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Submitted by PatientsEngage on 16 April 2021
A profile picture of Rajiv, a person with hemophilia

बेंगलुरु के 43 वर्षीय राजीव चंद्रभानु एक पीडब्ल्यूएच( (पर्सन विथ हीमोफीलिया, यानी कि (हीमोफिलिया वाले व्यक्ति) हैं - उन्हें 6 महीने की उम्र में ही हीमोफीलिया का निदान मिला था । इस इंटरव्यू में वे इस अवस्था के साथ अपनी व्यक्तिगत लड़ाई के बारे में बात करते हैं और बताते हैं कि इस के बावजूद वे अपने जीवन को कैसे ठीक से संभाल पा रहे हैं।

कृपया हमें अपनी स्थिति के बारे में कुछ बताएं

मुझे सिवीअर हीमोफीलिया ए (फैक्टर VIII डेफिशियेंसी) है। हीमोफीलिया एक दुर्लभ अनुवांशिक रक्तस्राव विकार है, जो रक्त में क्लॉटिंग फैक्टर की अनुपस्थिति के कारण होता है। इसमें खून के थक्के बनाने की प्रक्रिया कम होती है और किसी भी चोट के लगने पर अधिक खून बहता है, और खून का बहना बंद नहीं हो पाता। खून की कमी हो सकती है। चोट यदि अंदरूनी हो तो खून जमा भी होने लगता है जिस से अन्य भागों पर दबाव पड़ता है और पीड़ा होती है। मुझे 6 महीने की उम्र में हीमोफीलिया का निदान दिया गया था।

Read in English: Lack of awareness of Hemophilia continues to be the biggest challenge

शुरुआती लक्षण क्या थे?

शुरुआती लक्षण थे पूरे शरीर में नीले-नीले निशान पड़ना। जहां तक हम जानते हैं, हमारे परिवार में हीमोफिलिया का कोई इतिहास नहीं है।

आपकी वर्तमान स्थिति क्या है? कृपया हीमोफिलिया के प्रबंधन के अपने अनुभव का वर्णन करें।

हीमोफिलिया में अंदरूनी चोट हो तो शरीर के अंगों और जोड़ों में खून जमा होने लगता है। कुछ जोड़ों में हीमोफिलिया के कारण बार-बार खून जमा होने की वजह से आर्थोपेडिक मुद्दों से मैं पीड़ित हूं। यह मेरी उम्र के अधिकांश पीडब्ल्यूएच (हीमोफिलिया वाले व्यक्ति) में एक आम समस्या है।

बड़े होने के दौरान उचित उपचार उपलब्ध न होने के कारण मुझे कई जोड़ों की तकलीफ और आर्थोपेडिक मुद्दे हैं। ब्लीडिंग के एपिसोड कम करने के लिए मेरी दिनचर्या में नियमित व्यायाम है, ताकि मेरी मांसपेशियां स्वस्थ और मजबूत बनी रहें। मैं सकारात्मक रवैय्या भी बनाए रखने की कोशिश करता हूं।

कुछ अन्य जटिलताएं जिनका मुझे सामना करना पड़ता है वे हैं दांत संबंधी समस्याएं, न्यूरोलॉजिकल मुद्दे और मांसपेशियों में ब्लीडिंग की वजह से होने वाली समस्याएँ।

आपने किन चुनौतियों का सामना किया और उन मरीज़ों को आपकी क्या सलाह है जो इस तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं?

व्यक्तिगत चुनौतियां: बचपन में मुझे ऐसे खले खेलने की अनुमति नहीं थी जिनमें अधिक चोट लगती है (इम्पैक्ट स्पोर्ट्स)। पर इस प्रतिबन्ध के कारण मुझे पेंटिंग और पढ़ने पर ध्यान देने में मदद मिली। आंतरिक / बेवजह होने वाले रक्तस्राव की अप्रत्याशित प्रकृति, और इन रक्तस्राव के एपिसोड से जुड़े गंभीर दर्द को शिक्षकों या बॉस को समझाना मुश्किल है, और कभी-कभी दोस्तों और परिचितों के लिए भी यह समझाना आसान नहीं होता है।

एंटी हीमोफिलिक फैक्टर (एएचएफ) हमेशा ही बहुत अधिक महंगे रहे हैं, इसलिए ब्लीडिंग से बचने की कोशिश करना या इस का प्रबंधन करना एएचएफ द्वारा उपचार की तुलना में आसान था। ब्लीड्स को ज्यादातर कोल्ड कम्प्रेशन (ठंडे संपीड़न) और आराम द्वारा प्रबंधित किया जाता था, और केवल अधिक गंभीर स्थिति में ही दवा या अन्य उपचार वाले हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ती थी।

अवलोकन और सलाह: जागरूकता की कमी हमेशा सबसे बड़ी चुनौती रही है। इस अवस्था / विकार को अकसर एक बीमारी माना जाता है और कई माता-पिता "इलाज" या चमत्कार की प्रतीक्षा करते हैं! मैं ऐसे परिवारों से मिला हूं, जिन्होंने इस अवस्था को स्वीकार नहीं किया है - वे इस के साथ समझौता नहीं कर पाए हैं, इसका कारगर प्रबंधन तो दूर रहा!

चूंकि यह अवस्था आनुवंशिक है और महिलाएं इसकी वाहक होती हैं, इसलिए उन्हें अकसर परिवार वाले दोषी ठहराते हैं। इस अवस्था के साथ सामाजिक कलंक भी जुड़ा हुआ है।

हीमोफिलिया को कारगर रूप से तभी प्रबंधित किया जा सकता है जब हीमोफिलिया वाले व्यक्ति और उनके परिवार इसे समझें और स्वीकार कर पायें।

उपचार का सबसे कठिन हिस्सा क्या था?

उपचार की उच्च लागत हमेशा सबसे कठिन हिस्सा रही है। एएचएफ की लागत बहुत अधिक है, जो उपचार की समग्र लागत को बढ़ाती है। भारत में हीमोफिलिया के लिए कोई बीमा कवर नहीं है, और यह उपचार को और अधिक महंगा और दुर्गम बनाता है।

क्या आपने अपनी अवस्था के प्रबंधन में कुछ सीखा है जो आप चाहते हैं कि आप पहले जानते थे तो अच्छा होता?

काश मुझे पता होता कि तैराकी एक उत्कृष्ट गतिविधि थी ताकि मैं बचपन में तैरना सीख लेता।

क्या भावनात्मक रूप से इस अवस्था का सामना करना मुश्किल था? आप इससे कैसे निपटते हैं?

हां, बार-बार ब्लीडिंग के एपिसोड तनाव / चिंता और यहां तक कि अवसाद को जन्म दे सकते हैं। स्वीकृति ही कुंजी है।ब्लीडिंग एपिसोड से निपटने का एकमात्र तरीका है आराम और कोल्ड कम्प्रेशन (ठंड संपीड़न)। कोई हॉबी हो तो तनाव को दूर करने में मदद मिलती है। घर में सकारात्मक वातावरण और स्नेहपूर्ण परिवार हो तो बेहतर है।

आपके परिवार ने आपका कैसे समर्थन किया है?

मेरे परिवार ने हमेशा मेरा बहुत समर्थन करा है और घर के लोग मेरी ताकत का स्रोत हैं। उन्होंने इस अवस्था के कारण मेरे जितना ही, और कभी-कभी मुझ से अधिक तनाव और अवसाद महसूस किया है। फिर भी, हमने साथ मिलकर आवश्यक परिवर्तनों को अपने जीवन का सामान्य भाग बनाया है और हम यथासंभव सामान्य जीवन जी रहे हैं।

आप किस तरह के विशेषज्ञों से परामर्श करते हैं और कितनी बार करते हैं?

  • हेमेटोलॉजिस्ट - 3 महीने में एक बार
  • डेंटिस्ट - जब आवश्यकता हो
  • फिजियोथेरेपिस्ट - नियमित रूप से

क्या आपको अपनी अवस्था के कारण अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने पड़े हैं?

हां, मैं सावधान रहने की कोशिश करता हूँ और ऐसी गतिविधियों से बचने की कोशिश करता हूं जिन में चोट लगने की अधिक संभावना हो। मैं साइकिल, स्कूटर, मोबाइक जैसे वाहन पर या भीड़ भरे सार्वजनिक परिवहन से यात्रा नहीं कर सकता हूँ। इसलिए मुझे व्यक्तिगत कार का उपयोग करने की आवश्यकता होती है, जो महंगा पड़ता हैं। मैं नियमित रूप से व्यायाम करने की और दिमाग के सकारात्मक बनाए रखने की कोशिश करता हूं।

कृपया हमें अन्य हीमोफीलिया रोगियों के साथ अपने काम के बारे में बताएं।

मैं हीमोफीलिया समुदाय का समर्थन और विकास करने और पीडब्ल्यएच का समर्थन करने के लिए स्वयंसेवक हूं। यह काम मेरे लिए एक बहुत ही अच्छा अनुभव रहा है। अधिकांश हीमोफीलिया वाले व्यक्ति और उनके परिवार परामर्श और सेल्फ-हेल्प वर्कशॉप के लिए बेहद तैयार/ उत्सुक/ हैं। वे तकलीफ से मुक्त जीवन बिता पाने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं, यह समझने और उस का अनुपालन करने के लिए तैयार हैं।

आपने इस क्षेत्र में काम करने का फैसला क्यों किया? आपने यह काम कैसे शुरू करा?

हम में से कुछ हीमोफीलिया वाले व्यक्तियों को लगा कि एक ऐसा संगठन होना चाहिए जो हीमोफीलिया के लिए समर्पित हो, और जो हीमोफीलिया वाले व्यक्तियों और उपचार / देखभाल / फिजियोथेरेपी / पुनर्वास प्रदान करने वालों के बीच एक सेतु हो, और इसी सन्दर्भ में 25 साल पहले 8 मरीज और 1 डॉक्टर के साथ हीमोफीलिया सोसाइटी के बैंगलोर अध्याय का जन्म हुआ।

हम हीमोफीलिया वाले व्यक्तियों के लिए उपचार और दवाओं को सुलभ बनाने और उनके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करने का प्रयास करते हैं।

हीमोफीलिया सोसाइटी, बंगलौर अध्याय अब एक अच्छी तरह से स्थापित गैर-लाभकारी संस्थान है है, जो हीमोफीलिया वाले व्यक्तियों को अनेक प्रकार की सेवाएं प्रदान करती है। हम राज्य में अधिक से अधिक लाभार्थियों तक मदद पहुंचाने के लिए अस्पतालों में विज्ञापन द्वारा और जानकारों की सिफारिश की मदद से अपना अभियान जारी रखते हैं।

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