Skip to main content
Submitted by PatientsEngage on 14 January 2020
Stock image of a woman in a white shirt celebrating in a green field with a new look with a scarf to address hair loss during chemotherapy

रेबेका डिसूजा नाग फाउंडेशन की एक नैदानिक मनोवैज्ञानिक है. नाग फाउंडेशन पुणे का एक एनजीओ है जो कैंसर रोगियों के कल्याण के लिए काम कर रहा है. रेबेका का कहना है कि कीमोथेरेपी के कारण बालों का झड़ना महिलाओं के लिए एक बहुत बड़ा डर है. इस लेख में उन्होंने इससे जुड़ी भावनाओं और तनाव से निपटने के तरीके सुझाएँ हैं.

कैंसर एक बहुत ही खतरनाक और बदनाम बीमारी है. ऐसा कुछ हद तक जागरूकता की कमी के कारण है और कुछ हद तक इस बीमारी और इसके इलाज के प्रति हमारी समझ कम हॊने के कारण है. जागरूकता की कमी इसके निदान में विलम्ब के मुख्य कारणों में से एक है और इसके उपचार की समझ की कमी के कारण मानसिक और सामाजिक क्लेश ज्यादा होता है.

कैंसर से जुड़े बड़े डर

यदि आप मरीज़ों के डर को सूचीबद्ध करते हैं तो सूची में सबसे पहले निदान की सच्चाई को मान न पाना है और फिर उपचार का डर आता है. निदान की स्वीकृति इसलिए आती है क्योंकि जैसा की एक मरीज़ ने साझा किया 'सब कुछ इतनी तेज़ी से हुआ कि मुझे सोचने का समय ही नहीं मिला'. एक दूसरे मरीज़ ने साझा किया 'मेरे पास कोई विकल्प नहीं था. मैं जीना चाहती थी और स्वीकृति समस्या का आधा हल है'.

अगले डर का सामना करना ज्यादा कठिन है क्योंकि यह न केवल आपके रूप को बदलता है बल्कि साथ-साथ यह आपको निरंतर याद दिलाता है कि आप बड़े 'सी' का सामना कर रही हैं. यह इलाज से इनकार करने के और लोगों के बीच उठाना-बैठना बंद करके अलगाव महसूस करने के प्रमुख कारणों में से एक है. महिलाओं के लिए यह खासतौर से एक बड़ी चुनौती है.

बालों का झड़ना कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों में से एक है और यह अक्सर महिलाओं के लिए सबसे अधिक भयानक होता है. इस से उनके आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास पर असर होता है.

झड़ते हुए बालों का सामना करना

तो महिलाएं इस खौफ का सामना कैसे करती हैं? जब आप महिला रोगियों से बात करते हैं और उनकी कहानियाँ सुनते हैं तो आपको उनके दर्द, शर्म, ग्लानि और आत्म-तरस के साथ-साथ उनके साहस, दृढ़ निश्चय, संकल्प और सच्चाई अपनाने की कहानियाँ भी सुनाई देगी.

बेहिसाब रोना, आईने में अपने आप को देखने से हिचकिचाना, दोस्तों और परिवार से दूर रहना, अपने बालों को एक भेंट के रूप में दान कर देना, साहसिक बयान देना - यह सब इस लम्बे सफ़र में देखा जाता है. आंसुओं से शुरू हुई यह यात्रा अकसर आत्म-विश्वास पर जाकर ख़त्म होती है.

कैंसर से जुड़े कलंक के कई स्रोत होते हैं. शायद शुभचिंतक - दोस्त और परिवार वाले - बिना किसी बुरे इरादे के, कुछ अटपटी बात कह दें. शायद लोग मरीज़ को दयनीय दृष्टि से देखें. या चुप्पी साध लें, संपर्क छोड़ दें. या हर बात पर - चाहे वह उपचार हो या खाना या व्यायाम - सब पर सलाह देते रहें.
 
वास्तव में मौन समर्थन, शांत प्रोत्साहन, और सुनने के लिए हमेशा तैयार रहना, इन सब से सचमुच बहुत मदद मिलती है.

बालों को व्यक्ति की मुकुट महिमा माना जाता है. बाल हमारे आत्म-मूल्यांकन को बढ़ाते हैं और हमारी पहचान का एक अंग हैं. हममें से अधिकाँश लोग हमेशा अपने बालों को लेकर चिंतित रहते हैं - या तो बाल बहुत सीधे हैं या बहुत घुंघराले, कभी झड़ रहे हैं, कभी पतले हो रहे हैं. हम लंबे, घने, रेशमी बालों की कामना करते हैं क्योंकि यह नारीत्व के आभास से जुड़े हैं.

जब श्रीमती ए हर बार बाथरूम में, बिस्तर पर या तकिये पर अपने बालों के गुच्छे देख कर रोने लगीं, तो एक दिन उनकी 18 वर्षीय बेटी ने अपने बाल मुंडवा लिए. इससे श्रीमती ए को साहस मिला और वे खुद भी गंजी हो गयीं. एक छोटी सी कोशिश से काफी गहरा असर हुआ.

जैकलीन कोलाको अपनी दोस्त उषा जेरोम का साथ देने के लिए गंजी हो गई.

शिल्पा के पति उसके गंजे होने पर समर्थन देने के लिए खुद गंजे हो गए.

झड़ते बालों के बारे में उन्हें कैसा महसूस होता है इस बारे में बात करनी जरूरी है क्योंकि उनकी भावनाएं उनके शरीर को ठीक करने की क्षमता पर असर करती है. दर्द की अभिव्यक्ति से भावनाओं का नामकरण किया जा सकता है. अक्सर मरीज़ गुस्से, अपराधबोध, शर्म और उदासी जैसी भावनाओं के एक समूह से गुज़रते हैं. किसी से बात करने से भावनाओं को सुलझाना और उन्हें दूसरे नजरिये से देखना संभव हो जाता है, और इस से तनाव कम होता है, स्वीकृति बढ़ती है, और अन्य समाधान और विकल्प सूझने में मदद मिलती है. बात करने के लिए सही व्यक्ति को चुनना जरूरी है. परिवार के सदस्य या दोस्त के बजाय इस स्थिति से परे किसी निष्पक्ष या तटस्थ व्यक्ति से बात करना एक अच्छा चुनाव है. किसी ऐसे व्यक्ति को ढूंढें जिसे कैंसर था पर जो उस से उभर पाया है (उत्तरजीवी) - इन से नए रोगियों को झड़ते हुए बालों का सामना करने में मदद मिलती है.

विग, दुपट्टा, टोपी पहनना

विग या स्टाइलिश दुपट्टा या टोपी पहनने से महिलाओं को फिर से उन लोगों से मिलने-जुलने की हिम्मत मिलती है और लगता है की उनको लोग सामान्य रूप से स्वीकार कर पायेंगे, और ज्यादा टिप्पणी और सवाल नहीं होंगे. विग पहनने से महिलाओं का अपने ऑफिस या कार्यस्थल में स्वीकार किया जाना आसान हो गया है और कीमोथेरेपी के दौरान भी वे अपने जीवन को पहले की तरह जी पा रही हैं.

Saroj, Meenakshi and Shachi on scarves, hats and wigs

अच्छी खबर यह है कि बेहतर कीमोथेरेपी और अन्य आविष्कारों के कारण महिलाओं के लिए इलाज करवाना पहले से आसान हो रहा है.

याद रहे:

  • आप जो महसूस कर रहे हैं उसके बारे में किसी से बात करें
  • विग या स्कार्फ के उपयोग पर विचार करें
  • अपने डॉक्टर से “स्कैल्प कूलिंग” के बारे में जानकारी लें
  • किसी उत्तरजीवी (सरवाईवर) से उनके अनुभव के बारे में बात करें
  • बाल झड़ने को अपने स्टाइल और रूप को बदलने का अवसर समझें
  • धैर्य रखें
  • बाल अधिकाँश केस में वापस आ जाते हैं

रेबेका नाग फाउंडेशन में एक नैदानिक मनोवैज्ञानिक है.

Changed
14/Jan/2020
Community

Stories

  • Stock pic of a magnifying glass over a dictionary focussing on cancer and the patientsengage logo and the purple ribbon for cancer
    Cancer Terms Explained
    When a patient is diagnosed with cancer, they and their family caregivers need to suddenly learn a new vocabulary of terms. It can be overwhelming to look at various reports and make sense of what it means. PatientsEngage has put together a glossary of various cancer related terms. Bookmark this for easy reference. If you don't find the term you are looking for leave a comment below or send us a note through contact us and we will update the content.       …
  • I Am Scared To Go Down the Path of Illness
    Author and writer Usha Jesudasan illustrates, with a parable of Chicken Little who believes the world is coming to an end, how illness related anxiety can get difficult. Here she offers some tried and tested tips that have worked for her to come out of this way of thinking. A visiting friend sneezed and coughed around me.  No, he wasn’t wearing a mask.  I was a bit cross.  I had kept myself safe through the two Covid waves and strictly followed safety measures. I live alone, and…
  • Esophageal Cancer Made Swallowing Of Even Ice Cream Hard
    When Mr. Sudhir Waghmare, 58, PhD, entrepreneur and innovator, was diagnosed with esophageal cancer he took it in his stride quite stolidly. What broke him down was the loss during chemotherapy of his luscious hair which he dearly cherished. He shares his personal narrative. My background I am an entrepreneur and innovator of a company engaged in manufacturing new born life saving devices since the last 31 years. I have a PhD degree in Neonatal Intensive care equipment. I am married to…
  • मैं कैंसर से नहीं मरूंगी
    मुंबई की 56 वर्षीय रश्मि सचदे को 15 साल पहले गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर (जीआईएसटी) का निदान मिला था। वे कैंसर को एक पेइंग गेस्ट की तरह मानती हैं और अपनी कैंसर यात्रा को अपनी आस्था और हँसते रहने की प्रवृत्ति के सहारे संभालती हैं। 2004 की बात है।, मैंने देखा कि मेरा पेट फूलने लगा था और जब मैं सोने के लिए लेटती तो विशेष रूप से एक तरफ बहुत सख्त लगता। मुझे उस समय फूले हुए पेट के अलावा कोई अन्य स्वास्थ्य संबंधी शिकायत नहीं थी – पर पेट इतना फूला रहता कि लोग पूछने लगे कि क्या मैं गर्भवती हूं।…
  • Profile picture of Uday Kerwar Bladder cancer survivor and Ostomy India Chairperson framed in a blue background with the bladder cancer tricolour ribbon
    You Adapt To The Bladder Bag Like You Do To Eye-Glasses
    Uday Kerwar, survivor of stage 4 bladder cancer and currently Chairman of Ostomy Association of India (OAI) talks about his journey with bladder cancer, urostomy bags, its many challenges and plenty of adjustments before it becomes a part of you. Please tell us a little about yourself.  I am 62 and retired. Since 2016 I am continuously associated with Ostomy Association of India (OAI), a Charitable Trust providing rehabilitative support to people who have undergone Ostomy (life-saving…
  • Head shot of a bespectacled woman wearing a black and red dress and red necklace
    मेरे ब्रेन ट्यूमर के निदान ने मुझे बोल्ड बना दिया
    जब बेंगलुरु की 38 वर्षीया ए चित्रा को सीज़र होने लगे, तो शुरू में उनका एपिलेप्सी (मिर्गी) के लिए इलाज किया गया, लेकिन अंततः उन्हें मैलिग्नेंट ग्लियोमा (एक प्रकार का ब्रेन ट्यूमर) का निदान मिला। वे बताती हैं कि कैसे उन्होंने डॉक्टरों, परिवार, दोस्तों और अपनी कंपनी की टीम के समर्थन से अपनी बीमारी के उपचार और भावनात्मक पीड़ा को संभाला। कृपया हमें अपनी स्थिति के बारे में कुछ बताएं मुझे एनाप्लास्टिक एस्ट्रोसाइटोमा ग्रेड 3 नामक ब्रेन ट्यूमर का निदान मिला था। यह एक दुर्लभ, मैलिग्नेंट ट्यूमर है जिसे…
  • ब्रेन ट्यूमर होने के बाद मेरी पहली प्राथमिकता मेरा स्वास्थ्य है
    30 वर्षीय मेल्विन जॉर्ज इस लेख में एस्ट्रोसाइटोमा (एक प्रकार का ब्रेन ट्यूमर) का निदान प्राप्त करने, देखभाल के विकल्पों का आकलन करने और निर्णय लेने, और कैंसर के उपचार और सम्बंधित दुष्प्रभाव पर चर्चा करते हैं और साझा करते हैं  कि इन सब अनुभव और चुनौतियों ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से कैसे प्रभावित किया और रिकवरी में उनकी आस्था उनका मुख्य सहारा कैसे बनी रही।  चौंकाने वाला निदान 11 जुलाई 2017 का दिन। मैं अपने छात्रावास के कमरे में अपने बिस्तर पर लेटा हुआ था और जैसे ही मैं जाका, मैंने देखा…
  • The author, a woman in a red and yellow sari and a yellow blouse, holding birds
    मैंने अपनी आवाज पैसिव स्मोकिंग (निष्क्रिय धूम्रपान) के कारण खो दी
    धूम्रपान न करने वाली 72 वर्षीया नलिनी सत्यनारायण को 10 साल पहले उनके घर में सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने के कारण गले (वॉयस बॉक्स) के कैंसर का निदान मिला। आज, उत्तरजीवी के रूप में, वे एक ऊर्जावान तंबाकू नियंत्रण योद्धा बन गई हैं और ऐसे लोगों को परामर्श देती हैं जिन्होंने स्वरयंत्र (लैरिन्क्स) की सर्जरी करवाई है जिसमें उनका वॉयस बॉक्स हटाया गया है - वे उन्हें कृत्रिम वॉयस बॉक्स से बात करना सिखाती हैं। आपने कब और कैसे अपने गले की समस्या को पहचाना? जनवरी 2010 की बात है। मुझे लगा कि मेरा गला…
  • Should Time Toxicity Be A Factor In Informed Decision Making?
    Patients with advanced cancers often contemplate the time burden of their cancer care. What does this exactly entail? Dr Arjun Gupta, an Oncologist and Researcher, recently wrote a paper about Time Toxicity for Cancer patients. He helps us understand this new concept and how it can affect quality of life for patients. What is ‘’time toxicity’’? We have seen tremendous progress in oncology in the past few decades. Yet, for advanced solid cancers, average survival benefits offered by new…
  • Webinar: Ovarian Cancer Awareness and Management
    This webinar is not just for Ovarian Cancer survivors but also for survivors of breast cancer, uterine cancer, colorectal cancer and all women at risk of Ovarian Cancer. Ovarian Cancer is a difficult to diagnose cancer. So it is very important for us to be aware of the surprising symptoms of Ovarian cancer. We must also know the factors that increase risk. Additionally, in COVID times, it is important to understand how to continue treatment and when you should vaccinate. We bring together a…