Skip to main content
Submitted by Sjogren's India on 7 July 2022
Stock photo of a short haired woman with patches of dry skin and a text overlay of Managing Dry Skin

शुष्क त्वचा से कई लोग प्रभावित होते हैं पर शोग्रेन्स सिंड्रोम वाले लोगों में शुष्क त्वचा एक विशेष  चुनौती है। नीचे देखें शोग्रेन्स इंडिया द्व्रारा प्रकाशित एक पर्चा जिसमें शुष्क त्वचा से बचाव और उसके उपचार के लिए कुछ टिप्स हैं।

शोग्रेन्स सिंड्रोम  से उत्पन्न शुष्क त्वचा की विशेष देखभाल जरूरी है। खुजली, लालिमा, फटना या गलना – यह सब शुष्क त्वचा के लक्षण हैं। शुष्क त्वचा का प्रमुख कारण है शोग्रेंस द्वारा शरीर में प्रतिरोधक क्षमता की कमी और इससे नमी पैदा करने वाली ग्रंथियों का निष्क्रिय होना। एक बार निष्क्रिय होने पर तेल अथवा पसीने की ग्रंथियां पुनः सक्रिय नहीं हो सकती हैं। हालांकि शोग्रेन्स सिंड्रोम से पीड़ित रोगी को सूखी त्वचा से परेशानी पूरे वर्ष  बनी रहती है, फिर भी इसके लक्षण सर्दी के मौसम में अधिक प्रबल हो जाते हैं। बाहों, पैरों व कमर पर शुष्क त्वचा का सबसे गंभीर असर होता है।

Read in English: Tips on Handling Dry Skin

  1. शरीर में नमी बनी रहे इसके लिए पूरे दिन पानी पर्याप्त मात्रा में पीते रहें।
  2. हलके गुनगुने पानी से स्नान करें, किन्तु दिन में अधिकतम दो बार। तेज़ गर्म पानी से नहीं नहायें क्योंकि इससे त्वचा की प्राकृतिक नमी व चिकनाई नष्ट होती है।
  3. हल्के मॉइस्चराइज़िंग साबुन का प्रयोग करें, विशेषतः जिसमें ग्लिसरीन, कोको बटर या ग्वारपाठा (एलोवेरा) हो।
  4. बेसन, उबटन या खुरदुरे झांवों का उपयोग कतई न करें।
  5. स्नान के बाद हलके हाथों से शरीर को तौलिये से पोछें व मॉइस्चराइज़र की हल्की परत लगाएं। मालिश न करें, क्योंकि मालिश करने से त्वचा को और भी हानि पहुंच सकती है।
  6. गर्म मौसम में नारियल तेल व मूंगफली के तेल का उपयोग त्वचा को सूखने से बचाता है। सर्दियों में पैट्रोल जैली, तिल्ली, कपास या अरण्डी का तेल लाभकारी रहता है। बाजार में अनेक अच्छे  मॉइश्चराइज़र भी उपलब्ध हैं।
  7. तैरने के तुरंत बाद शावर से स्नान करें व मॉइस्चराइज़र का उपयोग करें।
  8. पूरी बांह के सूती कपड़े पहनें। सर्दियों में सूती कपड़ों की एक से अधिक परत पहनें।
  9. ऊनी व सिंथेटिक कम्बल के नीचे सूती या साटन का खोल या परत लगाएं।
  10. कड़ी धूप और तेज़ हवा हो तो अपनी त्वचा को पूरी तरह से ढक कर रखें।
  11. शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिले इसके लिए हर दिन कुछ समय धूप में बैठें या घूमें।
  12. कुछ मरीजों को हाइड्रो-एक्सवाई-क्लोरोक्विन जैसी दवाई के सेवन से त्वचा सांवली पड़ने की संभावना रहती है, परन्तु यह बाद में ठीक हो जाती है।
  13. जो मरीज़ सर्दियों में अंगूठे व अंगुलियों के सफेद, नीले व लाल होने का आभास कर रहे हैं वे अपने हाथ व पाँव हमेशा गर्म रखें।
  14. पैरों की त्वचा पर दाग चकत्ते पड़ने की स्थिति में लंबे समय तक खड़े रहने से बचें।
  15. अपने कमरे का तापमान आदर्श 30 डिग्री C बना रहे इसके लिए कूलर, एसी, हीटर, सिगड़ी आदि का उपयोग करें। यह तापमान त्वचा के लिए सबसे उपयुक्त रहता है।
  16. कमरे में नमी बनी रहे इसके लिए ह्यूमिडिफायर या बड़े बर्तन में पानी भर कर रखने से लाभ मिलता है।
  17. सर्दियों में फर्श पर सूती कालीन या चटाई का ही उपयोग करें।
  18. खिड़कियों पर कांच के स्थान पर लकड़ी के शटर का उपयोग व लकड़ी/ पीवीसी का फर्श वातावरण को अधिक नम बनाए रखता है।

शोग्रेंस सिंड्रोम के बारे में अधिक जानकारी के लिए शोग्रेंस इंडिया के वेबसाइट www.sjogrensindia.org पर जाएं। शोग्रेंस इंडिया से संपर्क करने के लिए उनका ई-मेल है @ sspatientgroup.india@gmail.com

आभार: यह पर्चा शोग्रेंस  सिंड्रोम के मरीजों के लिए शोग्रेंस इंडिया ने बनाया है और पेशेंट्स एंगेज साईट पर शोग्रेंस इंडिया की अनुमति से प्रकाशित करा गया है ।