
दिल्ली के विनय जानी को 15 वर्षों से अधिक समय से एपिलेप्सी (अपस्मार) है, और हाल ही में उनकी न्यूरोलॉजिस्ट ने उन्हें बताया कि वे अब ड्रग रेसिस्टेंट हैं (उनपर दवा असर नहीं करती, वे दवा-प्रतिरोधी हैं)। इसलिए उन्हें सर्जरी कराने की सलाह दी गई। वे सर्जरी के बाद से (एक साल से अधिक समय से) सीज़र-मुक्त जीवन जी रहे हैं। इस लेख में उन्होंने अपना अनुभव साझा किया है।
आप कहते हैं कि आपको ड्रग रेसिस्टेंट एपिलेप्सी थी। कृपया समझाएँ।
कुछ केस में, दवा में बदलाव के बावजूद सीज़र का नियंत्रित नहीं हो पाता है। जब मुझे बार-बार सीज़र होने लगे, तो मेरी न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. (प्रोफेसर) मंजरी त्रिपाठी ने कई एईडी (एपिलेप्सी-विरोधी दवाएं) द्वारा मेरे सीज़र को नियंत्रित करने की कोशिश की - 2016 से 2019 के दौरान लगभग 20 से 25 एईडी को आजमाया गया। लेकिन मेरे सीज़र को नियंत्रित नहीं किया जा सका। तीन साल की कोशिश के बाद उन्होंने मुझे बताया कि मेरी एपिलेप्सी ड्रग रेसिस्टेंट (दवा प्रतिरोधी) होती जा रही है।
चूंकि मेरे सीज़र के नियंत्रण नहीं हो पा रहा था, इसलिए मेरी न्यूरोलॉजिस्ट ने मुझे सर्जरी के बारे में सोचने की सलाह दी। मुझे वीडियो-ईईजी, एमईजी, कंट्रास्ट एमआरआई और फंक्शनल एमआरआई करवाने की भी सलाह दी, जिस से यह देखा जा सके कि मेरी सर्जरी के संबंध में योग्यता क्या है – इन सब के रिजल्ट के साथ डॉ. (प्रोफेसर) पी शरत चंद्रा के साथ मेरे केस पर चर्चा की गई।
विनय जानी की कहानी का भाग 1 यहाँ पढ़ें
क्या एपिलेप्सी के लिए सर्जरी करवाने का निर्णय आपके लिए एक कठिन निर्णय था?
चूंकि मेरी एपिलेप्सी दवा-प्रतिरोधी हो गई थी और मैं सर्जरी के लिए एक योग्य पात्र था, मेरे पास दो विकल्प थे: अपने सीज़र से युक्त जीवन को जारी रखना, या सर्जरी की अनुमति देना ताकि मैं सीजर-मुक्त जीवन की आशा कर पाऊँ। पहले विकल्प को चुनने का मतलब था कि उम्र के साथ मेरी नसें और कमजोर होती जाएंगी, और इसके परिणामस्वरूप मैं बाद में भी सर्जरी के लिए योग्य नहीं रहूँगा। अगर अभी सर्जरी नहीं करवाई, तो यह विकल्प बाद में शायद उपलब्ध न रहे।
मेरी न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. (प्रो.) मंजरी त्रिपाठी और न्यूरोसर्जन डॉ. (प्रो.) पी. शरत चंद्रा दोनों ने मुझे सर्जरी और उसके बाद बेहतर जीवन की संभावना के बारे में जानकारी दी। मैंने 2019 से अपने सोशल हैंडल के माध्यम से एपिलेप्सी के बारे में बातें करना शुरू करा था, जिससे मैं अन्य एपिलेप्सी वाले लोगों से जुड़ पाया था। इसलिए मैंने उनसे बात की कि क्या उन्हें सर्जरी का विकल्प मिल रहा है।
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सर्जरी के बाद आपका अनुभव क्या है?
मेरी सर्जरी को अब 11 महीने हो गए हैं। मैं सीज़र से मुक्त जीवन जी रहा हूँ, और यह भी उम्मीद है कि 1 वर्ष के बाद दवाएँ भी बंद करना शुरू हो पाएगा।
आपने सर्जरी के बाद अपनी शारीरिक गतिविधि फिर से कब शुरू की?
डिस्चार्ज के समय मेरी न्यूरोलॉजिस्ट ने मुझे 6 महीने तक दौड़ने, साइकिल चलाने और जिम वर्कआउट से बचने की सलाह दी क्योंकि आंतरिक रिकवरी में कुछ समय लगता है। सर्जरी के 6 महीने बाद मैंने धीरे-धीरे हल्का वर्कआउट फिर से शुरू किया। एसयूडीईपी (सडन अनएक्सपेक्टेड डेथ इन एपिलेप्सी यानि कि एपिलेप्सी में अचानक अप्रत्याशित मौत) पर जागरूकता के लिए मैंने वेदांत दिल्ली हाफ मैराथन में भाग लिया क्योंकि यह दौड़ अंतर्राष्ट्रीय एसयूडीईपी दिवस से 3 दिन पहले थी।
आपने पहले बताया था कि नींद की कमी आपके लिए एक समस्या है और सीज़र होने का एक संभावित कारण है। क्या अब यह बदल गया है?
सर्जरी के बाद मुझे दवाओं से गहरी नींद आ रही है।
मैं सर्जरी के बाद काफी बेहतर जीवन जी रहा हूं।
आजकल आपका दैनिक जीवन कैसा है?
मेरा जीवन स्तर अब काफी बेहतर हो गया है। मैं अब अधिक स्वतंत्र हूँ और अधिक काम कर पाता हूँ, और मुझे तनाव भी कम है। इसके अलावा, अब मैं अपने दिनों की योजना बेहतर तरीके से बना सकता हूं क्योंकि एक साल से अधिक समय से मैं सीज़र से मुक्त हूं।
आजकल आपका क्या उपचार चल रहा है?
वर्तमान में मैं वही दवा ले रहा हूं जो मैं अपनी सर्जरी से पहले लेता था, लेकिन मुझे उम्मीद है कि जल्द ही डॉक्टर मेरी दवा घटाने लगेंगे।
क्या सर्जरी एक दीर्घकालिक समाधान है?
हां, सर्जरी को हमेशा दीर्घकालिक समाधान के रूप में देखा जाता है।
आपने अपने परिवार को सर्जरी के लिए कैसे मनाया? आप सीज़र से मुक्त हो गए हैं, क्या इस से आपके परिवार को भी राहत मिली है?
मेरी न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. (प्रो.) मंजरी त्रिपाठी ने सर्जरी के फायदों के बारे में मेरे परिवार के साथ खुल कर बातचीत की क्योंकि और दवाएं देने से मुझे कोई फायदा नहीं हो सकता था। वास्तव में, लंबे समय तक दवा लेता रहता तो दवा के दुष्प्रभाव झेलने की अधिक संभावना थी। हाँ, मेरे परिवार वाले भी बहुत खुश हैं कि मैं अब सीज़र से मुक्त जीवन जी रहा हूँ।
क्या ऐसी कोई बात है जिसके बारे में आप चिंतित हैं?
अनावश्यक और अत्याधिक चिंता से व्यक्ति को कोई फायदा नहीं होता। अपने न्यूरोलॉजिस्ट के साथ सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ खुल कर बात करके समाधान खोजना हमेशा बेहतर होता है।
As told to Moyna Sen