
आकांक्षा पाटनकर मिर्जी को अपनी पहली गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान एपिलेप्सी (मिर्गी, अपस्मार) का निदान मिला था, जब उन्हें घर पर एक ग्रैंड मॉल सीजर पड़ा था। एक प्रतिबद्ध पेशेवर के रूप में, वे तब से डॉक्टरों, परिवार और दोस्तों के समर्थन से अपने सीजर के प्रबंधन में कामयाब रही हैं। वे एपिलेप्सी के बारे में जागरूकता बढ़ाने में एक उत्साही ऐड्वोकेट हैं और इसी उद्देश्य से मैराथन दौड़ती हैं|
कृपया हमें अपने बारे में कुछ बताएँ।
मैं एक एपिलेप्सी योद्धा हूँ। यानि कि, मैं एक ऐसी व्यक्ति हूँ जिसे एपिलेप्सी है और जो एपिलेप्सी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इस से संबंधित कलंक को मिटाने के लिए निरंतर लड़ाई लड़ रही है।
Read in English: She Runs to Raise Epilepsy Awareness and Dispel Stigma
शुरुआती लक्षण क्या थे? आपने किन लक्षणों की वजह से डॉक्टर से सलाह करी?
जब मैं अपनी पहली गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में थी, तो मुझे घर पर टॉनिक-क्लोनिक या ग्रैंड मॉल सीजर पड़ा। मेरे पति भी उस समय वहाँ मौजूद थे। उन्होंने तुरंत मेरी स्त्री रोग विशेषज्ञ को फ़ोन करके उन्हें सूचित किया और वे मुझे बिना देर किए अस्पताल ले गए।
आपका निदान कब और कैसे हुआ? कौन से परीक्षण किए गए?
शुरू में, मुझे एक्लैम्पसिया का निदान दिया गया क्योंकि सीजर गर्भावस्था के दौरान शुरू हुए थे। परीक्षणों में ईईजी, अल्ट्रासाउंड और सोनोग्राफी शामिल थे। चूँकि यह सीजर मेरी गर्भावस्था के दौरान हुआ था, इसलिए डॉक्टरों ने मेरी और बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती तरीके भी अपनाए।
आपके अनुसार सीजर के ट्रिगर क्या थे?
अब सोचती हूँ तो लगता है कि कई ट्रिगर हो सकते थे। मेरे अनुसार, मेरा प्राथमिक ट्रिगर तनाव था, और विभिन्न न्यूरोलॉजिस्ट के अनुसार भी इस ट्रिगर को पहचाना गया। एक तो मेरा प्रोफेशन ऐसा था, साथ ही पेशेवर के रूप में मेरा स्वभाव भी ऐसा था कि मैं एक पर्फेक्शनिस्ट थी - पूरे समय मेरी यही कोशिश रहती थी कि हर काम बिल्कुल ठीक से करा जाए और सही समय तक पूरा हो। (मैं पीआर के क्षेत्र में पेशेवर थी। उस समय मैं भारत की सबसे बड़ी पीआर कंसल्टेंसी में से एक कंसल्टेंसी की पुणे शाखा की प्रमुख थी। मेरी टीम और पूरा संगठन मेरी गर्भावस्था के दौरान एक्लैम्पसिया और एपिलेप्सी के निदान से पहले और निदान के बाद की अवधि में बेहद मददगार और सहायक रहे।)
निदान पर आपकी क्या प्रतिक्रिया थी? आपने अपने परिवार को यह निदान कैसे और कब बताया?
शुरू में, हम सिर्फ़ मेरे स्वास्थ्य और मेरे भ्रूण के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित थे। जब एक्लेम्पसिया का निदान एपिलेप्सी के निदान में बदल गया, तो हम यह नहीं समझ पाए कि अब क्या होने वाला है। सच तो यह है कि हमें एपिलेप्सी के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी, सिवाय इस बात के कि यह एक न्यूरोलॉजिकल विकार है। मेरे सीजर ग्रैंड मॉल सीजर थे, इसलिए हमने इसे केवल एपिलेप्सी से जोड़ा, और ध्यान सुरक्षा पर केंद्रित किया, जैसे कि यह सुनिश्चित करना कि मैं अपनी गर्भावस्था के दौरान कभी गिर न जाऊँ, और सीजर के दौरान मुझे एक तरफ़ करवट से लिटाया जाए। हम यह नहीं समझ पा रहे थे कि हमें अपने पहले बच्चे के बारे में खुश होना चाहिए या इस निदान के बारे में दुखी होना चाहिए। इसलिए, हमने खुशी और आनंद पर ध्यान केंद्रित रखा, और साथ ही गर्भावस्था के दौरान होने वाली एपिलेप्सी के बारे में और अधिक पढ़ने लगे।
मेरा परिवार तीन पुश्तों से आर्मी परिवार रहा है, और हम प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने के आदी हैं। और हालांकि मेरे ससुराल वाले, आर्मी वाले नहीं हैं पर उन्होंने बहुत सी स्वास्थ्य कठिनाइयों का सामना किया है। दोनों पक्षों को निदान बारे में तुरंत सूचित किया गया। मैं बहुत धन्य हूँ कि मैं ऐसे परिवारों का हिस्सा हूँ जो बेहद खुले विचारों वाले हैं और जानकार हैं। निदान की जानकारी मेरे पति ने निदान मिलने के तुरंत बाद फोन पर उन्हें दी थी क्योंकि हम उस समय पुणे में रहते थे, मेरे माता-पिता दिल्ली में थे और ससुराल वाले मुंबई में थे।
इसके बाद क्या हुआ? (विशेषज्ञ रेफरल, उपचार का कोर्स आदि) इसका आपकी गर्भावस्था, बच्चे के जन्म और प्रसव के बाद क्या प्रभाव पड़ा? आपने किस प्रकार के डर और आशंकाओं का सामना किया?
निदान मिलने के बाद सबसे पहले हमने एक अन्य प्रसूतिशास्री (स्त्री रोग विशेषज्ञ) से राय (सेकंड ओपिन्यन) ली। पर मुझे उस दूसरी राय देने वाली स्त्री रोग विशेषज्ञ से सहजता नहीं महसूस हुई और इसलिए हमने अपने पहले विशेषज्ञ के साथ उपचार जारी रखने का फैसला किया। मेरी स्त्री रोग विशेषज्ञ ने सुनिश्चित किया कि मेरा ठीक से ख्याल रखा जाए। उन्होंने मुझे, आवश्यकता अनुसार, कई अन्य विशेषज्ञों के पास भी रेफर करा, जिसमें पुणे के सबसे अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट और एक बेहतरीन काउंसलर शामिल थे।
न्यूरोलॉजिस्ट ने ईईजी सहित मेरी अच्छी तरह से पूरी जाँच की। यह जाँच अस्पताल में की गयी, न कि किसी क्लिनिक में। मेरे लिए एईडी (एपिलेप्सी रोधी दवा) के रूप में लेवेटिरसेटम निर्धारित किया गया। इसके अतिरिक्त, स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा दिए गए फोलिक एसिड जैसे सप्लीमेंट भी उपचार का हिस्सा थे।
गर्भावस्था के दौरान मेरे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य संबंधित उठ रहे किसी भी संदेह, घबराहट या चिंता को दूर करने के लिए मेरी प्रसूतिशास्री ने एक काउन्सलर की सिफारिश की। यह सुझाव भी दिया गया था कि हम समय से पहले प्रसव की संभावना से जूझने के लिए लैमेज़ सत्रों में भाग लें।
मेरी प्रसूतिशास्री ने सभी विशेषज्ञों के साथ मिलकर यह बहुत अच्छी तरह सुनिश्चित किया कि मेरा गर्भावस्था का अनुभव सकारात्मक रहे और मेरे भ्रूण को या मुझे कोई नुकसान न हो। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि प्रसव के दौरान कोई सीजर न हो, इसके लिए सामान्य प्रसव के बजाय सी-सेक्शन के लिए प्लान करें। उन्होंने मेरा बहुत बेहतरीन खयाल रखा और उन्होंने मेरे सभी हस्तक्षेपों में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मेरी प्रसवोत्तर अवधि बेहद सहज और आसान रही। मैंने काम से पूरी तरह से ब्रेक ले लिया था और काम पर लौटने से पहले 10 महीने से अधिक समय तक अपने बच्चे पर ध्यान केंद्रित किया। मैं अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ और न्यूरोलॉजिस्ट के पास जाती रही।
क्या आपको पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या थी?
नहीं।
अभी आप किस अवस्था में हैं? क्या आपकी एपिलेप्सी की समस्या बढ़ गई है?
आज मेरे 2 बच्चे हैं - एक बेटा, जिसकी उम्र 13 साल है, और एक बेटी, जिसकी उम्र 12 साल है। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि मेरी एपिलेप्सी का प्रबंधन बहुत अच्छा है, और मुझे बहुत ही कम सीजर की घटनाएं हुई हैं। मुझे ग्रैंड मॉल सीजर से मुक्त हुए 1.5 साल हो चुके हैं और लगभग 1 साल से मैं सभी सीजर से मुक्त हूँ।
आप कौन सी दवाइयाँ ले रही हैं? कृपया अपनी सभी एलोपैथिक दवाइयाँ और उनके संकेत बताएँ।
वर्तमान में, मैं एपिलेप्सी के लिए निम्नलिखित दवाओं पर हूँ:
- ऑक्सकार्बाज़ेपाइन 600 एमजी – दिन में 2 बार
- क्लोबज़म 10 एमजी – 1 बार (रात में)
इसके अलावा, मुझे अब हाइपोथायरायडिज्म है, इसलिए मैं लेवोथायरोक्सिन की 12.5 एमसीजी की एक खुराक भी ले रही हूँ।
क्या दवाओं के कोई साइड-इफेक्ट थे? अगर हाँ, तो आप उन्हें कैसे मैनेज करती हैं?
पिछले 14 सालों में मैं एपिलेप्सी के लिए कई तरह की दवाएं ले चुकी हूँ। हरेक के अपने साइड-इफेक्ट रहे हैं। उदाहरण के लिए, जब मुझे लेवेटिरसेटम दवा दी गई, तो मैं पाया कि यह मेरे व्यक्तित्व के साथ मेल नहीं खा रही थी, और उसकी जगह जब मैंने अपनी वर्तमान दवा शुरू की तो यह बदलाव मेरे लिए अच्छा रहा। इसी तरह, एक अन्य दवा का साइड इफेक्ट था शरीर में नमक की कमी होना और इस नमक के संतुलन को ठीक रखने के लिए मैंने नमक की गोलियां लीं।
जीवन में हर चीज़ को सकारात्मक सोच के साथ मैनेज करने से हमें संतुष्टि का एहसास हो सकता है। इसलिए, मैंने हमेशा न्यूरोलॉजिस्ट की सिफारिशों के आधार पर साइड-इफेक्ट को सकारात्मक तरीके से मैनेज करना चुना है।
आपने अपने दोस्तों और दूर के रिश्तेदारों को एपिलेप्सी के निदान की खबर कब दी? उनकी क्या प्रतिक्रिया रही? आपके दोस्त आपके साथ कैसा व्यवहार करते हैं? क्या आपने कभी खुद को अलग-थलग महसूस किया है?
हमने निदान के तुरंत बाद ही सभी को यह खबर दे दी थी। जैसा कि मैंने पहले बताया है, मैं धन्य हूँ कि मुझे एक बहुत बढ़िया परिवार और दोस्तों का समूह मिला है। उन्होंने हमेशा मेरे साथ बराबरी का व्यवहार किया है और वे हमेशा की तरह मुझ से प्यार करते रहे हैं और उन्होंने मुझ पर विश्वास रखा है। वे मेरा सम्मान करते हैं और जीवन में मैंने जो कुछ भी हासिल किया है – काम में और व्यक्तिगत रूप से - उसके लिए वे मुझ पर गर्व करते हैं। मैंने कभी भी किसी भी तरह से खुद को अलग-थलग महसूस नहीं किया।
इस स्थिति ने आपके पेशेवर जीवन को कैसे प्रभावित किया है?
मुंबई वापस आने के बाद एक दिन, एक सामान्य कार्य दिवस पर, मुझे लगा कि मुझे बुखार हो रहा है। मेरे न्यूरोलॉजिस्ट ने मुझे पहले ही आगाह कर दिया था कि बुखार सीजर के लिए ट्रिगर हो सकता था। । मैं ऑफिस से निकलने के लिए तैयार हो रही थी, तभी मुझे सीजर पड़ा। सीजर के दौरान सभी ने मेरी देखभाल की और तुरंत मेरे पति को सूचित किया, और वे मुझे ऑफिस से लेने आ गए। घर पहुंचने से पहले, मुझे कार में 2 और सीजर हुए। मेरे पति मुझे घर के बजाय सीधे अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में ले गए। मैं लगभग एक सप्ताह तक वहां भर्ती रही।
मेरे काम की जिम्मेदारिओं और तनाव को देखकर, न्यूरोलॉजिस्ट ने यह सुझाव दिया कि मुझे कोई दूसरी तरह के पेशे को अपनाना चाहिए। मुझे याद है कि इस बात पर मैं हंसते हुए उनसे पूछा था कि वे मुझे अपना पेशा बदलने के लिए कैसे कह सकते हैं, जबकि मैंने इसमें 2 दशकों से अधिक समय लगाया है। उन्होंने यह कह कर बात छोड़ दी कि यह मेरा निर्णय है।
उस दिन काम पर तीन बार सीजर पड़ने से मुझे अपनी प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करना पड़ा, और मैं अपना पेशा बदलने के बारे में सोचने लगी। मैं ऐसे पेशों के बारे में सोचने लगी जिसमें अब तक हासिल कुशलताओं और अनुभव को किसी दूसरे क्षेत्र में लगा सकूँ। आज, मैं मार्केटिंग कम्युनिकेशन में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई कर रहे पोस्ट-ग्रैजूइट छात्रों को पढ़ाने के लिए करती हूँ।
साथ ही, मुझे पढ़ने का बहुत शौक है और इसलिए मुझे कहानी सुनाने में भी रुचि है। अपने पुराने पेशे से आगे बढ़ने के बाद, मैंने स्वीडन में स्कोवडे विश्वविद्यालय और स्कॉटलैंड में अंतर्राष्ट्रीय स्टोरी टेलिंग केंद्र से जुड़े कथालय से स्टोरी टेलिंग में डिप्लोमा किया। मैं इस का उपयोग कॉर्पोरेट्स सहित विभिन्न दर्शकों को कहानी सुनाने के लिए करती हूँ। इसके अलावा, मैं टीम बिल्डिंग, लीडरशिप और कम्यूनिकेशन में विभिन्न कॉर्पोरेट प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए एक उपकरण के रूप में स्टोरी टेलिंग का उपयोग करती हूँ।
आपका उपचार पैटर्न क्या है? दवा के अलावा, आप ठीक रहने के लिए और जीवन की गुणवत्ता (आहार, पोषण, व्यायाम) को बेहतर बनाने के लिए और क्या करती हैं?
दवा के अलावा, मैं अपने भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में बहुत सावधान रहती हूँ। भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए, मैं इंडियन एपिलेप्सी एसोसिएशन (आईईए ) के एक भाग, सम्मान एसोसिएशन द्वारा संचालित एक सपोर्ट ग्रुप (सहायता समूह) की एक सक्रिय सदस्य हूँ। साथी सदस्यों और अन्य देखभाल करने वालों के साथ बातचीत करना एक सुखद अनुभव है, और यह बेहद मददगार है। यह समूह मेरा विस्तारित परिवार है। मैंने इन वर्षों में कुछ सदस्यों के साथ बहुत करीबी दोस्ती बनाई है।
सम्मान मेरे शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए उत्प्रेरक रहा है। एपिलेप्सी जागरूकता बढ़ाने के लिए, मैंने टाटा मुंबई मैराथन 2023 के ड्रीम रन सेगमेंट में भाग लिया। यह दौड़ने का मेरा पहला अनुभव था।
इससे मुझे अगला कदम उठाने का आत्मविश्वास मिला, जो मेरी साप्ताहिक दिनचर्या में दौड़ को शामिल करना था। टाटा मुंबई मैराथन 2024 में, मैंने 10 किलोमीटर सेगमेंट में भाग लिया और मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि टाटा मुंबई मैराथन 2025 में, मैंने हाफ मैराथन, यानि कि 21 किलोमीटर की दौड़ लगाई। पिछले 2 वर्षों में मैंने मुंबई और यहां तक कि दिल्ली में भी कई दौड़ों में भाग लिया है। इसके परिणामस्वरूप, दौड़ना मेरी जीवनशैली का हिस्सा बन गया है।
परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने से भी मुझे बहुत खुशी मिली है। मैंने जानबूझकर, सचेत रूप से सकारात्मक सोच को अपनाया है और अब यह मेरे व्यक्तित्व का अभिन्न अंग बन गया है।
क्या आपको अपनी स्थिति के कारण अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने पड़े हैं?
मेरी जीवनशैली में केवल एक बड़ा बदलाव यह रहा है कि मैंने अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल किया है और यह सुनिश्चित किया है कि मैं समय पर खाऊं, सोऊं और अपनी दवाईयां लूं।
एपिलेप्सी और उसके उपचार से क्या जटिलताएं हो सकती हैं?
एपिलेप्सी को अलग-अलग लोग अलग-अलग तरीके से देखते हैं। मेरे सीजर नियंत्रित हैं। सीजर कहीं भी, कभी भी हो सकते हैं, जिस से जटिलताएं हो सकती हैं। इसलिए, मैं यह सुनिश्चित करती हूं कि मैं अपनी आपातकालीन दवा (मिडाज़ोलम हाइड्रोक्लोराइड नेज़ल स्प्रे) हमेशा अपने साथ रखूं। मैंने हमेशा अपने न्यूरोलॉजिस्ट की बात सुनने और मुझे दिए गए निर्देशों पर अमल करने में विश्वास किया है, और इसलिए, मैं जटिलताओं को दूर रखने में कामयाब रही हूं।
क्या आपने अन्य उपचार, जैसे कि डीबीएस के बारे में सोच है?
नहीं।
आपकी मुख्य चुनौतियाँ क्या हैं और ऐसी ही चुनौतियों का सामना करने वाले लोगों को आप क्या सलाह देंगी?
एपिलेप्सी वाले किसी भी व्यक्ति को मेरी सलाह है कि हमेशा समय पर खाना खाएं, समय पर सोएँ और समय पर अपनी दवाएँ लें। अपने न्यूरोलॉजिस्ट की हर बात सुनें और उस पर अमल करें। अपने न्यूरोलॉजिस्ट से खुल कर बात करें, अपने बारे में कभी कुछ न छिपाएँ और अपने मन में आ रहे सभी सवाल पूछें।
कई बार लोग खुद पर और अपनी क्षमताओं पर संदेह करते हैं। हमेशा खुद से प्यार करना याद रखें क्योंकि आप जैसे हैं, वैसे ही अनुपम हैं।
कभी-कभी उदास होना स्वाभाविक है, और तब हमें मदद की ज़रूरत होती है। मेरा दृढ़ सुझाव है कि इस से उबरने के लिए किसी सपोर्ट ग्रुप (सहायता समूह) में शामिल हों और किसी मनोवैज्ञानिक, काउन्सलर या मनोचिकित्सक के पास जाएँ।
आप किस तरह के विशेषज्ञों से सलाह लेती हैं (फिजियो/ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट/मनोचिकित्सक आदि सहित) और कितनी बार?
मेरे न्यूरोलॉजिस्ट के अलावा, एपिलेप्सी से संबंधित चिंताओं के लिए मैं किसी अन्य विशेषज्ञ के पास नहीं जाती. मैं अपनी सभी पैथोलॉजी रिपोर्ट और हाल ही में किए गए ईईजी के साथ 6 महीने में एक बार अपने न्यूरोलॉजिस्ट के पास जाती हूं। इसके अलावा, जब भी जरूरत होती है, मैं एथलेटिक चोटों के लिए एक फिजियोथेरेपिस्ट से मिलती हूं क्योंकि मैं एक एंडोरन्स एथलीट हूं।
क्या आपको चिकित्सा उपचार के लिए अपने शहर से बाहर जाना पड़ा?
मेरी माँ दिल्ली में रहती हैं, इसलिए हम लंबी छुट्टियों के लिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, हम कोविड के दौरान लगभग 8 महीने वहाँ रहे। इसलिए, दिल्ली में भी मेरे एक न्यूरोलॉजिस्ट हैं जिनके पास मैं दिल्ली में हूँ तो जा सकती हूँ।
क्या आपने आयुर्वेद, होम्योपैथी, सिद्ध जैसी वैकल्पिक दवाइयों या उपचारों को आजमाया है?
नहीं।
क्या आपके परिवार में इस स्थिति का इतिहास है?
नहीं।
क्या आपकी स्थिति से निपटना भावनात्मक रूप से कठिन रहा है?
कुछ ऐसे समय रहे हैं जब भावनात्मक रूप से यह मुश्किल रहा है। पर मेरे पति हमेशा ऐसे समय में मेरे साथ मजबूती से खड़े रहे हैं। साथ ही, मेरे परिवार, दोस्तों और सपोर्ट ग्रुप ने बहुत मदद की। दौड़ने से भावनात्मक रूप से बहुत मदद मिली है। पर सबसे बढ़कर जरूरी है सकारात्मक मानसिकता!
आपके पति के अलावा, आपके परिवार के अन्य सदस्यों ने किस तरह से आपका समर्थन किया है?
मेरे परिवार ने कई तरह से मुझे समर्थन दिया है। जैसा कि मैं पहले बताया है, मेरे पति शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से मेरे लिए एक स्तम्भ के रूप में मेरा सहारा रहे हैं। मेरे दोनों बच्चे इस बात से वाकिफ़ हैं कि मेरे सीजर को कैसे मैनेज किया जाए। वे सपोर्ट ग्रुप की मीटिंग में मेरे साथ जाते हैं और एपिलेप्सी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए वॉकथॉन जैसी पहलों में भी भाग लेते हैं। जब मैं दौड़ में भाग लेती हूँ, तो वे या तो मेरा उत्साहवर्धन करते हैं या मेरे घर आने का इंतज़ार करते हैं। इस साल मेरे बेटे ने मेरे उद्देश्य का समर्थन करने के लिए अपनी पहली ड्रीम रन दौड़ी, और मेरी बेटी अगले साल उसके साथ शामिल होगी।
वे मुझे चुनौतियों का सामना करने और दृढ़ रहने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इस साल, मैं टाटा मुंबई मैराथन 2025 में एक व्यक्तिगत फंड-रेज़र थी, और यहां तक कि मेरे विस्तारित परिवार ने भी पैसे देकर मुझे समर्थन दिया। एकत्र किए गए पैसों का उपयोग सम्मान एसोसिएशन के लिए किया जाता है, ताकि ग्रामीण एपिलेप्सी कैम्प आयोजित किए जा सकें।
क्या आपकी एपिलेप्सी की स्थिति के कारण मैराथन दौड़ने के लिए विशेष तैयारी की आवश्यकता थी?
एपिलेप्सी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और कलंक को मिटाने के लिए दौड़ना मुझे प्रोत्साहित करता है । मैं जिस भी दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेती हूँ, उसमें एपिलेप्सी के बारे में जागरूकता फैलाने और इस से जुड़े कलंक को मिटाने से संबंधित संदेश वाली टी-शर्ट पहनती हूँ।
विशेष तैयारी के रूप में मुझे बस यह सुनिश्चित करना होता है कि मेरा नमक का स्तर ठीक रहे और मैं हाइड्रेटेड रहूँ। इसलिए, मैं सुनिश्चित करती हूँ कि दौड़ते समय मेरे पास हमेशा इलेक्ट्रोलाइट्स और पानी हों।
कोई व्यक्तिगत किस्सा जो आप हमारे साथ साझा करना चाहें।
अंधेरी में जिस बिल्डिंग सोसाइटी में हम रहते हैं, वहाँ मुझे सार्वजनिक रूप से कम से कम 2 बार सीजर पड़े हैं। इन घटनाओं के दौरान बिल्डिंग के लोग मेरी मदद के लिए तुरंत दौड़े चले आए। कुछ लोगों का मानना था कि प्याज़ या जूता सुंघाने से मुझे मदद मिलेगी। पर मेरे बच्चे सीजर होने की स्थिति के लिए उचित प्रक्रियाएँ जानते थे और उन्होंने उन्हें ऐसा करने से मना किया। जो लोग सीजर को उचित तरीके से प्रबंधित करना जानते थे, उन्होंने यह सुनिश्चित करके मेरी मदद की कि मैं सीजर के दौरान सुरक्षित रहूँ। उन्होंने मेरे बच्चों को मुझे आपातकालीन दवा देने में भी मदद की।
पहली बार जब मुझे पब्लिक में सीजर हुआ, तो कुछ लोगों ने मेरे पति से पूछा कि उन्होंने उन्हें मेरी स्थिति के बारे में पहले क्यों नहीं बताया था। यह सवाल उनके कुछ सबसे पुराने दोस्तों ने पूछा था। उन्होंने मेरे पति से कहा कि अगर उन्हें पहले पता होता, तो वे यह सुनिश्चित करते कि बिल्डिंग सोसाइटी में हर कोई सीजर की घटनाओं में उचित प्रक्रियाओं को जानते। वे हमें सुरक्षित महसूस करने में मदद करना चाहते थे। वे मेरी स्थिति के बारे में कोई नकारात्मक सोच या कलंक नहीं फैलाना चाहते थे। पर मेरे पति ने उन्हें मेरे सीजर के बारे में बताने का नहीं सोच था क्योंकि मेरी सीजर की घटनाएँ कम थीं।
इससे मुझे एहसास हुआ कि अपनी स्थिति के बारे में खुलकर बात करना हमेशा बेहतर होता है। मैं कलंक के अंधेरे को दूर करने के लिए एपिलेप्सी के बारे में जागरूकता बढ़ाने की पुरज़ोर वकालत करती हूँ। यह तभी संभव होगा जब हम अपने भीतर से डर को दूर करेंगे।
भविष्य के बारे में आप किस बात को लेकर चिंतित हैं?
भविष्य के बारे में ज्यादा सोचने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि इससे चिंता और तनाव बढ़ जाते हैं। जैसा कि अक्सर कहा जाता है, अतीत इतिहास है और भविष्य एक रहस्य है, इसलिए मैं वर्तमान क्षण में जीने का आनंद उठाती हूँ!
With Moyna Sen