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Submitted by PatientsEngage on 11 August 2022
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रक्तचाप के सामान्य से अधिक होने की समस्या को उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन कहते हैं। रक्तचाप वह बल है जिसके साथ हृदय द्वारा पंप किया गया रक्त धमनियों की दीवारों पर दबाव डालता है। रक्तचाप दिन भर बढ़ता और गिरता रहता है। जब रक्तचाप समय के साथ ऊंचा बना रहता है, तो इसे उच्च रक्तचाप कहा जाता है। 

ब्लड प्रेशर को मापने के लिए जो रीडिंग लेते हैं उस में दो नंबर होते हैं। ऊपर वाली संख्या (सिस्टोलिक) उस बल को मापती है जिस से हृदय धड़कन द्वारा रक्त को धमनियों में पंप करता है। नीचे की संख्या (डायस्टोलिक) धमनियों में रक्त के उस बल को मापती है जो हृदय की धड़कनों के बीच के आराम की अवस्था में होता है। 120/80 एमएम एचजी की रीडिंग सामान्य मानी जाती है। 140/90 एमएम एचजी या इससे अधिक के रक्तचाप को उच्च रक्तचाप माना जाता है। यदि आपका रक्तचाप 120/80 और 139/89 के बीच है, तो आपको प्री-हाइपरटेंशन है। इसका मतलब है कि आपको अभी उच्च रक्तचाप नहीं है, लेकिन भविष्य में इसके विकसित होने की संभावना है।

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उच्च रक्तचाप के कुछ संभव कारण है:

  • धमनियों का संकुचित होना
  • रक्त की मात्रा सामान्य से अधिक मात्रा
  • दिल की धड़कन का सामान्य से अधिक तेज होना या धड़कन ज्यादा जोर से होना

इनमें से कोई भी स्थिति धमनी की दीवारों पर दबाव बढ़ाएगी। उच्च रक्तचाप किसी अन्य मेडिकल प्रॉब्लम के कारण भी हो सकता है।

क्या आपको उच्च रक्तचाप होने का खतरा है?

उच्च रक्तचाप के जोखिम कारकों में शामिल हैं:

  1. आयु और लिंग: जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती हैं, उच्च रक्तचाप होने की संभावना भी बढ़ती जाती है। 45 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों और 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में जोखिम बढ़ जाता है।
  2. पारिवारिक इतिहास: व्यक्ति के परिवार में उच्च रक्तचाप का पारिवारिक इतिहास हो तो उस व्यक्ति का रक्तचाप का जोखिम अन्य लोगों (जिनके परिवार में रक्तचाप का इतिहास नहीं है) से अधिक होता है। पर इस के पूरे परिणाम समझने के लिए अभी शोध जारी है।
  3. धूम्रपान: उच्च रक्तचाप के लिए सिगरेट पीना एक बड़ा जोखिम है।
  4. गतिविधि स्तर और व्यायाम: कम व्यायाम वाली जीवन शैली या व्यायाम न करने से दिल कमजोर होता है और मोटापा होता है। यह उच्च रक्तचाप में योगदान देता है। 
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  5. आहार: आहार में बहुत अधिक नमक (सोडियम) और बहुत कम पोटेशियम होना उच्च रक्तचाप के खतरे को बढ़ा सकता है। कोशिकाओं के द्रव संतुलन को बनाए रखने के लिए सोडियम और पोटेशियम महत्वपूर्ण नियामक हैं। 
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  6.  तनाव: बहुत अधिक भावनात्मक तनाव रक्तचाप में अस्थायी लेकिन नाटकीय वृद्धि का कारण बन सकता है। लंबे समय तक तनाव के कारण लोग अस्वास्थ्यकर व्यवहार अपना सकते हैं - जैसे कि ज्यादा खाना, धूम्रपान, शराब का सेवन या व्यायाम कम करना। इन से उच्च रक्तचाप का ख़तरा बढ़ता है। विश्राम (रिलैक्सेशन) और ध्यान (मैडिटेशन) रक्तचाप को कम करने में प्रभावी होते हैं। 
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  7. दवाएं: कुछ दवाएं - जैसे इबुप्रोफेन जैसे नॉन-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी – से शरीर में नुकसान पहुँच सकता है जैसे कि गुर्दे में क्षति, दिल की विफलता और दिल का दौरा या स्ट्रोक की संभावना का बढ़ना। ये दवाएं उच्च रक्तचाप का कारण बन सकती हैं या मौजूदा उच्च रक्तचाप को बदतर बना सकती हैं। सर्दी और खांसी की दवाएं भी धमनियों को संकुचित करके रक्तचाप और हृदय गति में वृद्धि का कारण बन सकती हैं।
     
  8. चिरकालिक स्वास्थ्य समस्याएँ: मधुमेहगुर्दे की बीमारी और स्लीप एपनिया जैसी कुछ चिरकालिक बीमारियाँ उच्च रक्तचाप के जोखिम को बढ़ाती हैं। स्लीप एपनिया और उच्च रक्तचाप के बीच का संबंध मोटापे के कारण होता है, ऐसा माना जाता है।
     
  9. विटामिन डी का स्तर कम होना: उच्च रक्तचाप शरीर में बहुत कम विटामिन डी के परिणामस्वरूप हो सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि विटामिन डी गर्दों द्वारा उत्पादित एक एंजाइम को प्रभावित कर सकता है जो हमारे रक्तचाप को प्रभावित करता है।
     
  10. अन्य स्वास्थ्य समस्याएं: हॉर्मोन में असंतुलन, ट्यूमर या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी उच्च रक्तचाप का कारण बन सकती हैं।

अत्यधिक उच्च रक्तचाप के कारण निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:

  • भयानक सरदर्द
  • थकान या भ्रम
  • दृष्टि संबंधी समस्या
  • छाती में दर्द
  • सांस लेने में दिक्कत
  • दिल की धड़कन अनियमित होना
  • मूत्र में रक्त आना
  • छाती, गर्दन, या कान में जोर से धड़कने का एहसास 

नोट करें कि उच्च रक्तचाप में कोई लक्षण हों, यह ज़रूरी नहीं, पर लक्षण न होने का मतलब यह नहीं कि समस्या नहीं है। इसलिए उच्च रक्तचाप को अकसर “साइलेंट किलर” (चुपचाप मारने वाला) भी कहा जाता है। इसलिए रक्तचाप को नियमित मापने की जरूरत है ताकि अगर यह अधिक हो तो डॉक्टर उपचार शुरू कर सकें। आपके स्वास्थ्य और पारिवारिक इतिहास और उम्र इत्यादि के आधार पर डॉक्टर सलाह देंगे कि आपको रक्तचाप कितनी बार और कैसे मापना चाहिए।

उचित इलाज न करा जाए और रक्तचाप ऊंचा रहे तो यह गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है, जिसमें स्ट्रोक, हृदय रोग, गुर्दे की विफलता और आंखों की समस्याएं शामिल हैं। जटिलताओं पर सेक्शन देखें।

उच्च रक्तचाप के प्रमुख प्रकार 

प्राथमिक उच्च रक्तचाप, जिसे प्राइमरी या एसेंशियल हाइपरटेंशन भी कहा जाता है, उच्च रक्तचाप का सबसे आम प्रकार है। इस प्रकार के उच्च रक्तचाप के लिए किसी एक विशिष्ट कारण की पहचान नहीं होती है। ऐसे उच्च रक्तचाप का कारण कोई स्पष्ट बीमारी, स्थिति या विकार नहीं है। बल्कि यह उच्च रक्तचाप व्यक्ति के जीन, आहार और जीवन शैली के कारण होता है।

द्वितीयक उच्च रक्तचाप (सेकेंडरी हाइपरटेंशन) उच्च रक्तचाप का एक कम सामान्य रूप है। इस में रक्तचाप की समस्या किसी विशिष्ट स्थिति के कारण होती है। यानी कि कुछ स्वास्थ्य समस्याओं में उच्च रक्तचाप साइड इफेक्ट के रूप में उत्पन्न हो सकता है - ऐसे कारक विकारों के कुछ उदाहरण- स्लीप एपनिया, ट्यूमर और गुर्दे की विफलता ।

उच्च रक्तचाप के कम देखे जाने वाले प्रकार:

उच्च रक्तचाप के कम सामान्य प्रकार हैं:

मैलिगनेंट हाइपरटेंशन – इस में उच्च रक्तचाप अचानक और अत्यधिक रूप से होता है। व्यक्ति को शरीर में सुन्नता के साथ-साथ दृष्टि की समस्याओं, अत्यधिक थकान, भ्रम, चिंता और सीजर की समस्याएं हो सकती हैं। ऐसी कई बीमारियां हैं जो इस स्थिति का कारण बन सकती हैं, जिनमें स्क्लेरोडर्मा, गुर्दे की बीमारी, स्पाइनल कार्ड में चोट, एड्रेनल ग्लैंड (अधिवृक्क ग्रंथि) का ट्यूमर, कोकीन जैसी अवैध दवाओं को लेना, और कुछ दवाओं का उपयोग (जिस में गर्भ निरोधक दवाएं शामिल हैं)। जब समस्या पैदा करने वाले कारक को ठीक कर दिया जाता है तो रक्तचाप फिर से सामान्य हो जाता है।

आइसोलेटेड सिस्टोलिक हाइपरटेंशन – इस प्रकार के उच्च रक्तचाप का कोई कारण नहीं पहचाना जा सकता है। इस प्रकार का उच्च रक्तचाप वृद्धावस्था और खराब आहार का परिणाम है। धमनियां सख्त हो जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप डायस्टोलिक तो सामान्य रहता है पर सिस्टोलिक ऊंचा रहता है।

वाइट कोट हाइपरटेंशन – इस में व्यक्ति को रक्तचाप तभी ऊंचा जाता है जब रक्तचाप को क्लिनिक या अस्पताल में देखा जाता है। डॉक्टर के ऑफिस के बाहर व्यक्ति का रक्तचाप सामान्य होता है। ऐसा माना जाता है कि जब ऐसे व्यक्ति किसी क्लिनिक या डॉक्टर के ऑफिस में जाते हैं तो वे अत्यधिक तनाव महसूस करते हैं।

रेसिस्टेंट हाइपरटेंशन ऐसे उच्च रक्तचाप को कहते हैं जिस में तीन तरह की दवाएं देने पर भी ऊंचे रक्तचाप का सफलतापूर्वक इलाज नहीं हो पाता।

उच्च रक्तचाप की जटिलताओं

उच्च रक्तचाप इसलिए खतरनाक है क्योंकि ऐसी स्थिति में हृदय बहुत अधिक मेहनत करता है। यह धमनियों की दीवारों को भी सख्त बनाता है। उच्च रक्तचाप से हृदय रोग और हार्ट फेलियर, स्ट्रोक, गुर्दे की बीमारी और अंधेपन का खतरा बढ़ जाता है।

धमनियों का सख्त होना: जैसे-जैसे लोगों की उम्र बड़ी होती है, उनके पूरे शरीर की धमनियां सख्त होने लगती हैं, खासकर हृदय, मस्तिष्क और गुर्दे की धमनियां। उच्च रक्तचाप का सम्बन्ध इन "कठोर" धमनियों से है, ऐसा माना जाता है। और यह हृदय और गुर्दे को अधिक काम करने का कारण बनता है। धमनियों के सख्त होने से दिल का दौरा, स्ट्रोक या अन्य जटिलताएं हो सकती हैं।

स्ट्रोक: इस में मस्तिष्क की कोशिकाएं ऑक्सीजन की कमी के कारण मर जाती हैं। उच्च रक्तचाप स्ट्रोक का सबसे महत्वपूर्ण जोखिम कारक है क्योंकि यह धमनियों को नुकसान पहुंचाता है जिससे उनके टूटने की या बंद हो जाने की संभावना बढ़ जाती है। यदि मस्तिष्क में रक्त वाहिका फट जाती है (टूट जाती है) या रक्त का थक्का संकुचित धमनियों में से एक को अवरुद्ध कर देता है, तो मस्तिष्क के एक हिस्से में रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है और आपको स्ट्रोक हो सकता है।

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दृष्टि में समस्या: उच्च रक्तचाप अंततः आंखों में रक्त वाहिकाओं के फटने या खून बहने का कारण बन सकता है। दृष्टि धुंधली या क्षीण हो सकती है और इसके परिणामस्वरूप अंधापन हो सकता है।

गुर्दे की क्षति: गुर्दे शरीर के अवांछित सामग्री से छुटकारा पाने के लिए फिल्टर के रूप में कार्य करते हैं। समय के साथ, उच्च रक्तचाप से गुर्दे की रक्त वाहिकाएं संकीर्ण हो सकती हैं और उनकी दीवारें मोटी बन सकती हैं। गुर्दे कम तरल पदार्थ को फिल्टर कर पाते हैं, और रक्त में अवांछित सामग्री जमा होने लगती है। समय के साथ, गुर्दे पूरी तरह से विफल हो सकते हैं। जब ऐसा होता है, तो डायलिसिस या गुर्दा प्रत्यारोपण (किडनी ट्रांसप्लांट) की आवश्यकता हो सकती है।

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हार्ट अटैक (दिल का दौरा): उच्च रक्तचाप हार्ट अटैक का एक प्रमुख जोखिम कारक है। धमनियां ऑक्सीजन युक्त रक्त को हृदय की मांसपेशियों तक ले जाती हैं। उच्च रक्तचाप के कारण धमनियों में प्लाक जमा हो जाता है, जिससे वे सिकुड़ जाती हैं और सख्त हो जाती हैं। यदि हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं मिल पाता है, तो सीने में दर्द हो सकता है (जिसे "एनजाइना" भी कहा जाता है)। यदि धमनियों में प्लाक या रक्त का थक्का हृदय के एक हिस्से में रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध कर देता है, तो दिल का दौरा पड़ता है।

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कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर: उच्च रक्तचाप कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर (सीएचऍफ़) के लिए सबसे बड़ा जोखिम कारक है। रक्तचाप बढ़ने से हृदय की मांसपेशियां समय के साथ कमजोर होने लगती हैं। सीएचऍफ़ एक गंभीर स्थिति है जिसमें हृदय शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त रक्त पंप करने में असमर्थ होता है।

उच्च रक्तचाप के लिए आपको कौन से परीक्षणों की आवश्यकता है?

डॉक्टर उच्च रक्तचाप के उचित निदान और इसकी गंभीरता जानने के लिए कुछ परीक्षणों की सलाह दे सकते हैं। यह हैं:

सामान्य परीक्षण

शारीरिक जाँच

डॉक्टर उच्च रक्तचाप और अन्य स्थितियों के आपके पारिवारिक इतिहास के बारे में पूछेंगे, आपके रक्तचाप की जांच करेंगे और आपकी रक्त की रिपोर्ट को देखेंगे। रक्त परीक्षणों में रक्त यूरिया नाइट्रोजन (बीयूएन) और सीरम क्रिएटिनिन शामिल हैं, जो कि गुर्दे की बीमारी होने पर अधिक हो सकते हैं। ब्लड यूरिया नाइट्रोजन टेस्ट यह देखने के लिए किया जाता है कि आपके गुर्दे कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं। यदि गुर्दे ठीक से रक्त से यूरिया को निकालने में सक्षम नहीं हैं, तो बीयूएन का स्तर बढ़ जाता है। दिल की विफलता, निर्जलीकरण और उच्च प्रोटीन आहार के दौरान भी बीयूएन स्तर बढ़ जाता है।

रक्तचाप माप

  • फास्टिंग ब्लड शुगर और लिपिड प्रोफाइल (उपवास की स्थिति में रक्त शर्करा और लिपिड का माप) के टेस्ट: ये समग्र हृदय जोखिम को स्थापित करने के लिए किए जाते
  • लीवर फंक्शन टेस्ट: जिगर के कार्य के परीक्षण के लिए
  • मूत्र परीक्षण : इस से पता चलता है कि क्या गुर्दे में ऐसी क्षति हुई है जिसके लिए अधिक आक्रामक दृष्टिकोण वाली चिकित्सा की आवश्यकता है।

विशिष्ट हृदय परीक्षण

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी (ईसीजी) में हृदय की विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड किया जाता है।

ट्रेड मिल टेस्ट: व्यक्ति ट्रेडमिल पर व्यायाम करता है और व्यायाम के दौरान उसके हृदय की कार्यप्रणाली पर नजर रखी जाती है। शारीरिक तनाव की स्थिति में हृदय की क्षमता क्या होती है, यह मापा जाता है।

2-डी इको: इस में हृदय की एक इमेज प्राप्त करने के लिए अल्ट्रासाउंड का उपयोग करता है जिस से पता चले कि हृदय कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है।

एंजियोग्राफी: यह रक्त वाहिकाओं में उपस्थित ब्लॉकिंग (अवरोध) जानने में मदद करता है।

Further Reading : Understanding The Maze Of Cardiac Tests 

उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं। डॉक्टर इलाज के लिए निम्नलिखित में से कुछ दवाओं की सिफारिश कर सकते हैं:

मूत्रवर्धक (डाइयुरेटिक)– इन गोलियों को 'वाटर पिल्स' भी कहा जाता है क्योंकि ये गुर्दों पर काम करती हैं और शरीर से अतिरिक्त पानी और सोडियम को बाहर निकालती हैं।

बीटा-ब्लॉकर्स - ये हृदय और रक्त वाहिकाओं में तंत्रिका आवेगों को कम करते हैं। इससे हृदय की धड़कन धीमी और कम बल के साथ होती है।

एंजियोटेंसिन कनवर्टिंग एंजाइम (एसीई) अवरोधक - ये एंजियोटेंसिन II नामक हार्मोन के गठन को रोकते हैं, जो आम तौर पर रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण करता है।

एंजियोटेंसिन ऐंटागोनिस्ट - यह रक्त वाहिकाओं को एंजियोटेंसिन II से बचाता है जिससे वाहिकाएं चौड़ी होती हैं और रक्तचाप कम होता है।

कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (सीसीबी) - यह कैल्शियम को हृदय की मांसपेशियों और रक्त वाहिका में प्रवेश करने से रोकता है।

अल्फा-ब्लॉकर्स - यह रक्त वाहिकाओं में तंत्रिका आवेगों को कम करता है।

अल्फा-बीटा ब्लॉकर्स - यह दिल की धड़कन को धीमा कर देता है जिससे वाहिका में कम रक्त पंप किया जाता है, जिस से रक्तचाप कम होता है।

नर्वस सिस्टम इन्हिबिटर (तंत्रिका तंत्र अवरोधक) - यह तंत्रिका आवेगों को नियंत्रित करके रक्त वाहिकाओं को रिलैक्स करता है।

वासोडायलेटर्स - यह वाहिकाओं की दीवारों में मांसपेशियों को रिलैक्स करके रक्त वाहिकाओं को खोलता है।

एंजियोटेंसिन कनवर्टिंग एंजाइम (एसीई) इन्हिबिटर, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (सीसीबी), एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (एआरबी), बीटा-ब्लॉकर्स और मूत्रवर्धक जैसी दवाएं उच्च रक्तचाप वाले मरीजों में स्वीकार्य उपचार मानी जाती हैं। डॉक्टर उस चिकित्सा की सिफारिश करेंगे जो आपकी स्थिति के अनुकूल है और आपके लिए सबसे अच्छा काम करेगी।

उच्च रक्तचाप के लिए दवा के अलावा, आपको अपने रक्तचाप को प्रबंधित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव करने की भी आवश्यकता है:

आहार और पोषण

एक स्वस्थ भोजन योजना उच्च रक्तचाप के विकास के जोखिम को कम कर सकती है और पहले से मौजूद उच्च रक्तचाप को भी कम कर सकती है। संपूर्ण स्वस्थ भोजन योजना के लिए, डीएएसएच (उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए आहार योजना) आहार के बारे में सोचें। डीएएसएच आहार की योजना में साबुत अनाज, मुर्गी, मछली और नट्स शामिल हैं और इसमें नमक, वसा, रेड मीट, मिठाई और शक्करयुक्त पेय पदार्थों की मात्रा कम है। विवरण के लिए https://dashdiet.org/what-is-the-dash-diet.html देखें।

नमक की मात्रा कम रखना बहुत जरूरी है। वर्तमान सलाह है कि दिन में सोडियम 2.3 ग्राम (2,300 मिलीग्राम) से कम रहे। यह 6 ग्राम (लगभग 1 चाय का चम्मच) नमक के बराबर है।

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व्यायाम 

यदि आप निम्न में से किसी भी श्रेणी में आते हैं, तो व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

  • आपकी उम्र साठ साल या अधिक है
  • आपको उच्च रक्तचाप है
  • आपको दिल की तकलीफ हो चुकी है
  • आपके परिवार में किसी को कम उम्र में हृदय रोग हुआ था
  • आपको कोई और गंभीर बीमारी है
  • आपको मध्यम स्तर की गतिविधि करने की आदत नहीं है

यदि आपको व्यायाम करने की अनुमति है, तो सप्ताह के अधिकांश दिनों में 30 मिनट की मध्यम स्तर की गतिविधि से शुरू करें। तेज चलना, तैरना, साइकिल चलाना और बागवानी ऐसी कुछ गतिविधियों के कुछ उदाहरण हैं। इस 30 मिनट को छोटे अंतराल में विभाजित किया जा सकता है, जैसे कि 3 बार 10 मिनट व्यायाम करना।

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यदि आप योग करते हैं तो आप हमारी उच्च रक्तचाप के लिए योग ईबुक को देख सकते हैं.

कृपया उच्च रक्तचाप निवारण के लिए इस साईट के हाइपरटेंशन प्रिवेंशन सेक्शन में स्वस्थ जीवन शैली के लिए अन्य सिफारिशें भी जरूर देखें।

रक्तचाप नियंत्रण के लिए योजना बनाएं, सक्रिय रहें

  • अपने रक्तचाप को नियमित चेक करें
  • निर्धारित दवा नियमित रूप से लें 
  • स्वस्थ भोजन लें और नमक का सेवन कम करें
  • यदि आपको आवश्यकता हो तो वजन कम करें
  • शारीरिक रूप से सक्रिय रहें
  • शराब का सेवन सीमित करें
  • धूम्रपान छोड़ें
  • तनाव कम करें

हमारे नो स्मोकिंग कम्युनिटी में शामिल हों

अपनी सहायता टीम को जानें: स्वस्थ रहने में कौन आपकी मदद कर सकते हैं

  • एक जनरल प्रैक्टिशनर (जीपी)
  • हृदय रोग विशेषज्ञ
  • पोषण विशेषज्ञ
  • फिटनेस विशेषज्ञ
  • आवश्यकतानुसार अन्य विशेषज्ञ

क्या उच्च रक्तचाप से बचा जा सकता है

एक बार उच्च रक्तचाप विकसित हो जाए तो यह आमतौर पर जीवन भर रहता है और इसे दवा के साथ प्रबंधित करना होता है। आप कुछ कदम ले कर उच्च रक्तचाप के जोखिम कारकों को संबोधित करके उच्च रक्तचाप को विकसित होने या इसकी शुरुआत को टालने की कोशिश कर सकते हैं:

स्वस्थ आहार लें - एक संपूर्ण स्वस्थ भोजन योजना के लिए, डीएएसएच (उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए आहार योजना) आहार का पालन करें। डीएएसएच आहार की योजना में साबुत अनाज, मुर्गी, मछली और नट्स शामिल हैं और इसमें नमक, वसा, रेड मीट, मिठाई और शक्करयुक्त पेय पदार्थों की मात्रा कम है।

कम नमक खाएं - वर्तमान सलाह है कि दिन में सोडियम 2.3 ग्राम (2,300 मिलीग्राम) से कम रहे। यह 6 ग्राम (लगभग 1 चाय का चम्मच) नमक के बराबर है/ टेबल सॉल्ट के बराबर होता है।

अपने नमक के सेवन को कैसे नियंत्रित करें

जरूरत हो तो वजन कम करें - अधिक वजन होने से आपको उच्च रक्तचाप होने का खतरा बढ़ जाता है।

स्वस्थ तरीके से वजन कैसे घटाएं

नियमित रूप से व्यायाम करें - उच्च रक्तचाप को रोकने या नियंत्रित करने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक है। व्यायाम आपके हृदय रोग के जोखिम को कम करने में भी मदद करता है। सप्ताह के अधिकांश दिनों में (और हो सके तो रोज) 30 मिनट की मध्यम स्तर की गतिविधि से शुरू करें। तेज चलना, तैरना, साइकिल चलाना और बागवानी इसके कुछ उदाहरण हैं। 30 मिनट को 10 मिनट के 3 छोटे अंतराल में विभाजित किया जा सकता है।

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शराब का सेवन सीमित करें - बहुत अधिक शराब पीने से रक्तचाप बढ़ सकता है। यह लीवर, दिमाग और दिल को भी नुकसान पहुंचा सकता है। मादक पेय में कैलोरी भी होती है, और यदि है यदि आप अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो यह एक समस्या है। यदि आपको उच्च रक्तचाप होने का खतरा है, तो कम मात्रा में पिएं या बिलकुल न पिएं। महिलाओं के लिए एक दिन में एक ड्रिंक और पुरुषों के लिए एक दिन में दो ड्रिंक की सीमा में रहें।

एक “ड्रिंक” किसे कहते है?

  • 12 औंस बियर (रेगुलर या लाइट, 150 कैलोरी) या
  • 5 औंस वाइन (100 कैलोरी) या
  • 80-प्रूफ व्हिस्की के डेढ़ औंस (100 कैलोरी)

धूम्रपान छोड़ें - धूम्रपान रक्त वाहिकाओं की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है और धमनियों के सख्त होने की प्रक्रिया को तेज करता है। यह नुकसान फ़िल्टर्ड सिगरेट लेने से भी होता है। धूम्रपान सभी के लिए बुरा है, खासकर उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए।

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तनाव कम करें - माना जाता है कि तनाव रक्तचाप को बढ़ाता है, इसलिए तनाव को कम करने के लिए कुछ कदम लें।

तनाव से निपटने के टिप्स पढ़ें

 

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    Hypertension (High Blood Pressure)
    The medical term for high blood pressure is hypertension. Blood pressure is the force with which the blood pushes against the walls of the arteries when it is pumped by the heart. Blood pressure rises and falls throughout the day. When blood pressure stays elevated over time, it is called high blood pressure. Every blood pressure reading has two numbers. The number at the top (systolic) shows the force of the blood in the arteries as the heart beats. The number at the bottom…