उन्होंने स्थिति को खुद संभाला और वे इस विषय में विशेषज्ञ बन गए - अब वे दूसरों को बता सकते हैं कि वे क्या कर सकते हैं।

कृपया हमें अपनी स्थिति के बारे में थोड़ा बताएं:

  1. दिन में कभी भी पेट में 5 मिनट से लेकर एक घंटे या अधिक तक बिना किसी स्पष्ट कारण के असहजता / भारीपन होना। आम तौर पर यह अपने आप बंद हो जाता है।
  2. पेट का फूलना - फूलने का आकार ऐसा जैसे गर्भवती महिला का 2 महीने से लेकर पूर्णकालिक गर्भावस्था का पेट! यह दिन के किसी भी समय हो सकता है, हालांकि ज्यादातर शाम को होता है। फिर पेट अपने आप ही कम हो जाता है और अपने सामान्य आकार पर आ जाता है; अधिकाँश बार मुझे एहसास भी नहीं होता कि मेरा पेट अब फूला हुआ नहीं है।
    सौभाग्यवश, मेरी शौचालय की आदत हमेशा से नियमित है - आमतौर पर मैं शौच के लिए दिन में एक बार जाता हूँ, जब मैं सुबह उठता हूँ। यह 'आदत' तो जारी रही है, लेकिन अब दिन में मुझे बाथरूम जाने की जरूरत कई बार महसूस होने लगी थी - हालांकि यह एक वास्तविक आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि सिर्फ जोर से प्रेशर का एहसास होता है। और अब कभी-कभी मुझे दिन में दूसरी बार भी शौच के लिए जाने की जरूरत होती है।
  3. पेट में भारीपन महसूस होना - उस प्रकार का भारीपन नहीं जो अत्यधिक खाने के बाद होता है, बल्कि ऐसा जैसे कि मेरा पेट गैस से भर गया हो, मानो मेरे पेट पर हल्के वजन बाँध दिए गए हों।

मुझे आईबीएस का एक आम लक्षण - निचले पेट में दर्द - नहीं है, जिस के कारण कुछ डॉक्टर निदान में भ्रमित हुए हैं।

आपको कब निदान किया गया था?

करीब 2005 में

शुरुआती लक्षण क्या थे?

पेट फूलना

क्या आपके परिवार में IBS का इतिहास है?

मालूम नहीं

आपकी वर्तमान स्थिति क्या है?

काफी बेहतर। पेट में बस कभी-कभी थोड़ा सा भारीपन होता है, लेकिन यह निश्चित रूप से उतना गंभीर नहीं है जितना पहले था। कभी-कभी, शाम को दूसरी बार बाथरूम जाने की आवश्यकता होती है, लेकिन आमतौर पर सिर्फ गैस पास होती है।

कृपया आईबीएस के प्रबंधन के अपने अनुभव का वर्णन करें।

मैंने आईबीएस को एक समस्या के रूप में स्वीकार किया है और उपचार करवाने की कोशिश करी है। मैंने अपने डॉक्टर की सलाह का ईमानदारी से पालन किया है, और उनके नुस्खों का भी पालन किया। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि इन से राहत सिर्फ कभी-कभी मिल पायी है।

शाम को अकसर शौचालय जाने की तीव्र इच्छा के कारण लोगों से मिलने-जुलने में ज्यादा समस्या होने लगी थी - क्योंकि रेस्तरां या शादी के हॉल में साफ़ टॉयलेट नहीं उपलब्ध थे।

कोई संबंधित जटिलताओं?

ऐसा कुछ नहीं जो मुझे आईबीएस से संबंधित लगता है।

आप किन दवाओं पर हैं?

फिलहाल आईबीएस के लिए कुछ भी नहीं।

क्या दवाओं के कोई दुष्प्रभाव थे?

मेरी जानकारी में नहीं।

आपने किन चुनौतियों का सामना किया और उन मरीज़ों को आपकी क्या सलाह है जो उसी तरह की चुनौतियों का सामना करते हैं?

चुनौतियां:

  1. पेट में लगातार भारीपन का एहसास रहना - चाहे पेट फूला हुआ हो या नहीं।
  2. कहीं भी, कभी भी शौचालय जाने की तीव्र इच्छा।
  3. इस व्याकुलता के कारण जो भी काम कर रहा था, उसे एकाग्रता से नहीं कर पाना।
  4. लोगों के साथ मिलने-जुलने और अवसरों और त्यौहारों में भाग लेने में हिचकिचाहट क्योंकि मेरे फूले पेट के आकार को देखकर लोग या तो मजाक करते या बहुत गंभीर चिकित्सीय सलाह देने लगते ।
  5. कार्यस्थल और ऑफिस की मीटिंग में ये समस्याएं और भी बदतर थीं।

सलाह:

  1. दूसरे लोग क्या सोचते हैं, इस बारे में परेशान न हों। यह आपकी समस्या है और आपको इससे निपटना है।
  2. एक अनुशासित जीवन शैली का पालन करें - मैंने ऐसा किया, लेकिन शायद मुझे यह पहले शुरू कर देना चाहिए था, जैसे कि धूम्रपान नहीं करना, या मद्यपान न करना।

क्या आपने अपनी स्थिति के प्रबंधन में कुछ ऐसा सीखा है जो आप सोचते हैं कि आप पहले जानते तो अच्छा होता?

आईबीएस जैसी ऐसी बीमारियाँ जो इतनी गंभीर और जानलेवा नहीं हैं, इन का इलाज एलोपैथिक दवा के बजाय प्राकृतिक तरीके से किया जाना चाहिए।

अब आप किस तरह के विशेषज्ञों से सलाह लेते हैं और कितनी बार?

कोई नहीं।

क्या आपको अपनी हालत के कारण अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने पड़े हैं?

बहुत ज्यादा नहीं, क्योंकि मुझे वैसे भी एक साधारण जीवन शैली की आदत है - निश्चित खाने का समय, खाने के समय के बीच में कोई स्नैक नहीं लेना, यहां तक कि कॉफी या चाय भी नहीं। मैंने शायद ही कभी ओवरईटिंग करता था, और शराब भी सीमित मात्रा में लेता था। मैं योगाभ्यास भी करता रहा हूं। अब, मैं उतना ही खाता हूँ जितना मेरी उम्र के व्यक्ति को खाना चाहिए, - मात्रा में कम, लेकिन पौष्टिक भोजन। जहां तक संभव हो मैं बाहर के खाने से भी बचने की कोशिश करता हूं।

क्या आप किसी डाइट प्लान (आहार योजना) का पालन करते हैं?

मैं किसी डाइट प्लान का पालन नहीं कर रहा हूँ - न अब और न ही उन दिनों में जब मैं इन समस्याओं से सबसे अधिक पीड़ित किया। मेरा खाने का एक सख्त शेड्यूल है और पिछले 20 वर्षों से मैं इसका पालन कर रहा हूं। जहां तक संभव हो मैं बाहर का खाना नहीं खाता और अगर खाना भी पड़े तो सिर्फ ऐसी ही चीज़ें लेता हूँ जो मेरी स्थिति के लिए ठीक हैं। मैं ओवरटेट नहीं करता हूँ। मैं महीने में बस एक या दो बार मद्यपान करता हूं - बस दो छोटे पेय।

क्या आपने होम्योपैथी या योग जैसे पूरक चिकित्सा या उपचारों को ट्राई करा है?

हाँ, करा है। लगभग पांच या छह साल पहले, मैंने अपने गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से सलाह करना बंद कर दिया था और सभी एलोपैथिक दवाओं को बंद कर दिया था। इसके बाद मैंने आयुर्वेदिक उपचार शुरू किया और लगभग छह महीने तक उनके कठिन कार्यक्रम का पालन किया। मैं रेकी प्रैक्टिशनर (लेवल 2) भी बना और लगभग हर दिन रेकी के इस्तेमाल से अपना उपचार भी शुरू कर दिया। इसलिए, अब, जब भी मुझे फिर से कोई लक्षण महसूस होते हैं, मैं उस समय जहां भी हूं, खुद का इलाज करता हूं। मैं योग के कुछ मूल आसन, श्वास-नियंत्रण और मैडिटेशन जितनी बार संभव हो, उतना करता हूं।

क्या भावनात्मक रूप से आपकी स्थिति का सामना करना मुश्किल रहा है?

कुछ ख़ास नहीं। पूरी विनम्रता के साथ मैं कहूंगा कि मैं मुश्किल परिस्थितियों से इतनी आसानी से घबराता नहीं हूं। मैंने सीखा है कि आईबीएस को केवल उतना ही ध्यान देना चाहिए जितना जरूरी है। मेरे एक दोस्त आईबीएस के कारण मानसिक रूप से इतना परेशान हो गया कि वह करीबी रिश्तेदारों से मिलने से भी इनकार करने लगा। वह अवसाद से ग्रस्त हो गया और उसे अवसाद के लिए भी इलाज करवाना पड़ा।

आपके परिवार ने आपका कैसे समर्थन किया है?

मेरे परिवार ने मेरा पूरा समर्थन किया है। उन्होंने खाने को मेरी आवश्यकताओं के लिए संशोधित करने दिया। हालांकि, ज्यादातर समय, मैं और मेरी पत्नी घर पर ही होते थे, इसलिए इस से ज्यादा प्रॉब्लम नहीं हुई है।

क्या आपने समर्थन के लिए किसी काउंसलर देखा? क्या आपके डॉक्टर ने आपके लिए कोई काउंसलिंग करी?

मैं किसी काउंसलर के पास नहीं गया और न ही किसी डॉक्टर ने मुझे अपनी समस्या से कैसे निबटना है, इस के लिए कोई सलाह दी । यह एक शारीरिक समस्या थी, यह परेशान करने वाली बात थी, लेकिन शुक्र है कि इसने मेरे मानसिक संतुलन को कभी प्रभावित नहीं किया और इसलिए मुझे किसी काउंसलिंग की आवश्यकता नहीं पड़ी। डॉक्टर ने भी मेरे लिए किसी काउंसलिंग की कभी बात नहीं करी।

वास्तव में, डॉक्टर मेरी समस्या के कारणों और उपचार के बारे में भी काफी अस्पष्ट थे। उन्होंने मुझे ज्यादा कुछ नहीं बताया। मुझे ऐसा लगा कि उन्हें मेरी समस्या इतनी गंभीर ही नहीं लगी कि वे उसपर कोई ख़ास ध्यान दें। जब मैंने बताया कि स्नान करते समय मैं अपने पेट को गैस ’से भरा महसूस करता था और पेट फूला हुआ है, यह स्पष्ट नजर आता था - तो डॉक्टर की प्रतिक्रिया यह थी कि यह तापमान के अंतर के कारण हो सकता है!

मैंने खुद को शिक्षित करने के लिए इंटरनेट पर कुछ लेख देखे और कुछ किताबें भी पढ़ीं -  'मेकिंग सेंस ऑफ आईबीएस’(ब्रायन ई लासैटो)।

मैंने कुछ लोगों को आईबीएस को अलग नज़रिए से देखने और इससे निजात पाने में मदद भी की है। जब मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ स्वास्थ्य के मुद्दों पर सहज तरह से चर्चा करता हूं, तो मैंने अपने अनुभव और समस्याओं से मैंने कैसे निपटा है, यह भी साझा करा है। मैंने उन्हें इन पुस्तकों के बारे में बताता है और इन से कुछ अंश भी भेजे हैं। मैंने उन्हें रेकी एनर्जी भेजी है। मैंने उन्हें यह पता लगाने के लिए भी कहा कि वे पता लगाएं कि किस खाद्य पदार्थ या अन्य विधि से उनकी असुविधा कम होती है। चूंकि इस विषय मे फिर कभी बात नहीं हुई, इसलिए मैं मानता हूं कि या तो वे बेहतर महसूस कर रहे होंगे या हो सकता है कि मुझसे बात करने से बिलकुल भी फायदा न हुआ हो!

आपके दोस्तों ने आपके साथ कैसा व्यवहार किया? क्या इस समस्या की वजह से उन्होंने आपको अलग-थलग करा?

मुझे अपने दोस्तों से कोई समस्या नहीं हुई। हाँ, कुछ दोस्त ऐसे थे जो हमेशा मजाक करने की कोशिश करते थे और आईबीएस के बारे में चुटकले कसते थे, पर मैं इसे काफी हद तक नजरअंदाज कर देता था।

उपचार का सबसे कठिन हिस्सा क्या था?

मुझे शुरू से ही यह महसूस हुआ कि आईबीएस का कोई निश्चित उपचार नहीं है और डॉक्टरों को इसके कारणों के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं थी। यह मेरा शरीर की अवस्था थी और इसलिए मैंने कोशिश की कि यह जानूं कि किन बदलाव से मुझे मदद मिलती है। बदलाव करते रहने और उन असर देखते रहने से मैंने उन कारकों के संयोजन की खोज की जो मेरे लिए कारगर थे।

आपने हौसला कैसे बनाए रखा?

मैं इस बात के लिए तैयार था कि कुछ नहीं कर पाया तो जीवन भर इस भारी पेट के एहसास के साथ जीना होगा । मैं अपने जीवन को इस अतिरिक्त वजन की भावना के लिए एडजस्ट करने को तैयार था! (मैं वैसे भी उन दिनों 60 किलो का था)।

इसने आपके जीवन के दृष्टिकोण और महत्वाकांक्षाओं को कैसे बदल दिया है?

मैंने सोचा कि कुछ युवाओं और यहां तक कि बच्चों को काफी तकलीफें होती हैं जैसे कि जुवेनाइल डायबिटीज (बचपन या किशोर अवस्था में शुरू हुआ मधुमेह) या मोटापा या पीठ और गर्दन के दर्द - जबकि मेरी समस्या केवल एक भारी पेट है और बार-बार शौचालय जाने का प्रेशर है। इस ख़याल ने मेरी मानसिकता बदल दी और मेरे मानसिक बोझ को बहुत कम कर दिया। मेरे प्रयासों ने मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ाया है - अब मुझे भरोसा है कि मैं अपने स्वास्थ्य की सामान्य, कम गंभीर समस्याओं से जूझने के तरीके खुद ढूंढ सकता हूँ।