Skip to main content
Submitted by PatientsEngage on 28 January 2020

उच्च रक्तचाप को मैनेज करना स्वस्थ बने रहने का एक महत्वपूर्ण पहलू है। उच्च रक्तचाप कई समस्याओं को जन्म दे सकता है - गुर्दे की बीमारी, हृदय रोग, हृद्वाहिका (कार्डियोवैस्कुलर) रोग, वगैरह । इस लेख में हम रक्तचाप के नियंत्रण संबंधी सवालों पर चर्चा कर रहे हैं - जैसे, क्या खाएं? कितना नमक सही है? क्या शराब पीना ठीक है? विटामिन डी का इससे क्या लेना-देना है? इत्यादि।

1.   रक्तचाप को ऊंचा कब माना जाता है?

120/80 mmHg रक्तचाप को सामान्य माना जाता है। 140/90 mmHg या इससे अधिक होने पर रक्तचाप को “उच्च रक्तचाप” या हाइपरटेंशन माना जाता है। यदि आपके रक्तचाप का स्तर 120/80 mmHg और 139/89 mmHg के बीच है तो आपको पूर्व-उच्च रक्तचाप या प्री-हाइपरटेंशन है। इसका मतलब है कि अभी आपको उच्च रक्तचाप नहीं है लेकिन भविष्य में होने की संभावना है।

Read in English: 10 Clear Tips To Manage High Blood Pressure

2.   वे दो संख्याएँ क्या इंगित करती हैं?

पहले लिखी जाने वाली संख्या सिस्टोलिक या प्रकुंचन दाब है और यह बताती है कि हृदय की धड़कन से धमनियों में रक्त कितने जोर से बह रहा है। दूसरी संख्या डायस्टोलिक या अनुशिथिलक दाब है - इससे यह पता चलता है कि दो धड़कनों के बीच हृदय जब आराम करता है, उस दौरान धमनियों में रक्तचाप कितना है।

3.   उच्च रक्तचाप का क्या कारण है?

उच्च रक्तचाप के कई कारण हैं, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ उच्च रक्तचाप की संभावना बढ़ जाती है। व्यायाम की कमी, खराब डाइट, मोटापा, शराब का सेवन और धूम्रपान जैसे जीवनशैली कारक भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं।

उच्च रक्तचाप नीचे दिए गए किसी भी कारण से हो सकता है:

  • धमनियों का सिकुड़ना
  • रक्त की सामान्य से अधिक मात्रा
  • दिल की धड़कन का तेज होना या सामान्य से अधिक बलपूर्वक होना

इनमें से किसी भी स्थिति के कारण धमनी की दीवारों पर दबाव पड़ सकता है। उच्च रक्तचाप अन्य चिकित्सीय कारणों से भी हो सकता है।

4.   उच्च रक्तचाप से किस तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं?

उच्च रक्तचाप इसलिए ख़तरनाक है क्योंकि यह दिल को कठिन परिश्रम करने के लिए मजबूर करता है।

यह निम्नलिखित का कारण बन सकता है:

  • आर्थेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का सख्त होना)
  • दिल की बीमारी
  • स्ट्रोक
  • गुर्दे की बीमारी
  • दृष्टिहीनता

5.   आप कैसे जान सकते हैं कि आपको उच्च रक्तचाप है?

अक्सर इसके कोई लक्षण नहीं होते हैं। इसलिए, 40 वर्ष की आयु के बाद समय-समय पर इसकी जाँच करवानी ज़रूरी है। अगर आपके परिवार के किसी सदस्य को उच्च रक्तचाप रह चुका है, तो नियमित जांच 40 से कम उम्र में शुरुर कर दें।

6.   क्या सिरदर्द उच्च रक्तचाप का संकेत है?

बहुत ऊंचा रक्तचाप निम्न लक्षणों का कारण बन सकता है:

  • भयानक सिरदर्द
  • थकान या भ्रम
  • दृष्टि में कठिनाई
  • छाती में दर्द
  • सांस लेने में तकलीफ
  • दिल की धड़कन अनियमित होना
  • पेशाब में खून आना
  • छाती, गर्दन या कानों का जोर से और तेजी से धमधमाना

अगर आपमें इन में से कोई भी लक्षण नज़र आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

7.   क्या आपको उच्च रक्तचाप होने का ख़तरा है?

आप इनमें से कितने बॉक्स को टिक करते हैं, देखें।

  • उम्र और लिंग: उच्च रक्तचाप की संभावना उम्र के साथ बढ़ जाती है। इसका ख़तरा पुरुषों में 45 वर्ष की आयु के बाद और महिलाओं में 55 वर्ष की आयु के बाद बढ़ जाता है।
  • पारिवारिक इतिहास: उच्च रक्तचाप के पारिवारिक इतिहास वाले व्यक्ति में उच्च रक्तचाप का जोखिम उस व्यक्ति से ज्यादा होता है जिसका उच्च रक्तचाप का कोई पारिवारिक इतिहास नहीं होता है। पर अभी इस पहलू पर शोध जारी है।
  • धूम्रपान: धूम्रपान से उच्च रक्तचाप का खतरा ख़ास तौर से बढ़ता है।
  • गतिविधि स्तर: कम व्यायाम या व्यायाम बिलकुल ही न करने से दिल कमज़ोर होता है और मोटापे का खतरा बढ़ता है। यह उच्च रक्तचाप में योगदान देता है।
  • आहार: खाने में बहुत अधिक नमक (सोडियम) और बहुत कम पोटेशियम होने से उच्च रक्तचाप के जोखिम बढ़ सकता हैं। सोडियम और पोटेशियम कोशिकाओं के द्रव संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
  • तनाव: बहुत अधिक भावनात्मक तनाव से रक्तचाप में अस्थायी लेकिन तेज वृद्धि हो सकती है। दीर्घकालीन तनाव के कारण लोग अस्वास्थ्यकर व्यवहार का सहारा ले सकते हैं जैसे ज़रूरत से ज्यादा खाना, धूम्रपान, शराब का सेवन या व्यायाम की कमी। ये उच्च रक्तचाप में योगदान करते हैं। तनाव मुक्त रहना, विश्राम लेना और ध्यान (मैडिटेशन) करना रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं।
  • दवा: गैर-स्टेरोयडल एंटी-इनफ्लेमेटरी दवाएं (जैसे इबुप्रोफेन) गुर्दे को नुकसान पहुँचा सकती हैं, और हृद्पात (ह्रदय का रुक जाना), दिल के दौरे या स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती हैं। इन दवाओं से उच्च रक्तचाप हो सकता है या मौजूदा उच्च रक्तचाप बदतर हो सकता हैं। सर्दी और खांसी की दवाएं धमनियों को संकुचित कर देती हैं जिससे रक्तचाप और हृदय गति में वृद्धि हो सकती है।
  • दीर्घकालीन स्वास्थ्य समस्याएँ: मधुमेह (डायबिटीज), गुर्दे की बीमारी और स्लीप एप्निया जैसी कुछ दीर्घकालीन समस्याएं उच्च रक्तचाप के ख़तरे को बढ़ाती हैं। स्लीप एप्निया और उच्च रक्तचाप के सम्बन्ध का कारण मोटापा माना जाता है।
  • विटामिन डी का निम्न स्तर: आपके शरीर में विटामिन डी बहुत कम हो तो इस के कारण उच्च रक्तचाप हो सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि विटामिन डी गुर्दे द्वारा उत्पादित एक ऐसे एंजाइम को प्रभावित कर सकता है जो हमारे रक्तचाप को प्रभावित करता है।
  • अन्य चिकित्सीय समस्याएं: हार्मोनल असंतुलन, ट्यूमर या अन्य चिकित्सीय समस्याएं भी उच्च रक्तचाप का कारण बन सकती हैं।

8.   आप उच्च रक्तचाप का नियंत्रण कैसे कर सकते हैं?

आपका डॉक्टर दवाएं लिख सकता है। इसके अलावा, आपको अपनी जीवनशैली में निम्नलिखित बदलाव भी लाने चाहियें:

स्वस्थ खाना खाएं

डीऐएसएच (उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए आहार सम्बन्धी पद्धति ) आहार का पालन करें। डीऐएसएच आहार योजना में साबुत अनाज, पोल्ट्री, मछली और नट्स (बादाम अखरोट आदि) शामिल हैं और इसमें नमक, चर्बी, लाल मांस, मिठाई और शक्कर युक्त पेय पदार्थों की मात्रा कम है।

More on DASH Diet in Asian cuisine।
Check out Heart friendly and diabetes friendly recipe book

नमक कम खाएं

वर्तमान में एक दिन में 2.3 ग्राम (2,300 मिलीग्राम) से कम सोडियम के सेवन की सलाह दी जाती है। यह एक दिन में 6 ग्राम (लगभग 1 छोटे चम्मच) नमक के बराबर होता है।

जरूरत पड़ने पर वजन कम करें

अधिक वजन होने से उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है।

नियमित रूप से व्यायाम करें

यह उच्च रक्तचाप को रोकने या नियंत्रित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक है। व्यायाम हृदय रोग के जोखिम को कम करने में भी मदद करता है। हर रोज़ या सप्ताह के अधिकांश दिन 30 मिनट की मध्यम स्तर की गतिविधि से शुरुआत करें। तेज चलना, तैराकी, साइकिल चलाना और बागबानी इसके कुछ उदाहरण हैं। 30 मिनट को 10 मिनट के छोटे अंतराल में बांटा जा सकता है।

शराब का सेवन सीमित करें

बहुत अधिक शराब पीने से रक्तचाप बढ़ सकता है। यह यकृत (जिगर या लीवर), मस्तिष्क और हृदय को भी नुकसान पहुंचा सकता है। मादक पेय में ज्यादा कैलोरी होती हैं और यह वजन कम करने में बाधा डाल सकती है। यदि आप उच्च रक्तचाप का प्रबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं तो मध्यम मात्रा पीएं या कुछ न पीएं। मध्यम मात्रा में पीने का अर्थ है महिलाओं के लिए एक दिन में एक पेय और पुरुषों के लिए एक दिन में दो पेय। पेय किसे माना जाता है?

  • बीयर के 12 आउन्स (नियमित या हल्का, 150 कैलोरी) या
  • शराब के 5 आउन्स (100 कैलोरी) या
  • 80-प्रूफ व्हिस्की के डेढ़ आउन्स (100 कैलोरी)

धूम्रपान

धूम्रपान रक्त वाहिकाओं की दीवारों को हानिपहुँचाता है और धमनियों के सख्त होने की प्रक्रिया को तेज कर देता है। फिल्टर्ड सिगरेट से भी नुकसान होता है। इसलिए भले ही धूम्रपान उच्च रक्तचाप का कारण न हो लेकिन धूम्रपान सभी लोगों लिए बुरा है, विशेष रूप से उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए।

तनाव कम करें

तनाव रक्तचाप को बढ़ाता है इसलिए तनाव को कम करने वाली गतिविधियां करें।

ई बुक डाउनलोड करें: उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) के लिए योग   

(आपको रजिस्टर (फ्री) करना पड़ेगा)

9.   डॉक्टर किस प्रकार की दवा लिखेंगे?

आपके डॉक्टर इन प्रकार की दवाएं लिख सकते हैं:

मूत्रवर्धक या डायूरेक्तिक - इन्हें 'पानी की गोलियाँ' कहा जाता है क्योंकि ये दवाएं गुर्दे पर काम करती हैं और शरीर से अतिरिक्त पानी और सोडियम को निकाल देती हैं।

बीटा-ब्लॉकर्स - ये हृदय और रक्त वाहिकाओं की ओर जाने वाली तंत्रिका आवेगों को कम करते हैं। इससे हृदय की धड़कन धीमी हो जाती है और जोर कम हो जाता है।

एंजियोटेंसिन परिवर्तित एंजाइम (एसीई) अवरोधक - ये रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण बनाने वाले एनजोटेन्सिन-II नामक हार्मोन के गठन को रोकते हैं।

एंजियोटेंसिन प्रतिपक्षी - यह रक्त वाहिकाओं को एंजियोटेंसिन II से बचाता है जिससे वाहिकाएं चौड़ी हो जाती हैं और रक्तचाप कम हो जाता है।

कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (सीसीबी) - यह कैल्शियम को हृदय की मांसपेशी और रक्त वाहिकाओं में प्रवेश करने से रोकता है।

अल्फा -ब्लॉकर्स - यह रक्त वाहिकाओं की ओर जाने वाली तंत्रिका आवेगों को कम करता है।

अल्फा - बीटा ब्लॉकर्स - यह दिल की धड़कन को धीमा कर देता है ताकि रक्त वाहिका कम रक्त संचारित करे जिससे रक्तचाप कम होता है।

तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) अवरोधक - यह दवाएं तंत्रिका आवेगों को नियंत्रित करके रक्त वाहिकाओं को रिलैक्स करती हैं।

वासोडायलेटर्स - ये दवाएं रक्त वाहिका की दीवारों के मांसपेशियों को रिलैक्स करके रक्त वाहिकाओं को खोल देती हैं।

10.   क्या इन दवाओं के दुष्प्रभाव हैं?

सभी दवाओं के दुष्प्रभाव होते हैं। अगर आपका रक्तचाप बहुत कम हो जाए तो आपको चक्कर आ सकते हैं।

अन्य दुष्प्रभावों में शामिल हैं:

  • मूत्रवर्धक दवा (डायूरेक्तिक) पेशाब बढ़ा देते हैं जिससे रक्त्त में पोटेशियम की मात्रा कम हो सकती है।
  • एसीई अवरोधक के कारण सूखी खांसी हो सकती है; यह दवा रक्त में पोटेशियम के स्तर को बढ़ाती है।
  • कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स के कारण हृदय गति कम हो सकती है, कब्ज हो सकता है और एड़ियों में सूजन हो सकता है।
  • बीटा ब्लॉकर्स उनींदापन का कारण बन सकते हैं।

अपने चिकित्सक के साथ दवाओं पर चर्चा जरूर करें।

Stories

  • Divya Parashar as she looks today
    It Takes A Lot Of Hard Work To Keep The Kilos Away
    Dr Divya Parashar, Head of Rehabilitation Psychology, Indian Spinal Injuries Centre, New Delhi, shares about her own battle with weight issues and how her loss of the extra kilos also invited flak. This is me, 12 years ago, when we were packing to return to India, and a few months after I had just turned 30 and started on a journey to regain my health by losing a whole lot of weight. Weight that was playing host to a few medical conditions: PCOD, Metabolic syndrome, high blood pressure, pre-…
  • partial image of a woman holding her neck indicating a thyroid problem
    My Medication Caused Bone Health Deterioration
    Parul, 48 from Mumbai talks about tackling hypothyroidism in her own way, accompanied by food cravings and a debilitating bone health. Please tell us a bit about your condition  I have hypothyroidism. I need to take Eltroxin every day When were you diagnosed? I was diagnosed in 1995, 3 months after the birth of my first child. I was around 25 years old at the time. What were the early symptoms? I noticed a small swelling around my neck area one day and decided to get it checked. Initially…
  • Image of a jar of water with cucumber and mint. Risk of Dehydration in Winter
    Are You Drinking Enough Water in Winter?
    People often fail to recognize the significant dangers of dehydration in winter, dismissing it as a health concern of hot, summer months. Dr Shital Raval corrects this common misconception and advocates why water is crucial even during the cold weather to stay energized. Dehydration is a hidden threat in the months of winter when many people forget to drink as much water as they do in hot summer months. This is a common psychological mistake as we easily forget about hydration in the cold…
  • Roasted Methi Chicken - Diabetes and Heart Friendly Recipe
    A healthy and tasty protein rich, low fat recipe good for everyone - especially people with diabetes contributed by Diabetes Awareness and You Ingredients: Chicken (Boneless): 50 gms Sour curd : 50 gms Ginger: 1 teaspoon (Paste) Garlic: 1 teaspoon (Paste) Green chillies: 1 teaspoon (Paste) Salt to taste Methi saag: 20 gms (Paste) Oil: For Brushing 1 teaspoon 2.5 ml Cabbage Leaf: 1 big piece Lime Juice: 1 teaspoon (Juice) Procedure: 1. Wash Chicken Properly 2. Marinate with all the ingredients…
  • Why We Stopped Our Vegan Diet after 6 Months
    Jayesh Shah and his wife enthusiastically turned vegan with the hope of bringing down their cholesterol and diabetes levels. So why did they need to stop the diet?  Read their experience. In the month of October 2016, my wife and I attended a Wellness programme conducted by a “Health and Wellness Coach”. Both of us are 50+ and are suffering from High Cholesterol levels and Diabetes respectively. The promise of the programme was that these would be brought to normal levels without…
  • Moong Dal Dosa - A Healthy Snack Option
    Moong dal is a great source of protein, vitamins and dietary fiber. Moong Dal Dosa or Pesarattu is also low in sodium, saturated fat and cholesterol making a very healthy snack option for people with diabetes, high cholesterol and high blood pressure. Perfect for an after school snack for young children too. Ingredients: 1 cup whole green moong dal 1 tbsp urad dal 2 tbsp yoghurt 3-4 tbsp water Salt to taste (add minimal or no salt to the recipe) 2 green chilies (optional) हिंदी में पढ़ें…
  • Cardiac Rehab Helped me get my Life Back
    Cardiac rehabilitation is extremely beneficial and life-changing for strengthening the heart post-surgery, valve replacement or heart failure. Mr Shrikant Shah, 71, recounts his experience with the cardiac rehab program and how he can climb stairs now without running out of breath. I am a heart patient of many years. I have a history of cardiovascular diseases in our family. Recently, after a heart attack I had a bypass surgery and aortic valve replacement, a minimally invasive procedure.…
  • First-Aid for Cardiac Arrest
    Out-of-hospital cardiac arrest (OHCA) is one of the leading causes of death and disability worldwide. Quick and fast intervention helps. Dr. Shital Raval recommends first aid tips for cardiac arrest. Sudden cardiac arrest occurs when the heart stops beating suddenly commonly due to some electrical malfunction. The victim becomes unresponsive, unconscious with no signs of breathing or movement. Death can occur within minutes as blood stops flowing to the lungs, brain and other…
  • Image of Papads or Popaddams to show an unhealthy snack
    4 Popular Unhealthy Snacks You Really Should Limit
    Meenu Agarwal, a clinical dietitian and nutritionist based in Singapore, advises on controlling consumption of junk food to stay fit and free from ailments like diabetes, cholesterol, acidity, hypertension and other complications and offers healthier options. Junk food is defined as “any food, which is low in essential nutrients and high in everything else - calories and sodium". Junk foods contain little or no proteins, vitamins or minerals but are rich in salt, sugar, fats and are high in…
  • A woman outdoors in tights and running shoes holding her calf
    Leg Cramps - Causes and Prevention Tips
    Do you sometimes get sudden cramps in your calf or toe muscles? Dr. Shital Raval explains the causes and tips to get rid of leg cramps and to prevent them  Leg cramps or Charley horse (term used mainly in Canada and the US) is a common but harmless condition experienced by most individuals. These are sudden painful contractions of the leg muscles often in the calf area. They can last for seconds to a few minutes and rarely last more than 10 minutes. हिंदी में पढ़ें: पैर में ऐंठन -…