Skip to main content
Submitted by Dr S. Patel on 7 July 2023
A pic of a plane midflight and overlay of the text Travel tips for Cancer patients

कैंसर रोगी और उत्तरजीवी (सर्वाईवर) यात्रा कर सकते हैं, पर उन्हें कुछ ख़ास बातों का ख़याल रखना चाहिए। इस लेख में इस के लिए डॉ. शीतल पटेल से कुछ सुझाव हैं और उर्वी सबनीस, नंदिता मुरलीधर और मोना चौधरी (सभी कैंसर उत्तरजीवी / सर्वाईवर) का बहुमूल्य योगदान भी शामिल है।

कैंसर रोगी को किसी भी यात्रा को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सहमति ज़रूर प्राप्त कर लेनी चाहिए। यात्रा का कार्यक्रम ऐसा बनाएं ताकि आप यात्रा के कारण अपने किसी भी टेस्ट या फॉलो-उप अपॉइंटमेंट से न चूकें। यात्रा करने के लिए ध्यान रहे कि आप फिट और स्वस्थ महसूस कर रहे हों। छोटी यात्राओं के साथ शुरुआत करें। अकेली यात्रा तभी करें जब आप शारीरिक रूप से ठीक महसूस कर रहे हैं।

यदि आप अकेले, बिना किसी साथी के यात्रा कर रहे हैं, तो पहले से ठीक योजना बनाएं और ठहरने की बुकिंग ऐसे करें ताकि आपको किसी एकांत, निर्जन जगह में न रहना हो।

यदि आप किसी ऊंचाई वाले स्थान पर जा रहे हैं, तो ध्यान रहे कि आप यात्रा से पहले वाली रात अच्छी तरह पानी पियें, और ऐसी अच्छी तरह से पानी पीने की क्रिया अपनी पूरी यात्रा के दौरान जारी रखें। ऐसा करने से “हाई आल्टिट्यूट सिकनेस” (अधिक ऊंचाई के कारण हुई बीमारी) से निपटने में मदद मिलती है। यदि आप थोड़ा भी विचलित महसूस करना शुरू करें, तो तुरंत कम ऊंचाई वाली जगह पर जाएं।

हमने कुछ कैंसर रोगियों से यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातों के बारे में बात की। नीचे पेश है उनकी सलाह।

पेय

पानी सबसे अच्छा पेय है! खुद को हाइड्रेट रखें। बार-बार पानी मांगें... प्यास महसूस करने का इंतजार न करें। पानी की एक बोतल हमेशा अपने पास रखें ताकि उस से नियमित रूप से घूँट ले सकें। आदर्श रूप से, उबला हुआ पानी पीना सबसे अच्छा है क्योंकि उबालने पर पानी में मौजूद सभी सूक्ष्म जीव मर जाते हैं। यदि उबला हुआ पानी उपलब्ध नहीं है, तो केवल बोतलबंद पानी लें और सुनिश्चित करें कि यह किसी प्रतिष्ठित ब्रांड का है और आपको ठीक से सील की हुई बोतल मिली है।

पानी के अलावा, ऐसे गर्म पेय (चाय, कॉफी, गरम चॉकलेट आदि) चुनें जो उबले हुए हों ताकि वे अधिक सुरक्षित हों। ताजे फलों के रस से बचें क्योंकि अगर फल अच्छी तरह से नहीं धोए गए हों तो उनका रस गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इन्फेक्शन (पेट में संक्रमण) का कारण बन सकते हैं। लस्सी या छाछ पौष्टिक पेय हैं, पर ध्यान रहे ये किसी साफ़, भरोसेमंद जगह से लिए गए हों।

ध्यान रखें कि पैकेज्ड ड्रिंक्स में बहुत अधिक मात्रा में छिपी हुई चीनी और कैलोरी होती है।

भोजन

यात्रा के दौरान सिर्फ किसी साफ़-सुथरे होटल से ताजा पका हुआ गर्म भोजन ही खाएं। सड़क के किनारे वाले या कच्चे या बिना पके खाद्य पदार्थ से बचें - जैसे फल या सब्जी का सलाद, सुशी आदि - ऐसे खाद्य पदार्थ दूषित हो सकते हैं। सभी फलों को खाने से पहले अच्छी तरह से ज़रूर धो लें। चूंकि कैंसर वाले व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर होती है, व्यक्ति को संक्रमण का अधिक ख़तरा होता है - इसलिए यदि संभव हो तो घर का बना खाना साथ रखें ताकि बाहर का खाना न लेना पड़े।

यदि आप किसी होटल में ठहरे हैं, तो कोई ऐसी स्थानीय सुपरमार्केट खोजें जहाँ आप आसानी से नाश्ते के लिए फल और खाद्य पदार्थ खरीद सकें। इस तरह आप उन खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं जिन्हें बाहर खाना शायद सुरक्षित न हो - जैसे कि दही, दूध, अपनी पसंद के फल - और आप जल्दी से सैंडविच या सलाद भी बना सकते हैं।

याद रखें कि पैकेज्ड फूड में मौजूद नमक, चीनी और वसा अधिक हो सकता है, इसलिए लेबल को ध्यान से पढ़ें।

अगर आपको मधुमेह भी है तो कृपया अपने हैंडबैग में हमेशा कोई टॉफ़ी या अन्य मीठी चीज़ जरूर रखें। यात्रा के दौरान रक्त शर्करा का बहुत कम होना उसके बढ़ जाने से अधिक खतरनाक होता है।

Related Reading: Diabetes and Travel

धूप से सुरक्षा

सूरज की सीधी किरणों से खुद को बचाने के लिए धूप में निकलते समय छतरी, टोपी या दुपट्टे का इस्तेमाल करें। कैंसर थेरेपी के बाद, बालों का झड़ना और त्वचा की प्रतिक्रियाएं आम दुष्प्रभाव हैं और ये धूप में अधिक बिगड़ सकते हैं। यात्रा बुक करने से पहले मौसम कैसा होगा, यह पता चला लें, ताकि आप उसके अनुसार सामान बाँध सकें।

यदि आपको कीमो के कारण परिधीय न्यूरोपैथी (कीमो इंड्यूस्ड पेरिफेरल न्यूरोपैथी) है, तो आपको मौसम परिवर्तन के लिए तैयार रहने की आवश्यकता हो सकती है - विशेष रूप से हवा और ठंड। मोज़े, दस्ताने और अतिरिक्त ऊनी कपड़े अपने साथ ज़रूर रखें।

आवश्यक सहायक उपकरण

ऐसी सभी चीज़ें जरूर साथ रखें जिनकी आपको अपनी विशेष आवश्यकताओं के लिए जरूरत हो सकती है। कुछ कैंसर रोगियों के पास कुछ ऐसे विशिष्ट उपकरण हो सकते हैं जो आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं। अच्छा होगा यदि आप रोजमर्रा और इमरजेंसी के लिए जरूरी उपकरणों की सूची बनाएं और इन्हें अपने सामान में पैक करें। यदि आप किसी कृत्रिम अंग का उपयोग कर रहे हैं, तो उसके आवश्यक सफाई उत्पाद जरूर रखें और हो सके तो रिप्लेसमेंट के लिए अतिरिक्त जोड़े भी साथ रखें। यदि आप किसी विशेष उत्पाद का उपयोग कर रहे हैं, तो उसके अतिरिक्त उत्पाद भी लें या उत्पाद का बड़ा पैक ले जाएं ताकि यात्रा के दौरान उत्पाद ख़त्म न हो।

यदि स्तन कैंसर के कारण आपके नोड हटा दिए गए हैं, तो हवाई यात्रा करते समय कम्प्रेशन गारमेंट (संपीड़न परिधान) पहनें। यदि ओवेरियन (डिम्बग्रंथि) कैंसर के कारण आपके नोड्स हटा दिए गए हैं, तो हवाई यात्रा करते समय अच्छी गुणवत्ता वाले कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स पहनें। इससे लिम्फेडेमा होने का खतरा कम होगा।

यदि आपको चलने-फिरने के लिए किसी प्रकार के सहायक उपकरण की आवश्यकता है (जैसे कि छड़ी, व्हीलचेयर, विशेष जूते आदि) तो सुनिश्चित करें कि आपने अपने एयरलाइंस, ट्रेन, बस आदि को पहले से इस के बारे में सूचित किया है। कुछ जगहों पर ज्यादा लम्बा चलने की जरूरत हो सकती है - जैसे हवाई अड्डे, मॉल, पर्यटन क्षेत्र, पार्क इत्यादि। ऐसे में आप अपनी व्हीलचेयर साथ ले जाएँ या वहां व्हीलचेयर मांगें। व्हीलचेयर मांगने में संकोच न करें। थक जाने पर बैठ जाएँ। चप्पल या सैंडल के बजाय आरामदायक जूते पहनें। अपने स्वास्थ्य से समझौता न करें, चाहे आप एक दो पर्यटक स्थल न जा पायें।

दवाएं

यात्रा की पूरी अवधि के लिए अपनी सभी दवाएं साथ ले जाएँ, साथ ही कुछ अतिरिक्त दवा भी रखें ताकि अगर यात्रा की अवधि खिंच जाए और अधिक दिन बाहर रहना पड़े तब भी आपके पास दवा उपलब्ध हो। अपने नुस्खे की एक प्रति साथ जरूर रखें ताकि आप वहां दवा खरीद सकें। रोज के निर्धारित दवाओं (सप्लीमेंट्स सहित) के साथ, ऐसी दवाएं भी ले जाएं जिनकी आपको साइड-इफ़ेक्ट (दुष्प्रभाव) के लिए जरूरत हो सकती है - जैसे कि उल्टी, मतली, त्वचा की संवेदनशीलता, दस्त, कमजोरी, नींद न आना, दर्द, पेट खराब होने के लिए दवाएं ।

स्वच्छता

अपने पास हर समय सैनिटाइजर रखें और इसका भरपूर इस्तेमाल करें। भोजन से पहले और सतहों के संपर्क में आने के बाद जब भी संभव हो अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं। पानी न मिले तो दरवाजे के हैंडल, व्यक्तिगत सामान आदि को साफ करने के लिए वेट वाइप्स बहुत अच्छे होते हैं।

इमरजेंसी किट (आपातकाल के लिए)

इमरजेंसी के लिए तैयार रहें! अपनी दवाओं की सूची, इलाज करने वाले डॉक्टर के नाम और आपातकाल के लिए संपर्क सूची (जिसमें करीबी रिश्तेदार आदि का नाम और फ़ोन नंबर हों), और एक फर्स्ट ऐड किट (प्राथमिक चिकित्सा किट) हमेशा अपने साथ रखें। एक छोटे कार्ड पर अपना नाम, ब्लड ग्रुप, संपर्क और परिजनों के नंबर लिखें और इसे अपने बैग पर छिपाएं या खुद जेब या पर्स में रखें ताकि यह हमेशा आसान से मिल पाए। महत्वपूर्ण कागजों की जेरोक्स कॉपी के सेट अपने हर सूटकेस/ बैग में हमेशा रखें।

किसी नए शहर में जा रहे हों तो अपने ठहरने की जगह के आस-पास के अस्पतालों और इमरजेंसी क्लीनिकों का पता चला लें। अपने मेजबान को अपनी ऐसी सभी एलर्जी और अन्य मुद्दों के बारे में सूचित करें जिनके कारण आपको तत्काल डॉक्टर या अस्पताल की आवश्यकता पड़ सकती है। अपने प्रियजनों से संपर्क बनाए रखें और यात्रा के प्लान में किसी भी बदलाव के बारे में उन्हें तुरंत बताते रहें।

यदि आप कोई अन्य सुझाव है साझा करना चाहते हैं, तो हम से इस लिंक द्वारा संपर्क करें

Changed
07/Jul/2023
Community

Stories

  • Don't Miss: Breast Cancer Awarness Month Webinar Series
    October is Breast Cancer Awareness Month and PatientsEngage has planned a series of webinars on a wide ranging set of topics from fitness after breast cancer to body image to dealing with hormone therapy. Please share so that it reaches breast cancer patients and survivors. The effects of treatment of breast cancer can permanently alter a woman's relationship with her body and her self. While everyone talks of hair loss, what people don't talk about how they feel about scarred breasts,…
  • Online Pain Management during Covid-19
    While teleconsultation has immense benefits, it can be limiting for patients with chronic pain where a physical examination may be necessary to reach correct diagnosis, avers Dr Mary Abraham, Pain & Palliative Care Specialist. The year 2020 has been the year of the SARS Covid-19 pandemic. It has been and still is an unprecedented situation that has transformed the lives of people all over the world. Besides the physical suffering it has inflicted, it has also affected the emotional, social…
  • Upcoming Webinar: How To Talk To Your Child About A Cancer Diagnosis
    Talking to your children about cancer is particularly challenging when the child is a toddler, a young teen or he/she is in a different city or overseas. Join us as we discuss this complex topic on how to handle this discussion at various stages - diagnosis, treatment discussions, symptoms and side effects and prognosis Our panelists are: Dr. Brindha Sitaram, Head Psycho-oncology @HCG Cancer Centre Cancer survivors: Jyoti Lalani and Rucha Ambe WHEN: Aug 19, 2020 05:00 PM India TOPIC: Talking To…
  • Reading Through My Life And Cancer
    Breast cancer survivor, a passionate patient advocate and a lover of books, Rama Sivaram writes about her love for books and how her choice of reading changed over the years and supported her through her cancer journey.   Initial Reads My Amma and Nayana (dad) gave me the love of books when I was barely 3years old, not that I could read, but they would read. They read out Tenalirama, Rudramma, Krishna Sudama, Krishna and Narasimha in Telugu. By 5 I was in an English school and my…
  • A woman a bladder cancer survivor in a grey hoodie sitting on a wooden swing
    My Biggest Challenge Was Getting Used to A Urinary Pouch and Stoma Bag
    When Shraddha Shah, 63 from Ahmedabad was diagnosed with bladder cancer, she was single mindedly focussed on getting through the treatment and getting better.  But the biggest challenge was yet to come. Read on to appreciate her journey and challenges.    The Diagnosis The year was 2014. I work from home as an Aromatherapist but I had started feeling listless and didn’t want to do any work. I would shrug to get out of bed every morning and generally had low mood all day. In…
  • I Had Kidney Failure, Kidney Transplant And Then Cancer
    Rahul Supekar, 42 first had a kidney failure and then cancer of the intestine. He shares his travails, the lifestyle changes he has made and his advice to other patients struggling to cope with their conditions.   I was diagnosed with chronic kidney disease in 2005 which resulted into kidney failure in 2011. I did hemodialysis for a couple of years before I was allotted a cadaver kidney in January 2013. I thought this is end of my problems but that was the beginning. One of the anti-…
  • How To Deal With Comorbidities And Be Prepared To Re-open With Covid-19
    A handy list of resources for living with the coronavirus and managing your chronic conditions. Just look for your condition below. If you don't find what you are looking for, please leave a comment and we will get back to you.     We must live with Covid-19 pandemic for a while. For people with chronic conditions like diabetes, hypertension, chronic kidney disease, rheumatic conditions, pulmonary conditions, it is even more essential to manage these conditions better. For e.g. a…
  • कैंसर का सामना कर रहे बच्चों की मदद करना
    कैंसर रोगी और उनकी देखभाल करने वालों की भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक पीड़ा को कम करने में साइको-ऑन्कोलॉजी ने बहुत मदद की है। इस लेख में टाटा मेमोरियल अस्पताल में साइकोऑन्कोलॉजिस्ट सविता गोस्वामी ने कैंसरग्रस्त बच्चों की देखभाल में इस्तेमाल होने वाली कई तकनीकों के बारे में बात कर रही हैं। हाल ही के वर्षों में कैंसर संबंधी बाल चिकित्सा में मनोसामाजिक प्रयासों को जोड़ने पर ध्यान दिया जा रहा है।इन प्रयासों में क्या-क्या शामिल है? पिछले  दो दशकों से कैंसर से पीड़ित बच्चों, उनके परिवार वालों और…
  • टीयर 2 शहरों में भी स्तन कैंसर का सही उपचार उपलब्ध है
    लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के प्रमुखएवं प्रोफेसर डॉ. आनंद मिश्राने लखनऊ में स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए स्तन कैंसर के सरवाइवर के लिए एक रैंप वॉक का आयोजन किया था जिसमें पुरूष भी शामिल थे। इस इंटरव्यू में पढ़ें इस रैंप वॉक के बारे में और भविष्य की योजनाओं के बारे में उनके विचार। कृपया स्तन कैंसर के मरीजों के संदर्भ में अपनी यात्रा के बारे में बताएं। स्तन कैंसर पर मैं बहुत सालों से काम कर रहा हूं। यह सफ़र तब शुरू हुआ जब मैं लखनऊ के संजय…
  • How to manage cancer and chemotherapy during covid 19
    Managing Cancer During Covid19 Lockdown - A webinar
    On 27th March, 2020 PatientsEngage spoke with Dr. Vinay Deshmane,  Consultant in Surgical Oncology & Breast Diseases and Medical Director and Jnt. Hon secretary of the Indian Cancer Society on the challenges faced by cancer patients during the lockdown period.   Here are the key points from the webinar. Click here to listen to the entire webinar.       Cancer treatment should be continued in consultation with your Oncologist because cessation of…