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Submitted by PatientsEngage on 22 December 2022
Shailaja profile picture in a yellow blouse and sari

38 वर्षीया शैलजा बुवनेश्वरी एस को अपनी दूसरी गर्भावस्था के दौरान बिना किसी भी चेतावनी के अचानक स्ट्रोक हुआ। वे इस लेख में बताती हैं कि वे कैसे धीरे-धीरे ठीक हुईं और अपने बच्चों और परिवार की देखभाल करने के लिए उन्होंने कैसे अपनी ताकत फिर से प्राप्त की।

कृपया हमें अपनी स्थिति के बारे में कुछ बताएं:

मुझे अपनी दूसरी गर्भावस्था के 27वें सप्ताह के दौरान टीआईए (ट्रांसिएंट इस्कीमिक अटैक्स या अस्थायी स्थानिक अरक्तता) हुआ था। यह एक प्रकार का मिनी-स्ट्रोक (अल्प आघात) है। मेरा थ्रोम्बोलिसिस किया गया (रक्त के थक्के को नष्ट करा गया) और अगले एक सप्ताह तक गर्भ में बच्चे की निगरानी की गई, साथ ही मुझे अस्पताल में हल्की फिजियोथेरेपी भी दी गई। एक हफ्ते के बाद मुझे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। मैं तब चल पा रही थी पर मेरे बाएं हाथ में कमजोरी थी। संतुलन वापस पाने के लिए और अपनी देखभाल करने के लिए सक्षम हो पाऊँ, इस के लिए मैंने घर में फिजियोथेरेपी के 10 सत्र किए। मेरा एक नियोजित सी-सेक्शन किया और गया और गर्भावस्था के 42वें सप्ताह के दौरान मैंने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। मैं सर्जरी के बाद तीन सप्ताह तक हेपरिन इंजेक्शन पर थी और फिर मैं अपनी 5 साल की बड़ी बेटी, नवजात शिशु और घर की देखभाल करने में सक्षम थी।

Read in English: Stroke During My Pregnancy Was A Wake-up Call

आपका निदान कब और कैसे किया गया?

वह ऑफिस में बहुत ही सामान्य दिन था, और फिर मैंने घर आकर रात का खाना बनाया। करीब मध्य रात्रि, मेरा सिर दर्द से बुरी तरह धड़कने लगा जिसके बाद मुझे बेकाबू मतली हुई।  मेरे पति और मेरी बड़ी बेटी मौजूद थे और उन्हें लगा कि यह मेरा सामान्यतः होने वाला माइग्रेन का सिरदर्द है। यह तो वे बाद में समझ पाए कि ऐसा नहीं है क्योंकि मैं दर्द निवारक दवा लेने के लिए उठ भी नहीं पा रहा था। क्योंकि मैं गर्भवती थी, मेरे पति ने तुरंत एक एम्बुलेंस को बुलाया, जहाँ पैरामेडिक ने पहले मतली को रोकने के लिए एक दवा दी। मैं पूरी यात्रा के दौरान होश में थी और जब मैं ईमर्जन्सी में पहुंची तो एमआरआई स्कैन लेने के लिए न्यूरोलॉजी के डॉक्टर और कन्सल्टन्ट पहले से ही मौजूद थे। उन्होंने कहा कि मुझे एक ट्रांसिएंट इस्कीमिक अटैक्स हुआ था। क्योंकि मैं गर्भवती थी और मेरी स्थिति के अनुसार उपचार चुनना होगा, उन्होंने मेरी ओब-जीन (प्रसूति एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉक्टर) से परामर्श किया जो उस समय अपने निजी काम के लिए यात्रा कर रही थीं और उन्होंने टीम को दवाओं और प्रक्रियाओं के बारे में सलाह दी। फिर ईमर्जन्सी रूम में मौजूद टीम ने मुझे थ्रोम्बोलाइटिक प्लास्मिनोजेन एक्टीवेटर दिया, और इस तरह, घटना के 5 घंटे के भीतर मुझे थ्रंबोलाइज़ किया गया। यानि कि, खतरनाक रक्त के थक्के घोल दिए गए, रक्त प्रवाह को ठीक किया गया, और मेरे अंगों और ऊतकों  को अधिक नुकसान से बचाया गया। रक्त के थक्के नष्ट करने के बाद अगले 48 घंटों तक मुझे निगरानी में रखा गया। स्ट्रोक के कारण की पहचान करने के लिए कुछ परीक्षण भी किए गए। लेकिन मेरे सभी परीक्षण ठीक निकले, और उनमें कोई भी ऐसी स्थिति में सामान्यतः देखे जाने वाला कारण नहीं मिला।

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स्ट्रोक के समय आप गर्भवती थीं और यह सब आपके लिए बहुत कठिन रहा होगा। कृपया स्थिति को प्रबंधित करने के अपने अनुभव का वर्णन करें।

प्रसव के समय तक, मेरे ग्रॉस मोटर स्किल्स फिर से काफी हद तक लौट आई थीं। यानि कि मैं शरीर की बड़ी मांसपेशियों का इस्तेमाल कर पा रही थी जो रोज़मर्रा के कार्यों के लिए आवश्यक हैं। मैं चीजों को उठा सकती थी, चल सकती थी, और यहाँ तक कि अच्छे संतुलन के साथ सीढ़ियाँ भी चढ़ सकती थी। मैं खाना बनाने, सूखे कपड़े टांगने और कपड़े और कंबल फोल्ड करने में भी सक्षम थी। मैंने अपनी बड़ी बच्ची की देखभाल करने के साथ-साथ नवजात शिशु पूरे समय देखभाल भी की - उसकी मालिश करने से लेकर उसे नहलाने और उसे दूध पिलाने जैसे काम।

पर बारीक काम करने में तब भी समस्या होती थी। बेशक मुझे घर के कई कामों में माँ और पति की मदद लेनी पड़ती थी। मैंने सब्जियों और किराने के सामान की डिलीवरी के लिए मोबाईल ऐप्स की मदद लेती और रोजाना बर्तन माँझने और घर की सफाई करने में मदद करने के लिए एक नौकरानी थी। हाँ, सब कुछ संभालना कठिन था लेकिन मुझे जरूरी मदद मिल रही थी और जब भी मैं भावनात्मक रूप से नीचा महसूस करती तो मैं यह सोचकर खुद को संभालती कि मैं कम से कम शारीरिक रूप से तो अपनी बेटियों के लिए हूं, क्योंकि मुझे निदान और उपचार तुरंत मिल पाया, पर स्ट्रोक से प्रभावित कई लोग इतने भाग्यशाली नहीं होते।

आप कौन सी दवाएं ले रही  हैं?

ब्लड थिनर (यह दवा लेना आवश्यक है)। साथ ही दर्द हो तो दर्द निवारक दवा ले सकती हूँ। मैं मल्टीविटामिन सप्लीमेंट भी लेती हूँ (पर ये अनिवार्य नहीं हैं)।

क्या दवाओं के कोई दुष्प्रभाव थे?

अभी तक तो नहीं, हालांकि मैं लंबे समय तक ब्लड थिनर लेने के दुष्प्रभावों के बारे में अफवाहों से अवगत हूं। वर्तमान में, मैं दर्द निवारक लेने से बचती हूं और दर्द होने पर राहत के लिए आराम करती हूँ  या फ़िज़ियोथेरेपी का सहारा लेती हूं।

आपके उपचार का प्रोग्राम क्या था? दवा लेने के अलावा, आपने ठीक होने के लिए क्या किया?

मैं हल्की फिजियोथैरेपी लेती, घर के काम करती, सकारात्मक रहती। इन सब से मुझे धीरे-धीरे ठीक होने में मदद मिली। मैंने योगाभ्यास भी किया और पैदल भी खूब चलती थी।

स्ट्रोक के बाद बच्चे को जन्म देना कितना मुश्किल था? क्या आप शुरुआती दिनों में अपने बच्चे की देखभाल कर पाईं?

हाँ, मुश्किल तो था। काम करने की जरूरत थी, और मुझे खुद को सक्षम बनाना था। बड़ी बच्ची की देखभाल के अपने अनुभव के आधार पर मुझे पूरा भरोसा था कि मैं नवजात शिशु को संभाल सकूँगी। हम अनजान स्थितियों के खयाल से डरते हैं। मैं खुद देखभाल करना चाहती थी, और इसलिए अपनी सर्जरी के तीन दिन बाद ही मैंने नवजात शिशु को नहलाया। उस समय मेरे स्ट्रोक को दो महीने हो गए थे, और मेरी अग्रभुजाओं की अधिकांश ताकत और कार्यक्षमता वापस आ गयी थी, बस बारीक काम करने में समस्या बाकी थी। इसलिए, मैंने कई कार्य करने के लिए अपने प्रमुख हाथ का इस्तेमाल करती।

आपने किन अन्य चुनौतियों का सामना किया और उस प्रकार की चुनौतियों का सामना करने वाले अन्य लोगों के लिए आपकी क्या सलाह है?

टूथब्रश में टूथ पेस्ट लगाने से लेकर रात के खाने से पहले अपने दूध के प्याले को पकड़ने की कोशिश करने तक की ज्यादातर स्थितियों में चुनौतियां थीं। मेरी सलाह होगी कि आप ठीक होने की कोशिश छोटे-छोटे कदमों से लें, धीरे-धीर सुधार करें, और अपने आप को सकारात्मक लोगों से घेरें। अपनी वर्तमान स्थिति को स्वीकार करें, दिल पर न लगाएं। हम हर दिन थोड़ा-थोड़ा होकर बेहतर होंगे और केवल हम ही इन छोटे-छोटे बदलाव को महसूस कर सकते हैं। हमें अपने हर छोटे से सुधार के लिए खुद की सराहना करनी होगा। हमारी समस्या किसी कारण से हुई थी, कोई उद्देश्य है कि हम ठीक हुए और हमें बस उस उद्देश्य को पूरा करने के लिए अपने को ठीक करने के ऊपर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मस्तिष्क की चोट एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपका सबसे अच्छा दोस्त भी नहीं समझ सकता कि आप के साथ क्या हो रहा है, आप किन हालात से गुजर रहे हैं। यह एक बहुत उलझी हुई स्थिति है और एक समय में एक ही चीज पर ध्यान केंद्रित करने से ठीक होने में मदद मिल सकती है। सोने और खुद को व्यस्त रखने से काफी हद तक फायदा होता है।

क्या आपने अपनी स्थिति को प्रबंधित करने में कुछ ऐसा सीखा है जो आप सोचती हैं कि आपको पहले पता होता तो अच्छा होता?

सच तो यह है कि यह स्ट्रोक मेरे लिए एक झटका था क्योंकि मेरी जीवन शैली स्वस्थ थी और मुझे कोई बीमारी नहीं थी। स्ट्रोक से मुझे अचानक यह गहरा एहसास हुआ कि सामान्य होना भी कितना अद्भुत और निराला है।

आप किस तरह के विशेषज्ञों से सलाह लेती हैं और कितनी बार?

स्ट्रोक के बाद, मैंने प्रसव से पहले और बाद सभी निर्धारित नियमित परीक्षण करवाए जिसके बाद मेरे न्यूरोलॉजिस्ट ने मुझे बताया कि मैं ठीक हूं और मुझे फिर से चेकउप के लिए आने की कोई आवश्यकता नहीं है। पर यदि मैं कुछ मेडिकल प्रक्रिया करवानी है, जैसे कि टीकाकरण या दांत निकलवाना, तो मैं उनसे सलाह जरूर लेती हूं। सौभाग्य से, मैं अपने स्ट्रोक के बाद कोई खास बीमार नहीं पड़ी हूं, कोई तेज बुखार या संक्रमण नहीं हुआ है, अब तक सब अच्छा ही चल रहा अच्छा है।

क्या आपको अपनी स्थिति के कारण अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने पड़े हैं?

मैं हमेशा आगे की योजना बनाती हूं, यह मेरी अच्छी आदतों में से एक है। कहीं जाना हो तो जगह के बारे में पहले से पता लगा लेती हूँ, ताकि अगर संतुलन बनाए रखने में कोई संभावित चुनौती हो, जैसे कि ऊंचाई पर चढ़ना हो, तो मैं पहले से तैयार रहूँ। मैं जरूरत पड़ने पर बेहिचक मदद मांगती हूं - स्ट्रोक से पहले ऐसा शायद ही कभी हुआ हो। मैं कई चीजों को मना भी कर देती हूँ अगर मुझे लगे कि उनसे बेकार का  तनाव होगा।

क्या आपने योग जैसी पूरक चिकित्सा या होम्योपैथी जैसी वैकल्पिक चिकित्सा की कोशिश की है?

मैं योग का अभ्यास करती हूं, और यह संतुलन हासिल करने के लिए बहुत मददगार रहा है। और मैं  बैडमिंटन खेलती हूँ। पर मैं कोई अन्य दवा नहीं लेती।

क्या भावनात्मक रूप से अपनी स्थिति का सामना करना कठिन रहा है?

मैंने कई बार टूटा सा महसूस करा है और कई रात सो नहीं पाई हूँ, लेकिन मुझे अपनी बेटियों के लिए अपनी ताकत बनाए रखनी थी। कभी-कभी मैं केवल अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए लोगों की टिप्पणियों के प्रति कठोर और असंवेदनशील हो जाती हूं। कुछ दिन ऐसे होते हैं जब मेरा दिमाग बस सब काम रोक देना चाहता है और चुप्पी चाहता है। मैं तब कुछ विराम ले लेती हूं। मुझे पता है कि मेरे दोस्त मुझे ऐसे दिनों में शायद बोझ समझें, लेकिन मुझे सच में इस की परवाह नहीं है। मुझे अपनी ताकत फिर से बनाने के लिए इस तरह के अवकाश (ब्रेक)  की जरूरत है। मुझे लगता है कि बस नीचा महसूस करने के इस पल को बीत जाने देना और कोई प्रतिक्रिया न करना स्ट्रोक से ठीक होने के लिए एक जादूई तरीका रहा है।

आपके परिवार ने आपको कैसे सपोर्ट किया है?

दिल खोल कर, प्रचुर् मात्रा में। मेरे पति और मेरी बड़ी बेटी ने मुझे पूरा सहारा दिया किया, मुझ पर विश्वास रखा और मैं अपने ठीक होने और अपनी छोटी बेटी के ठीक से विकास होने का श्रेय उनके समर्थन को देती हूं। मेरे माता-पिता ने मुझे आवश्यक भावनात्मक समर्थन दिया और मेरे सभी रिश्तेदार और पड़ोसी भी सहायक थे। मेरे डॉक्टर, विशेष रूप से मेरी ओब-जीन (प्रसूति एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉक्टर) डॉ। वहीधा सुरेश समर्थन के स्तंभ रहे हैं और मेरे न्यूरोलॉजिस्ट डॉ शनमुगसुंदरम ने ठीक होने की प्रक्रिया में मेरा बहुत अच्छा मार्गदर्शन किया है। मैं अपने फिजियोथेरेपिस्ट, बाल रोग विशेषज्ञ और उन नर्सों की भी आभारी हूं जिन्होंने मेरी सहायता की। वे बहुत सकारात्मक थे और इससे मुझे ठीक होने की प्रक्रिया में मदद मिली।

क्या कोई ऐसा व्यक्तिगत किस्सा है जिसे आप हमारे साथ साझा करना चाहेंगी?

स्ट्रोक के बाद आपको अपने जीवन में एकदम पहली सीढ़ी से फिर से शुरुआत करनी पड़ सकती है लेकिन इस अनुभव से मिली सीख ने मुझे बेशक एक बेहतर इंसान बनाया है। मैं इस बात पर चिंतन करती हूं कि स्ट्रोक से पहले मैंने अपने शारीरिक और मानसिक क्षमता को कैसे हल्के में लिया था, मानो ये तो मेरे साथ हमेशा होगी। स्ट्रोक से मुझे एहसास हुआ कि मेरे जीवन का एक उद्देश्य है और बदले में कुछ भी उम्मीद किए बिना मुझे उस पर काम करना है। मैंने यह समझा है कि मेरे मन की शक्ति मेरे शरीर से अधिक ताकतवर है, और इंसान की इच्छा-शक्ति उसके जीवन में चमत्कार कर सकती है। मैं हाल ही में कुछ सहायता समूहों में शामिल हुई हूँ और प्रत्येक समूह से सचमुच जुड़ी हूँ, और मैंने यह समझ पाई हूँ कि मैं अकेली नहीं हूं। इन अनुभवों ने मुझे जीवन जीने और हर दिन पूर्णता की ओर प्रयास करने में मदद की है।

 

 

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