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Submitted by Dr S. Patel on 20 June 2020
Do I need to call an ambulance?

क्या आप जानते हैं कि संकट होने पर एम्बुलेंस बुलाना कब उचित होगा, और कब आप टैक्सी से या अपनी गाडी ड्राइव करके अपने लिए या प्रियजन के लिए अस्पताल जा सकते हैं? इस लेख में डॉ शीतल रावल बताती हैं कि सही विकल्प चुनने के लिए किन पहलु ओं पर ध्यान देना होगा।

जब कोई मेडिकल संकट होता है, तब तुरंत उचित सहायता प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है! कभी-कभी लगता है कि आपात स्थिति में एम्बुलेंस बुलाने के बजाए खुद ही क्यों न तेजी से गाड़ी चला कर अस्पताल चले जाएँ?। हालाँकि यह कुछ स्थिति में बेहतर हो सकता है, पर अन्य स्थिति में शायद एम्बुलेंस बुलाना बेहतर हो - आइये देखें एम्बुलेंस किन हालात में बेहतर है, और क्यों।

एम्बुलेंस कब बुलाएं:

  • छोटी मोटी चोट हो,कट हो, और रात का समय हो या आपके डॉक्टर के काम करने के टाइम के बाहर का समय हो तो आप इमरजेंसी रूम (ईआर) जा सकते हैं।
  • यदि आप शॉक (सदमा) में हों,चोट ज्यादा लगी हो, या आप ज्यादा परेशान या घबराए हुए हों तो खुद कार चलाना ठीक नहीं होगा। बेहतर होगा कि आप अपना फ़ोन ढूंढ कर इमरजेंसी हेल्पलाइन (आपातकालीन हेल्पलाइन)प र कॉल करें।
  • यदि आप टैक्सी बुलाने की सोच रहे हैं, तो यह देख लें कि टैक्सी को आप तक पहुँचने में कितना समय लगेगा। यदि एम्बुलेंस आपको अस्पताल जल्दी पहुंचा सकती है, तो एम्बुलेंस का विकल्प चुनें।
  • मूल्यांकन करें कि क्या स्थिति सचमुच एक मेडिकल इमरजेंसी है - जैसे कि सड़क दुर्घटना, हृदय की गती रुकना, आदि। अमेरिकन कॉलेज ऑफ इमरजेंसी चिकित्सकों का सुझाव है कि आप खुद से ये प्रश्न पूछें:
    • क्या हालत जानलेवा लग रही है?
    • क्या अस्पताल के रास्ते में हालत बिगड़ सकती है या जान को खतरा हो सकता है?
    • क्या व्यक्ति को हिलाने से (जैसे की कार में रखने के लिए) व्यक्ति को अधिक चोट लग सकती है या कुछ नुकसान हो सकता है?
    • क्या अस्पताल जाने में ट्रैफिक की वजह से देर हो सकती है?
    • क्या व्यक्ति को पैरामेडिक्स के कौशल या विशेष उपकरण (जो पैरामेडिक्स के पास या एम्बुलेंस में होते हैं) की आवश्यकता है?

यदि इनमें से किसी भी प्रश्न के लिए आपका उत्तर हाँ है, तो एम्बुलेंस तुरंत बुलाएं - संकोच न करें। व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने के लिए अकसर एम्बुलेंस सबसे तेज़ तरीका होता है। और  एम्बुलेंस इस्तेमाल कर रहे हों तो एम्बुलेंस के साथ आने वाले पैरामेडिक्स अस्पताल के रास्ते में ही उपचार शुरू कर सकते हैं। वे ईआर स्टाफ को व्यक्ति के आगमन और स्थिति के बारे में सचेत भी कर सकते हैं। अधिकांश एम्बुलेंस में आपात स्थिति के लिए उपयोगी उपकरण होते हैं - जैसे कि ऑक्सीजन सिलेंडर,  बेसिक फर्स्टऐड किट (प्राथमिक चिकित्सा किट) और कुछ में डीफिब्रिलेटर भी होता है। इन सब से उपचार की प्रक्रिया जल्दी शुरू हो पाती है और गंभीर स्थिति वाले व्यक्ति के लिए इस तुरंत उपचार शुरू कर पाने से जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर हो सकता है।

मेडिकल इमरजेंसी क्या है?

सचमुच की इमरजेंसी में और मामूली, छोटी मेडिकल समस्याओं में अंतर जान पाना बहुत आवश्यक है। मेडिकल इमरजेंसी पहचान पाने के लिए कुछ संकेत निम्नलिखित हैं:

  • सांस फूलना या सांस लेने में कठिनाई
  • ब्लड ओक्सिजन सैचुरेशन लेवेल  (पल्स आक्सीमीटर से चेक करें)  95% से कम हो जाये खास करके कोविड-19 के संदर्भ में
  • छाती या पेट में 2-3 मिनट से अधिक तीव्र दर्द या दबाव
  • बेहोश होना, चेतना खोना
  • अचानक चक्कर आना या कमजोरी महसूस करना
  • दृष्टि का परिवर्तन, दोहरा दिखाई देना या देख न पाना
  • बोलने में कठिनाई
  • मानसिक स्थिति में परिवर्तन जैसे कि भ्रम, असामान्य व्यवहार, स्मृति हानि आदि
  • रक्तस्राव की स्थिति जिस में 10 मिनट के बाद भी में खून का बहना नहीं रुकता
  • खांसी याउलटी में खून आना
  • अनियंत्रित दौरा जो रुक नहीं रहा हो
  • आत्महत्या (आत्महानि) के विचार या हिंसक विचार (खुद को या दूसरों को चोट पहुंचाने की इच्छा 
  • जबरदस्त एलर्जी प्रतिक्रिया जैसे सांस लेने में कठिनाई या एनाफिलेक्टिक झटका

एम्बुलेंस बुलाने के बाद आप अपने नियमित फैमिली डॉक्टर को कॉल कर सकते हैं और उन्हें स्थिति की जानकारी दे सकते हैं। आपातकालीन नंबरों की सूची को जल्दी में ढूंढ पाने के लिए अपने रेफ्रिजरेटरपर या अपने  होम फोन पर लगा लें। इस सूची में पास के अस्पताल, आपके फैमिली डॉक्टर, विशेषज्ञ डॉक्टर (यदि कोई हों), 24 घंटे खुली रहने वाली दवा की दुकान, जहर नियंत्रण सेवा (पाइजन कण्ट्रोल), आग और पुलिस विभाग - इन के नंबर जरूर शामिल करें। प्राथमिक चिकित्सा (फर्स्टऐड) या सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरीपुनर्जीवन) जैसी बुनियादी जीवन समर्थन तकनीकों को जानना भी जरूरी है - जब तक एम्बुलेंस नहीं आती है तब तक आप इन  के उचित इस्तेमाल से कुछ मदद कर पायेंगे. 

First Aid For Someone Having A Stroke

एम्बुलेंस के आने तक शांत रहें और व्यक्ति के साथ रहकर धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करें। यदि उपलब्ध होतो व्यक्ति की मेडिकल फ़ाइल और दवाएं या सूची या दवाइयाँ इकट्ठा करें, ताकि इनको साथ  में अस्पताल ले जाया जा सके।

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