Skip to main content
Submitted by PatientsEngage on 25 August 2025
Profile pic of the author, a dark haired spectacled woman with the text Endometriosis made me healthier on a blue strip

जया जमरानी एक 42 वर्षीय वरिष्ठ मार्केटिंग प्रोफेशनल हैं, जिन्हें किशोरावस्था से ही दर्दनाक मासिक धर्म की समस्या थी। पेट में तेज दर्द की एक घटना के बाद उनका एंडोमेट्रियोसिस का निदान हुआ। इस लेख में पढ़ें उनके एंडोमेट्रियोसिस से निपटने के अनुभव। वे कहती हैं, कि एंडोमेट्रियोसिस ने उन्हें एक बेहतर इंसान बनने और स्वस्थ जीवन जीने में मदद की है।

क्या आप हमें अपनी स्थिति के बारे में अधिक बता सकती हैं?

मुझे एंडोमेट्रियोसिस है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें मासिक धर्म बहुत दर्दनाक होता है, जिससे बांझपन हो सकता है और हार्मोन्स में बहुत गड़बड़ी होती है जिसके कारण ऊर्जा की कमी, मुंहासे, वजन बढ़ना आदि होता है।

आपके शुरुआती लक्षण क्या थे?

मुझे हमेशा बहुत दर्दनाक मासिक धर्म होते थे। बल्कि मैं अक्सर सोचती थी कि मासिक धर्म के दौरान महिलाएं अपना दिन का काम-का कैसे करती थीं! मुझे याद है कि मैंने जब झांसी की रानी सीरियल देखा था तब यह सोचा था कि रानी घोड़े पर कैसे सवार होती थीं। क्या उन्हें मासिक धर्म नहीं होते थे? दुर्भाग्य से, लोग यह नहीं समझते कि मासिक धर्म का दर्दनाक होना किसी भी उम्र में सामान्य नहीं हैं। आखिरकार डॉक्टर ने मुझे तब जा कर निदान दिया जब मैं असहनीय दर्द के कारण इमरजेंसी रूम में पहुंची।

आपको निदान कब मिला? आपने किस तरह के टेस्ट करवाए?

मुझे इस बीमारी का निदान 26 साल की उम्र में मिला था। मुझे हमेशा से ही मासिक धर्म में दर्द होता था, लेकिन एक बार मुझे पेट के दाहिने कोने में बहुत ही तेज दर्द हुआ। मुझे तुरंत मुंबई के आपातकालीन विभाग में ले जाया गया। अपेंडिसाइटिस के संदेह के कारण मुझे अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह 16 साल पहले की बात है। उन दिनों एंडोमेट्रियोसिस के बारे में बहुत कम जानकारी थी। मैं तीन दिनों तक अस्पताल में रही और वे दर्द का कारण पता लगाने की कोशिश करते रहे। उन्होंने दर्द से निपटने के लिए मुझे बहुत सारी एंटीबायोटिक्स और दर्द निवारक दवाएँ दीं। सीटी स्कैन और एमआरआई किया गया, लेकिन उन्हें यह पता नहीं चल पाया कि मुझे क्या समस्या है।

तीसरे दिन, एक वरिष्ठ, प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ अपनी यात्रा से वापस आए और उन्होंने मेरा केस देखने पर कहा कि यह या तो एंडोमेट्रियोटिक ऐड्हीश़न (आसंजन) है या सिस्ट है। उन्होंने कहा कि यह संभवतः मेरे अंडाशय के पीछे छिपा हुआ था, इसलिए अल्ट्रासाउंड या एमआरआई से इसका पता नहीं चल सका। लेकिन एमआरआई में रक्तस्राव के सबूत मिले। उन्होंने एक एमर्जन्सी लेप्रोस्कोपी की, जिसमें पता चला कि एक सिस्ट बन गया था। उस समय, मुझे चौथे चरण के एंडोमेट्रियोसिस का निदान दिया गया था।

संबंधित लेख: एंडोमेट्रियोसिस का निदान कैसे किया जाता है

निदान पर आपकी क्या प्रतिक्रिया थी?

पहली बात तो यह कि मैंने कभी यह शब्द नहीं सुना था, इसलिए मैंने गूगल किया और इसे समझने की कोशिश की। लोग बस आपको यही बताते हैं कि महिलाओं को दर्द के प्रति अधिक सहनशीलता की आवश्यकता होती है और मेरे लिए यह बार-बार सुनना मुश्किल था। मेरे अपने परिवार में भी ऐसे डॉक्टर हैं जो सोचते थे कि यह कोई बड़ी बात नहीं थी। उन्होंने मुझे अपने पीरियड्स को रोकने के लिए हार्मोनल गोलियाँ लेने के लिए कहा और कहा कि इससे समस्या हल हो जाएगी। उनके लिए यह सिर्फ़ दर्द था, कोई जानलेवा बीमारी नहीं। समय के साथ मेरा दर्द बढ़ता रहा और उस के कारण मैं बिल्कुल बेहाल हो जाती थी और कुछ नहीं कर पाती थी।

मैंने समस्या पर कम ध्यान देने का निर्णय लिया और अपनी ज़िंदगी वैसे ही जीनी शुरू कर दी जैसे मेरी उम्र के अन्य युवा जीते हैं - पार्टी करना, शराब पीना और हर तरह का जंक खाना लेना। लेकिन पहली लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद मेरी हालत खराब होने लगी।

आपने दर्द का सामना कैसे किया?

काश मैं कह सकती कि मैंने इसे इच्छा शक्ति से संभाला! पर सच कहूँ तो स्कूल जाने की उम्र में यह बहुत ही कष्टदायक था। मैं समझ नहीं पाती थी कि दूसरों को ये समस्याएं क्यों नहीं होतीं। मैं खेलकूद में भाग नहीं ले पाती थी क्योंकि मैं नियमित रूप से अभ्यास सत्र में शामिल नहीं हो पाती थी। मुझे ऐंठन के लिए दवा लेनी पड़ी, गर्म पानी की थैलियों का इस्तेमाल करना पड़ा, स्कूल नहीं जा पाती थी और मुझे दिन भर सोना पड़ता था। मासिक धर्म के दूसरे दिन मुझे बहुत ज़्यादा रक्तस्राव होता था और कपड़ों पर आसानी से दाग लग सकते थे, और यह बहुत शर्मनाक होता। जब मैंने काम करना शुरू किया, तो मैं दिन भर काम कर पाने के लिए दर्द निवारक दवाओं पर निर्भर थी।

एंडोमेट्रियोसिस न केवल शारीरिक रूप से कठिन है, बल्कि भावनात्मक रूप से भी बहुत नुकसान पहुंचाता है। एक समय था जब मैं यात्रा नहीं कर सकती थी क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मेरा मासिक धर्म कब शुरू हो जाएंगे और मैं बिना सही प्रबंध के ऐसी स्थिति में फंस सकती थी। मैं अपने कई करीबी दोस्तों की शादियों और महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो पाती थी क्योंकि मुझे अचानक यह असहनीय दर्द होता था और मैं कुछ नहीं कर पाती थी।

एंडोमेट्रियोसिस का निदान होने के बाद, मैंने मासिक धर्म को रोकने के लिए हार्मोनल दवा लेनी शुरू कर दी। मुझे मतली, मूड स्विंग, चिंता, मुंहासे और वजन बढ़ने से निपटने के बजाय यह हार्मोनल दवा लेना बेहतर लगा।

निदान के बाद आपने एंडोमेट्रियोसिस से कैसे निपटा?

अगले कुछ वर्षों में मुझे कई सर्जरी से गुजरना पड़ा।

पहली सर्जरी:
पहली सर्जरी ईमर्जन्सी रूम में निदान के लिए की गई – यह एक लेप्रोस्कोपिक सर्जरी थी जिसमें एक दाग़ना (कॉटराइजेशन) शामिल था जहाँ उन्होंने उस ऊतक को जला दिया जो बढ़ा हुआ नजर आ रहा था। सभी ने कहा कि मैं दो सप्ताह में पूरी तरह से सामान्य हो जाऊँगी। पर उस समय सिस्ट को केवल दाग़ा गया था, उसे पूरी तरह से हटाया नहीं गया था। चूँकि सिस्ट फट गया था इसलिए पेट में बहुत खून फैल गया था इसलिए डॉक्टर उन सभी जगहों को स्पष्ट रूप से नहीं देख पाए जहाँ एंडोमेट्रियोसिस बढ़ गया था।

एक साल के भीतर मेरा दर्द वापस आ गया और इतनी तीव्रता से लौटा कि मैं काम नहीं कर पा रही थी। मुझे काम से कई दिन की छुट्टी लेनी पड़ी। दर्द निवारक दवाओं की मात्रा इतनी बढ़ गई कि मुझे ओपिओइड लेने पड़े। आखिरकार, डॉक्टर ने मुझे गोनाडोट्रोपिन नामक दीर्घकालिक गर्भनिरोधक दवा और हार्मोनल दवा देना शुरू कर दिया, ताकि मुझे छह महीने से एक साल तक मासिक धर्म नहीं हो । मुझे एहसास हुआ कि गोनाडोट्रोपिन खतरनाक हो सकते हैं और शरीर के वजन और रक्तचाप के मामले में स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। गर्भनिरोधक दवाओं और हार्मोन के इस उच्च स्तर के कारण, मेरा रक्तचाप बहुत बढ़ने लगा और मुझे इसे नियंत्रित करने के लिए दवा लेनी पड़ी। 

दूसरी सर्जरी:
दूसरी सर्जरी पहली सर्जरी के एक साल के भीतर हुई- यह भी एक कॉटराइजेशन सर्जरी थी। इस बार डॉक्टर ने मुझे बताया कि मुझे सामान्य रूप से गर्भधारण में समस्या होगी। मैंने तय किया कि मैं जल्द ही बच्चा पैदा करने की कोशिश शुरू करूंगी और दूसरी सर्जरी के ठीक बाद हमने आईवीएफ उपचार शुरू किया, और मैंने इसकी एक साल तक कोशिश की। 

आईवीएफ उपचार के दौरान शरीर में अधिक अंडे बनाने के लिए बहुत सारे हार्मोन दिए जाते हैं। उन हार्मोनों ने एंडोमेट्रियोटिक वृद्धि को फिर से तेज कर दिया। एक साल के भीतर मेरा दर्द बहुत ही ज़्यादा बढ़ गया, और ऐसा लगा मानो दर्द, सर्जरी, आईवीएफ का पूरा चक्र फिर से शुरू हो रहा हो।

तीसरी सर्जरी:
मेरी तीसरी सर्जरी फिर से कॉटराइजेशन थी। मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि उसके बाद मेरा आईवीएफ का दूसरा दौर किया गया और मैं गर्भवती हो गई। गर्भधारण के बाद चूँकि मेरा शरीर अच्छे हॉरमोन से भरा हुआ था, इसलिए बच्चे के जन्म के बाद के कुछ साल बहुत अच्छे रहे। मैं एंडोमेट्रियोसिस दर्द के बारे में भूल ही गई थी। पर फिर, लगभग प्रसव के बाद के तीसरा साल में मुझे फिर से बहुत दर्दनाक मासिक धर्म होने लगे।

इस बार डॉक्टर ने मुझे सामान्य) गर्भनिरोधक गोली दी (गोनाडोट्रोपिन नहीं) और कहा कि मुझे ये गोलियां लगातार लेनी होंगी बिना किसी ब्रेक के – सामान्यतः गोल लेने के 20-22 दिन बाद, अगले मासिक चक्र के शुरू होने से पहले गोली लेने में ब्रेक लेना होता है। मैं लगातार गर्भनिरोधक गोलियाँ ले रही थी ताकि मुझे मासिक धर्म न हों परंतु इस गोली से फिर से मेरे रक्तचाप पर असर पड़ने लगा।

चौथी सर्जरी:
अपनी चौथी सर्जरी के लिए मैंने बहुत खोज कर एक चीरा (इन्सिश़न) विशेषज्ञ को ढूंढा। यह वह सर्जरी है जिसने आखिरकार मुझे मेरे श्रोणि और पेट के अन्य क्षेत्रों में होने वाले गहरे दर्द से राहत दिलाई। चीरा सर्जरी उस क्षेत्र की सतह को नहीं जलाती है जहाँ आप एंडोमेट्रियोसिस वृद्धि देखते हैं, बल्कि एक स्केलपेल द्वारा इसे बाहर निकाल देती है। अन्य सभी विकल्प मानो वृद्धि पर मात्र बैंड-एड लगाने जैसे हैं और उन में एंडोमेट्रियोसिस बढ़ता रहेगा, पर इस में एंडोमेट्रियोसिस हटा दिया जाता है।

तीसरी सर्जरी के बाद आपने अपनी जीवनशैली में क्या बदलाव किए?

मैंने एंडोमेट्रियोसिस के प्रबंधन के अन्य तरीकों पर शोध करना शुरू किया। मैंने अपना आहार ठीक करना शुरू किया। मैंने वीगन आहार प्रणाली को अपनाया (ऐसा शाकाहारी आहार जिस में दूध और उस से बने पदार्थ भी नहीं लिए जाते) और ज़्यादा हरी सब्ज़ियाँ खाने के साथ सुबह डिटॉक्सिफ़ायर के रूप में सेलरी (अजमोदा) का जूस पीना शुरू किया। मैंने अपने कोर्टिसोल और ऑक्सीटोसिन के स्तर को प्रबंधित करने के लिए बहुत काम किया। मैंने अपने मानसिक स्वास्थ्य पर काम किया और अच्छे हार्मोन बनाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करने लगी। स्वस्थ आहार और व्यायाम ने वास्तव में मेरी बहुत मदद की। मैंने शराब का सेवन बंद कर दिया, जो मेरे स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा बदलाव रहा है। जब मैंने देखा कि एमआरआई में कभी-कभी दिखाई देने वाले घाव छोटे हो गए थे और उनका आकार भी कम हो गया था, तो मुझे ये बदलाव जारी रखने की प्रेरणा मिली।

आपके उपचार में अगला चरण क्या था?

मैंने जो जीवनशैली में बदलाव किए, उनसे मुझे एंडोमेट्रियोसिस को नियंत्रित करने में मदद मिली। उस समय हमने जो एमआरआई करवाया, उसमें कोई नई वृद्धि नहीं दिखी। पर मेरे शरीर में अभी भी अंडाशय के पास कुछ हिस्से थे जो बहुत दर्दनाक थे। इस के दो कारण थे - एक, एंडोमेट्रियोसिस की वृद्धि जो वर्षों से जमा हो चुकी थी, और दूसरा, मुझे एडेनोमायसिस था, यानि कि बहुत बड़ा, भारी गर्भाशय है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मेरे जैसी स्थिति में गर्भाशय के किनारों पर इसी तरह की वृद्धि होने लगती है जिससे यह बहुत दर्दनाक हो जाता है। फिर से, मेरे लिए मासिक धर्म बहुत तकलीफ देने लगे।

इस स्थिति का सामना होने पर, पाँच साल पहले मैंने बहुत सोचने के बाद, पूरी योजना बनाकर हिस्टेरेक्टॉमी करवा कर अपने गर्भाशय को निकलवा देने का निर्णय लिया। इसी सर्जरी के लिए मुझे खोजने के बाद मुंबई में एक उत्तम चीरा विशेषज्ञ मिले। भगवान का शुक्र है कि अब लगभग छह साल हो गए हैं और एमआरआई रिपोर्ट के अनुसार एंडोमेट्रियोसिस नहीं बढ़ा है। हिस्टेरेक्टॉमी से ठीक होने में समय लगा, लेकिन यह सर्जरी करवाना एक अच्छा निर्णय था क्योंकि अब मेरा रक्तचाप भी सामान्य हो गया है। मुझे अब हार्मोनल गोलियाँ लेने की ज़रूरत नहीं है।

आपने मेडिकल समुदाय और अन्य स्रोतों से किस तरह का समर्थन प्राप्त करने कि कोशिश की?

मुझे एक ऑनलाइन समुदाय मिला जिसने मुझे भारत में सही डॉक्टर खोजने में मदद की जो चीरा लगाने के विशेषज्ञ हैं। एंडोमेट्रियोसिस रोगी के रूप में मेरी ज़रूरतों के बारे में वे सहानुभूति रखते थे। ऑनलाइन ऐसे कई समुदाय हैं जो आपको मार्गदर्शन कर सकते हैं और सही डॉक्टर खोजने में आपकी मदद कर सकते हैं।

मेरे डॉक्टर ने मुझे सर्जरी के बाद सर्जरी का वीडियो दिखाया और मुझे बताया कि उन्हें कहाँ-कहाँ घाव मिले थे जो उन्हें हटाए थे। उन्होंने ईमानदारी से मुझे साफ बताया कि शरीर में शायद कुछ एंडोमेट्रियोसिस बचा हुआ हो।

मैं आईवीएफ और उससे जुड़े तनाव से भी जूझ रही थी। मैंने ऑनलाइन समुदायों से मदद मांगकर इसका सामना किया और इन समुदायों ने मुझे इससे जूझने के तरीकों के बारे में जानकारी दी।

आप वर्तमान में कौन सी दवा ले रही हैं?

वर्तमान में मुझे रक्तचाप की दवा लेनी होती है। पर दवा की खुराक पहले की तुलना में आधी है। मैं अभी एंडोमेट्रियोसिस या एडेनोमायसिस के लिए किसी भी दवा पर नहीं हूँ।

क्या आपने अपनी सर्जरी के बाद किसी फिजियोथेरेपिस्ट, काउंसलर या थेरेपिस्ट से सलाह ली?

सर्जरी के बाद फिजियोथेरेपी बहुत आवश्यक है। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे एक बेहतरीन फिजियोथेरेपिस्ट मिले जिन्होंने मेरी श्रोणि (पेल्विस) की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और उनके पुनर्निर्माण में मदद की। हल्के योग अभ्यास, पिलाटेस, तैराकी जैसे व्यायाम मदद करते हैं। पर अब भी मुझे लगता है कि मैं ज़ोरदार दौड़ नहीं कर सकूँगी या अधिक वजन नहीं उठा पाऊँगी क्योंकि मेरा श्रोणि अभी भी उतनी मजबूत नहीं है। 

मैं अपनी दूसरी सर्जरी के बाद और तब से लेकर हिस्टेरेक्टॉमी की अपनी अंतिम सर्जरी तक कई बार थेरपिस्ट के पास गई थी। इससे मुझे शांति अनुभव करने, अपनी स्थिति को स्वीकार करने और खुद के प्रति सहानुभूति विकसित करने में मदद मिली।

क्या यह आपके लिए एक वंशानुगत स्थिति थी?

मेरी माँ की तरफ़ से ऐसी बहुत सी महिलाएँ हैं जिन्हें दर्दनाक मासिक धर्म होते थे और शायद उन्हें एंडोमेट्रियोसिस था पर इसका निदान नहीं हुआ था। उन्हें समय से पहले हिस्टेरेक्टॉमी और उस प्रकार के उपायों से गुज़रना पड़ा। लेकिन मुझे नहीं पता कि क्या मेरी स्थिति एक वंशानुगत स्थिति है या नहीं।

आपने अपने जीवन में कौन से दीर्घकालिक बदलाव किए हैं?

जीवनशैली में बदलाव बहुत ज़रूरी हैं और मैंने उन्हें सकारात्मक रूप से देखा। एक समय था जब मैं सोचती रही कि इस बहुत दर्दनाक और कठिन बीमारी से क्या भलाई हो सकती है? मुझे लगता है कि इसने मुझे खुद के प्रति दयालु होने और अपने शरीर की देखभाल करने की प्रेरणा दी। अगर मुझे एंडोमेट्रियोसिस नहीं होता तो शायद मैं बेहतर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की इस यात्रा पर नहीं होती। इसने मुझे आहार, मानव शरीर और चिकित्सा विज्ञान के बीच संबंध के बारे में गहन ज्ञान प्राप्त करने में और दूसरों के प्रति सहानुभूति विकसित करने मदद की।

मुझे लगता है कि भावनात्मक रूप से यह मुश्किल था, खासकर इसलिए क्योंकि गर्भाशय और मासिक धर्म आदि से जुड़ी बातों पर अभी भी समाज में कोई खुल कर चर्चा नहीं होती, यह अब भी एक वर्जना है। मैं बहुत भाग्यशाली थी क्योंकि मुझे अंत में जो डॉक्टर मिले, वे वास्तव में समझ रहे थे कि मैं किस दौर से गुज़र रही थी और सर्जरी से होने वाले दर्द और रिकवरी के समय भी उनकी मेरे प्रति बहुत सहानुभूति रही। मैं जैसी हूँ, थेरेपी और काउंसलिंग ने मुझे खुद को वैसे ही स्वीकार करने में मदद की, बिना कड़वा या क्रोधित महसूस करे।

परिवार के समर्थन से बहुत मदद मिलती है। मेरी आखिरी सर्जरी के बाद मेरी माँ मेरा बहुत बड़ा सहारा थीं। सबसे बड़ा सहारा वह साथी होता है जो परिस्थिति को समझे क्योंकि जब एंडोमेट्रियोसिस बढ़ जाता है और आप दर्द में होते हैं, तो भौतिक अंतरंगता संभव नहीं होती। मेरे मामले में मुझे आईवीएफ आदि के माध्यम से बच्चा पैदा करने की चाहत का भी तनाव था, और मुझे अपने पति से बहुत सहारा लेना पड़ा।

मेरे परिवार के अलावा, ऑनलाइन सहायता समूह मेरी जीवन-रेखा बन गया। मैंने अपनी स्थिति के उपचार और प्रबंधन के लिए बहुत शोध और अध्ययन किया और इससे मुझे अपने शरीर की क्षमताओं के बारे में जानकार और सशक्त महसूस करने में मदद मिली।

आपने अपने कार्यस्थल पर कैसे काम चलाया?

काम के मोर्चे पर मैं बहुत भाग्यशाली रही। एक सहकर्मी के सुझाव और सलाह पर, मैंने अपनी टीम और बॉस को एक नोट लिखा जिसमें अपनी मुश्किलों और अपनी परिस्थितियों के बारे में बताया। उन्होंने मुझे अपने काम के माहौल का अनुकूलन करने दिया, खासकर जब मुझे अपनी अनेक सर्जरी और आईवीएफ ट्रीट्मन्ट के कारण अजस्टमेंट की आवश्यकता होती। मुझे एक समर्थक कार्यस्थल मिला, लेकिन मैंने भी यह सुनिश्चित किया कि मैं इसे एक विशेषाधिकार के रूप में न देखूँ, बल्कि अपने संगठन के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी समझूँ और अपना काम ठीक से करूँ।

आपकी वर्तमान स्थिति क्या है?

फिलहाल मैं अच्छी स्थिति में हूँ। मुझे नहीं लगता कि मैं यह कह सकती हूँ कि मैं ठीक हो गई हूँ। मेरी स्थिति एक ऐसी स्थिति है जो पूरी तरह ठीक नहीं होती पर जिसे आप मैनेज कर सकती हैं, मुझे अपना ख्याल करते रहना होगा। वास्तव में, लगभग 6-7 महीने पहले, मैं पेट में बहुत ज़्यादा दर्द के कारण फिर से अस्पताल पहुँची थी। यह बिल्कुल उस दुखद समय जैसे था जब लोग कह रहे थे कि यह अपेंडिसाइटिस है और मैं कह रही थी कि यह नहीं है। शुक्र है कि मेरे डॉक्टर ने मेरी जाँच की और कहा कि उन्हें अल्ट्रासाउंड में मेरे दाहिने अंडाशय पर कुछ ऐड्हीश़न (आसंजन) दिखाई दे रहा है। शायद यही दर्द का कारण था। मैंने अपने डिटॉक्सिंग और अपनी आहार प्रणाली पर अधिक काम किया और इस से इस फ्लेयर अप को शांत करने में मदद मिली, और शुक्र है कि मैं अब ठीक हूँ।

एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं को आप क्या सलाह दे सकती हैं?

सबसे पहले, अपने लिए खूब सारा प्यार और स्नेह रखें और यह जानें कि आप अकेली नहीं हैं। मेरी सलाह है कि सबसे पहले अपने लायक सहायता समूह खोजें। ऑनलाइन कई ऐसे समूह उपलब्ध हैं। ऐसा समूह खोजें जो आपके लिए कारगर हों।

दूसरी बात, अपने माता-पिता, अपने परिवार, अपने आस-पास के करीबी लोगों से बात करें, जिसमें आपका कार्यस्थल के लोग भी शामिल है। इस अदृश्य बीमारी को दृश्यमान बनाएँ, सहानुभूति या विशेषाधिकार प्राप्त करने के लिए नहीं, बल्कि इसलिए ताकि लोग आपको समझ सकें और आपके साथ काम करते समय इसे ध्यान में रख सकें।

अगली बात, एक अच्छा चीरा विशेषज्ञ खोजें, डर का सामना करें और सर्जरी करवा लें। आप चाहे कितनी भी छोटी उम्र की क्यों न हों, मेरे अनुभव में जितनी जल्दी आप चीरा लगवाएँ, उतना ही बेहतर रहता है और फिर आप एंडोमेट्रियोसिस कि वृद्धि को रोकने के लिए काम कर सकती हैं।

चौथी बात है स्वस्थ आहार लेना और व्यायाम करना।

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। अपने आप को बहुत सारी जानकारी से लैस करें, जानकारी से दूर न भागें। डॉक्टर पर सिर्फ इसलिए भरोसा न करें क्योंकि वे डॉक्टर हैं। अपने शरीर को, और कुछ चीज़ों के प्रति अपनी प्रतिक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है।

क्या आपको भविष्य को लेकर कोई डर है?

अपने उपचार और थेरपी की प्रक्रिया के दौरान मैंने सीखा कि अपने दर्द को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है, न कि उससे डरना। जब भी मुझे फिर से दर्द का फ्लेयर-अप होता है, मैं एक हॉट बैग लेती हूँ, नेटफ्लिक्स चालू करती हूँ, एक दिन की छुट्टी लेती हूँ और बस दर्द को गले लगा लेती हूँ। जब कुछ बात बिगड़ती हैं तो यह सोचना बहुत सामान्य है कि आपने कुछ गलत किया है इसलिए ऐसा फिर से हो रहा है। अपने आप पर सख्ती न करें। बस स्वयं को स्वीकार करिए और अपने आप को फिर से ठीक होने के लिए वह सही पोषण और देखभाल दीजिए जिसकी आपको ज़रूरत है।

अंत में मैं यह कहना चाहती हूँ कि एंडोमेट्रियोसिस शारीरिक, मानसिक और कभी-कभी आर्थिक रूप से भी बहुत थका देने वाला होता है। इसे अपने आप को फिट रहने और अपना अधिक ख्याल रखने की याद दिलाने वाले रिमाइंडर के रूप में लें। ऑनलाइन कई महिला समुदाय हैं जहाँ आप एक सामान्य जीवन बनाने और इस बीमारी से डरे बिना जीने में सक्षम होने के लिए समर्थन और प्रोत्साहन पा सकती हैं। यह एक लंबी प्रक्रिया है लेकिन सकारात्मक सोच से यह आपको एक फिट, स्वस्थ और अधिक संतुष्ट जीवन की ओर ले जा सकती है।

 

As told to Smita Vyas Kumar

Changed
25/Aug/2025
Condition