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Submitted by Javed Ameer on 30 May 2020
Javed Ameer a stroke survivor who talks of his rehab journey

जावेद अमीर बताते हैं कि कैसे सेरिब्रल स्ट्रोक के बाद सफल पुनर्वसन के तीन मंत्रों के जरिए उन्होंने खुद को संभाला।

Trigger warning: Includes suicide ideation 

सेरिब्रल स्ट्रोक के आप पर तत्काल प्रभाव क्या थे?

मैं लकवाग्रस्त अवस्था में अपनी बेटियों के सहारे घर लौटा था और लगभग 80 प्रतिशत अंधा था -केवल छाया-आकृति देख पा रहा था! चमत्कारिक ढंग से, एक दिन जब मैं बालकनी में खड़ा था, तभी अचानक मेरी पूरी दृष्टि लौट आई। पूरी दृष्टि बस अचानक आ गई जैसे किसी ने विंड स्क्रीन को बिल्कुल साफ कर दिया हो।अविश्वसनीय अनुभव था, रहस्यमयी। कोई भी डॉक्टर इसे समझा नहीं पाए हैं। मेरी मस्तिष्क की पिछली एमआरआई(MRI) के बाद अब डॉक्टर बता रहे हैं कि इसी तरह एक दिन मैं ठीक से चलना भी शायद शुरू कर पाऊंगा। उम्मीद है किसी दिन ऐसा भी होगा!

शुरुआती दौर में आपनेपुनर्वास(रीहैब) के लिए क्या किया?

जैसा कि मेरे फिजियोथेरेपिस्ट ने एक बार कहा था कि, "इस बारे में सोचना बंद कर दें। बस अपनी दवाएं लें और नियमित व्यायाम करें। शरीर को अपना काम स्वयं करने दें।"बाईगॉड, शरीर सच में ऐसा ही करता है, और कितनी खूबी से!

आपको सबसे ज्यादा सहारा कहांसे और किससे मिला?

खुद से। विश्वास करिए, यह कहना कि सब कुछ परिवार की वजह से हुआ, यह बहुत बढाई-चढ़ाई बात है । अपने व्यक्तिगत या काम-संबंधी जीवन में जब आपको कुछ चुनौती का सामना करना पडा था, तो याद करें कि आपने क्या किया था। ज्यादा से ज्यादा यह हुआ होगा कि समस्या से निपटने के बाद आपने इसे परिवार के साथ 'साझा' किया था। कहने का मतलब है, जब आप वास्तव में तूफान में घिरे थेतो आप बिल्कुल अकेले थे। इसलिए किसी भी मामले में जब आप गंभीर संकट में फंसे होते हैंतो आपको अपने व्यक्तिगत प्रयास ही करने होंगे।

मैंने देश के करीब टॉप सात अस्पतालों को आजमाया होगा। इनमें से कृष्णा हार्ट अस्पताल का नाम लेने में कोई हिचक नहीं है क्योंकि उनकी फिजियोथेरेपी टीम ने वास्तव में मेरी स्थिति को बेहतर बनाया। मैं पूरी तरह से बिस्तर पर पड़ा हुआ था। अन्य अस्पतालों के बारे में बात करने का कोई फायदा नहीं है।

इसके अलावा, इस हादसे के बाद मेरी जीने की इच्छा का कई बार परीक्षण हुआ। अपनी जान लेने के इरादे से अभी तक रेलवे लाइन के पास नहीं गया तो इसका एकमात्र कारण यह है कि मैं सोचता था कि अगर बच गया और शरीर के एक-दो अंग कट गए तो जीवन कैसा होगा। कुछ ही दिन पहले मैंने खुद को फांसी लगाने के बारे में सोचा और सीलिंग फैन तक पहुंचने के लिए टेबल पर चढ़ने की कोशिश की। किसी तरह टेबल पर चढ़ा, लेकिन उस पर खड़ा नहीं हो सका और बुरी तरह से गिर गया। मेरे घुटने में चोट लगी। मुझे अपनी इस मूर्खता पर हंसी भी आई। उस क्षण,मैं वास्तव में भूल गया कि मैं क्या करने वाला था, फिर झंडू बाम वाला गीत गुनगुनाते हुए पीड़ा हरी बाम ढूंढने लगा। इसलिए मुझे लगता है कि मैं जिंदा रहूँगा!

आपने अपनी मदद करने का कैसे प्रयास किया, क्योंकि ठीक होने में व्यक्ति की अपनी कोशिश ही सबसे ज्यादाकाम आती है।

संगीत, पढ़ने और मेडिटेशन से काफी मदद मिली। सबसे ज्यादा जिस चीज से फायदा हुआ वह था अपनी स्थिति को स्वीकारने का निश्चय लेना। "भाग्यवादी" बनें! आलोचनात्मक सोच अक्सर बहुत दबाव पैदा कर देती है। जो कुछ हुआ अच्छा हुआ, जो हो रहा अच्छा है और जो होगा वह अच्छे के लिए ही होगा। ऊपरवाले पर और व्यायाम पर भरोसा रखें। बस शारीरिक कोशिश जारी रखें। यह आपको थका देती है और आपको बुरे विचारों से दूर रखती है। बेबात सोचना बंद करें।

अब आपकी हालत कैसी है? अपने रोजमर्रा के काम आप कैसे करते हैं?

मैं अच्छा हूँ। चलता-फिरताहूं। अब मेरी परेशानी केवल यह है कि मेरा सिर कइ बार लगातार 24 घंटे घूमता रहता है। मेरी पिछली एमआरआई से ऐसा कुछ नहीं पता चला जिससे मैं दवा या सर्जरी से कोई उम्मीदकरूँ। डॉक्टरों का कहना है किया तो यह अपने आप ही ठीक हो जाएगा, बिल्कुल उस तरह जैसे आपका अंधेपन गायब हुआ या मस्तिष्क का स्वस्थ हिस्सा धीरे-धीरे ठीक से काम न करने वाले भागों का काम अपने ऊपर ले लेगा और सिर घूमना बंद हो जाएगा। इसलिए इंतजार कर रहा हूं, लेकिन ठीक हूं। कोई शिकायत नहीं। ड्राइव भी कर सकता हूं, लेकिन मजा तब तक नहीं आता जब तक कि पहाड़ों या राजमार्गों पर नहीं होता हूं।

एक और शिकायत यह कि मैं अभी भी अपने बाएं हाथ की तर्जनी अंगुली से अपनी नाक नहीं खोद पाता हूं। इस पर काम कर रहा हूँ। शायद एक दिन उस पर भी काबू पा लूंगा।

 क्या आप अकेले घर से बाहर यात्रा करने में सक्षम हैं? क्या आपको सहारे के लिए किसी की आवश्यकता होती है?

अकेले यात्रा - जी हाँ मैं कर सकता हूँ। हालांकि अभी तक ऐसा कोई मौका नहीं आया! अब मैं अपने कूल्हे के बल बैठ सकता हूँ। पहले ऐसा करने से मैं मुंह के बल गिर जाता था मगर व्यायाम में अपने पर्व बराबर जोर देने के बाद मैं यह कर पाया हूँ।

आपका सामाजिक जीवन इस वक्त कैसा है?

सीमित है। लोग विनम्र हैं, लेकिन मुझसे बचने की कोशिश करते हैं।

आपकी इस हालत ने आपकी पेशेवर जिंदगी पर क्या प्रभाव डाला?

मेरी इस स्थिति के कारण मुझे अपनी पिछली नौकरी छोड़नी पड़ी। सेहत में सुधार के साथअब मैं नए अवसरों की तलाश शुरू करूंगा, हालांकि मुझे यकीन है कि वे मौके अब सीमित ही होंगे। मुझे अभी तक पता नहीं है लेकिन जल्द ही काम की तलाश शुरू करनी होगी।

क्या चिकित्सकीय सलाह से आपको मदद मिली? किस तरह से? पुनर्वास के लिए क्या आप अभी भी किसी डॉक्टर से सलाह लेते हैं?

पहले से और बाद में, दोनों ही हालातों में मैं अपने डॉक्टर से सलाह के मामले में नियमित रहा हूं।चिकित्सक से सलाह लेते रहने से बेहतर निगरानी करने में मदद मिलती है।

सेरिब्रल स्ट्रोक झेल चुके रोगी के पुनर्वास के लिए आपके पास 3 सबसे महत्वपूर्ण सुझाव क्या हैं?

  1. 'शारीरिक 'मेहनत करते रहें। साइक्लिंग, चलना, टहलना, जॉगिंग, दौड़ना,व्यायाम करना…
  2. अपनी स्थिति और भाग्य को स्वीकार करें। मानसिक रूप से। जितनी जल्दी आप इसे स्वीकार करते हैं, उतना ही ज्यादा यह आपके मन की शांति के लिए अच्छा है!
  3. पढ़ते रहना आपको जगह-जगह ले जाता है (मुझेयात्रा वृतांतपसंदहैं), संगीत सुनना और मेडिटेशन मददगार हैं, लेकिन याद रखें कि वहां आप बिल्कुल अकेले होते हैं। किसी से किसी भी चीज की उम्मीद न रखें। हम में से हर एक को अपनी लड़ाई खुद लड़नी होती है। उठें और आगे बढ़ें। जैसा कि मैंने कहा ‘शारीरिक मेहनत करते रहें’।
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