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Submitted by PatientsEngage on 8 March 2021

आगा खान हेल्थ सर्विसेज इंडिया में कम्युनिटी हेल्थ एंड रिसर्च की डायरेक्टर, डॉ। स्वाति झा कुछ ऐसे सामान्य सवालों के जवाब देती हैं जो लोग टीकाकरण (वैक्सिनेशन) के बारे में पूछ रहे हैं, विशेष रूप से वे लोग जिन्हें पहले से ही एक या अधिक गंभीर रोग हैं (कोमॉर्बिडिटी, सह-रुग्णता)। इसके अतिरिक्त, देखें एक उपयोगी चित्र जो डॉ। दीपक कृष्णमूर्ति, सकरा वर्ल्ड हॉस्पिटल, बैंगलोर में वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट ने ट्विटर पर साझा की है

क्योंकि कोविड महामारी (पैनडेमिक) रुकने का नाम ही नहीं ले रही और विश्व में और भारत के कई हिस्सों में इस से संक्रमित लोगों की संख्या फिर बढ़ने लगी है, इसलिए लोगों का मूड गंभीर है। हमारे बच्चों ने अपने शिक्षकों या सहपाठियों को व्यक्तिगत रूप से देखे बिना एक पूरा शैक्षणिक वर्ष पूरा कर लिया है, हमारे वरिष्ठ नागरिक घर तक हे सीमित रह गए हैं, और हम सभी किसी न किसी रूप में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।

दुनिया भर में टीकाकरण अभियान (वैक्सिनेशन ड्राइव) शुरू हो गए हैं। भारत में, जनवरी 16 से  स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन (प्रथम पंक्ति) के कर्मियों का टीकाकरण किया जा रहा है। 1 मार्च से  वैक्सीन को उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के अगले समूह के लिए उपलब्ध करा गया है - 60 साल से ऊपर के सभी वरिष्ठ नागरिक और 45 साल से ऊपर के वे लोग जिन्हें अन्य गंभीर रोग हैं (को-मॉर्बिडिटीज)- शेष आबादी को वैक्सीन इस के बाद उपलब्ध होंगी।

आइए हम वैक्सीन के बारे में अकसर पूछे जाने वाले प्रश्नों पर गौर करें:

वैक्सीन क्या है?

वैक्सीन (टीका) से आपके शरीर को हानिकारक संक्रामक रोगों से बचाने में मदद मिलती है। वैक्सीन लगवाने के बाद, आप के शरीर में, बिना वह रोग हुए, उस रोग के लिए प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। वैक्सीन में आमतौर पर वही रोगाणु या वायरस होते हैं जो उस रोग का कारण होते हैं, लेकिन ये वायरस या तो मारे गए हैं या इतने कमजोर कर दिए गए होते हैं कि वे आपके शरीर को प्रतिरक्षा विकसित कर पाते हैं पर आपको बीमार नहीं बना सकते हैं।

क्या कोविड -19 के लिए कोई वैक्सीन है?

वर्तमान में 50 से अधिक कोविड-19 वैक्सीन पर परीक्षण (ट्रायल ) चल रहे हैं। आज तक कई कोविड -19 टीकों को दुनिया भर के विभिन्न स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति मिली है। हर देश ने तय किया है कि वहां कौन से टीके इस्तेमाल हो सकते है। उदाहरण के लिए, यूएसए में फाइजर / बायोएनटेक वैक्सीन और मॉडर्ना वैक्सीन  को आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति मिली है। भारत में कोविशील्ड और कोवाक्सिन, आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति प्राप्त करने वाले पहले टीके हैं।

भारत में कोविड टीकाकरण का कार्यक्रम क्या है?

कोविड  टीकाकरण अभियान 16 जनवरी, 2021 को शुरू हुआ था। पहले चरण में टीकों को प्राप्त करने वाले स्वास्थ्यकर्मी और प्रथम पंक्ति के कर्मी(फ्रंटलाइन वर्कर्स) हैं। कोविड -19 वैक्सीन प्राप्त करने वाला अगला प्राथमिकता समूह है 60 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्ति और 45 वर्ष से अधिक उम्र के वे लोग जो अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं (को-मॉर्बिडिटीज) - इन रोगों की सूची प्रकाशित की गयी है।

क्या वैक्सीन लेना अनिवार्य है?

नहीं, कोविड -19 वैक्सीन को लेना अनिवार्य नहीं है - यह स्वैच्छिक है। पर यह सलाह दी जाती है कि आप कोविड  वैक्सीन की दोनों खुराक लें ताकि आप कोविड  से बच सकें और अपने आस-पास के लोगों - परिवार के सदस्य, दोस्त, रिश्तेदार और सहकर्मी सहित करीबी संपर्क -  में भी कोविड  के प्रसार को सीमित कर सकें। यदि आप ऐसी श्रेणी में हैं जिन के लिए वर्तमान में वैक्सीन उपलब्ध है, तो आपको अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए टीका लगवाना चाहिए।

मुझे वैक्सीन की कितनी डोज (खुराक) लेनी होंगी और ये किस अंतराल पर लेनी होंगी?

वैक्सीन का आवश्यक क्रम (अनुसूची, शेड्यूल) पूरा करने के लिए वैक्सीन की दो खुराक (डोज) लेनी होती हैं, और इनके बीच 28 दिनों का अंतराल होना चाहिए। दूसरी खुराक पहली खुराक के 12 सप्ताह बाद तक ली जा सकती है। पर भारत में वैक्सीन प्रक्रिया में इसे 28 में लेने की सलाह है।

शरीर में कोविड से लड़ने वाली एंटीबॉडीज कब विकसित होंगी? पहली खुराक लेने के बाद, दूसरी खुराक लेने के बाद, या उसके भी बहुत बाद?

एंटीबॉडी को सुरक्षात्मक स्तर तक विकसित होने के लिए आमतौर पर कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के दो सप्ताह बाद तक का समय लगता है।

यदि किसी को कोविड संक्रमण हो चुका है, तो क्या उसे वैक्सीन लेने की जरूरत है?

हां, यदि व्यक्ति को पहले कोविड संक्रमण होने का इतिहास है, तब भी इस  के बावजूद उस के लिए वैक्सीन का पूरा शेड्यूल (सही अंतराल के साथ दोनों खुराक) प्राप्त करना उचित है। इस से व्यक्ति में कोविड के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित होने में मदद होगी। अपने डॉक्टर से पूछें कि आप को टीकाकरण कब करवाना चाहिए।

यदि वर्तमान में व्यक्ति को कोविड-19 है (या तो इसकी पुष्टि हो चुकी है या यह संदिग्ध है), तो क्या उस को टीका लगाया जा सकता है?

पुष्टि की गई या संदिग्ध कोविड -19 संक्रमण वाले व्यक्ति यदि टीकाकरण केंद्र जायेंगे तो उनकी वजह से दूसरों में संक्रमण होने का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए संक्रमित व्यक्तियों को दूसरों से शारीरिक रूप से अलग-थलग रहना चाहिए और कोविड लक्षण समाधान के बाद, 14 दिनों और रुकने के बाद ही टीका लगवाना चाहिए।

कोविड-19 वैक्सीन से संभावित दुष्प्रभाव (साइड इफ़ेक्ट) क्या हैं?

वैक्सीन सुरक्षित है, यह सिद्ध होने पर ही उसे इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया गया है। जैसा कि अन्य वैक्सीन में भी देखा जाता है, कोविड वैक्सीन से  कुछ व्यक्तियों में सामान्य दुष्प्रभाव होते हैं - जैसे कि हल्का बुखार या इंजेक्शन के स्थान पर दर्द। हर टीकाकरण केंद्र पर कोविड -19 वैक्सीन से संबंधित दुष्प्रभावों से निपटने के लिए उचित व्यवस्थाएं हैं। किन लक्षणों के बारे में सतर्क रहना है, इस के बारे में आपको सूचित किया जाएगा और फॉलो-अप  प्रक्रिया और संसाधनों के बारे में भी बताया जाएगा।

27 फरवरी 2021 तक, भारत में 1.35 करोड़ वैक्सीन की डोस दी गयी हैं, और इन्हें  प्राप्त करने वाले प्रत्येक 10,000 लोगों में से सिर्फ 18 से कम ने दुष्प्रभावों की सूचना दी है। हर दस लाख टीका लगवाने वाले लोगों में से केवल 4 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और यह भरती कराना सब केस में टीकाकरण से सम्बंधित नहीं था।

टीकों के कारण विकसित प्रतिरक्षा कब तक रहेगी? क्या टीके को हर छह महीने/ हर साल दोहराया जाना चाहिए?

कोविड -19 वैक्सीन के बारे में इस पर कुछ कहने के लिए अभी जल्दी है। अनुमान है कि असर 6 महीने से 1 वर्ष तक रह सकता है, या शायद और भी लंबा चले। आने वाले  महीनों में, जैसे-जैसे अधिक रिसर्च होगा और जानकारी उपलब्ध होगी, असर की अवधी भी स्पष्ट होगी और  फिर हम यह बेहतर जान पायेंगे कि बूस्टर खुराक कब लेने की जरूरत होगी।

विशेष रोगी समूह

क्या इन टीकों की सुरक्षा पर आंकड़े उपलब्ध हैं, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिनमें अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ पहले से ही मौजूद हैं या जिनमें प्रतिरक्षण क्षमता कमजोर है (इम्यून कोम्प्रोमाईज़्ड)?

दोनों वैक्सीन निर्माताओं ने यह डाटा प्रकाशित किया है कि किस तरह के लोगों को टीके नहीं दिए जाने चाहिए। उच्च जोखिम वाले समूहों के लोगों को इन निर्देशों का पालन करना चाहिए। ध्यान रहे, कोविड के कारण संभव समस्याएँ वैक्सीन के कारण संभव समस्याओं के मुकाबले में बहुत अधिक है।

यदि कोई कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि बीमारियों की दवा ले रहा है, तो क्या वह कोविड-19 वैक्सीन ले सकता है?

चिरकालिक और गंभीर बीमारियों (जैसे कि हृदय रोग, न्यूरोलॉजिकल, फेफड़ों के रोग, मेटाबॉलिक रोग, गुर्दे के रोग, कैंसर) के इतिहास वाले रोगियों को यह सलाह दी जाती है कि उन्हें टीकाकरण करवाना चाहिए।

पहले से ही एक या अधिक गंभीर रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों को कोविड संक्रमण की उच्च जोखिम श्रेणी में माना जाता है। उन्हें कोविड से सुरक्षा के लिए टीकाकरण कराने की आवश्यकता है। इन गंभीर रोगों से उत्पन्न जटिलताओं से कोविड वैक्सीन की प्रभावकारिता कम नहीं होती है। एंटीडायबिटिक (मधुमेह) दवाएं टीकों की क्रियाओं को प्रभावित नहीं करती हैं।

यदि किसी की प्रतिरक्षा-क्षमता कम है (इम्यून कोम्प्रोमाईज़्ड) या वह इम्यून-सप्रेसेंट दवा ले रहा  है, तो क्या वह वैक्सीन से लाभान्वित होगा? क्या यह वैक्सीन उनके लिए उचित है?

किसी भी स्थिति के कारण यदि किसी व्यक्ति में प्रतिरक्षक क्षमता कम है, उसे एचआईवी है, या वह प्रतिरक्षा-दमन (इम्यून-सप्रेसेंट) दवा ले रहा है, तो उस  में कोविड -19 वैक्सीन कम प्रभावी हो सकती है। फिर भी, सामान्य तौर पर, यही सलाह दी जाती है कि वे अपने डॉक्टर के साथ उचित परामर्श के बाद टीका लें, क्योंकि वे कोविड संक्रमण के लिए अधिक जोखिम में हैं और वैक्सीन से प्राप्त सुरक्षा उपयोगी होगी।

वैक्सीन लेने के लिए किसी भी स्थिति में विपरीत संकेत  नहीं है सिवाय इसके कि अगर आपको कोई गंभीर, सक्रीय बीमारी है (जैसे कि टाइफाइड या  यदि आप कैंसर के लिए कीमोथेरेपी ले रहे हैं )। यदि आपको कोई सक्रिय बीमारी है, तो उस बीमारी को ठीक करने ही वैक्सीन लेने की सलाह  दी जाती है। कुछ भी शंका हो तो अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

क्या इन के लिए वैक्सीन की सिफारिश की जाएगी:

  • 16 साल का मधुमेह का रोगी

टीकों की सुरक्षात्मकता और प्रभावकारिता (सेफ़्टी और एफिकेसी) का परीक्षण कम उम्र के बच्चों में नहीं किया गया है  - कोवैक्सिन के केस में यह उम्र सीमा 16 है, और कोविशिल्ड के केस में यह 18 साल है।  जब तक अधिक रिसर्च से डाटा उपलब्ध नहीं हो, तब तक इस आयु वर्ग में वैक्सीन का उपयोग करना उचित नहीं होगा। भारत में वर्तमान में आम आबादी में वैक्सिन सिर्फ 45+ उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध हैं

  • गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिला

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए (चाहे उन्हें मधुमेह हो या नहीं) वैक्सीन की प्रभावकारिता और सुरक्षात्मकता परिणाम अभी तक उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए, जब तक कि अधिक जानकारी उपलब्ध न हो, तब तक यह सिफारिश है कि इन्हें टीका नहीं लगवाना चाहिए।

  • कैंसर का रोगी?

सक्रिय उपचार ले रहे कैंसर रोगियों के लिए यह सलाह है कि वे  वर्तमान उपचार चक्र को पूरा करने के बाद ही टीका लें। बेहतर होगा कि वे अपने ऑन्कोलॉजिस्ट से परामर्श करें।

क्या सीज़र के रोगी वैक्सीन ले सकते हैं?

सीज़र होने का इतिहास इस वैक्सीन के लिए विपरीत संकेत नहीं हैं। भारत में उपलब्ध दोनों टीकों के अब तक उपलब्ध किसी भी अध्ययन में टीकाकरण में कोई सीज़र जैसे दुष्प्रभाव नहीं दिखाए दिए हैं।

तो, टीका लेने के लिए विपरीत संकेत क्या हैं?

टीकों को लेने के लिए विपरीत संकेत:

  • यदि आपको टीके की पिछली खुराक के बाद गंभीर एलर्जी की प्रतिक्रिया हुई थी
  • यदि आपको रक्तस्राव विकार है या आप रक्त पतला करने की दवा ले रहे हैं (ब्लड थिनर) (कृपया नीचे दिए गए चित्र को देखें)
  • यदि आप इम्युनोकॉप्रोमाइज्ड हैं या कोई ऐसी दवा ले रहे हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को दबाती है (इम्यून सप्रेसेंट)
  • यदि आपको कोई दूसरी तरह का कोविड-19 वैक्सीन मिल चुकी है
  • अगर आपको कभी किसी दवा, भोजन, या किसी वैक्सीन से या कोविड  वैक्सीन (कोविशील्ड  या कोवैक्सिन की किसी भी सामग्री की वजह से पहले कभी गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया (एनाफिलेक्सिस) हुई हो
  • यदि आप स्तनपान करा रही हैं
  • यदि आप गर्भवती हैं या गर्भवती होने की योजना बना रही हैं

डॉ। दीपक कृष्णमूर्ति, सकरा वर्ल्ड हॉस्पिटल, बैंगलोर  के वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट हैं - उन्होंने एक उपयोगी छवि द्वारा यह समझाया है कि एक महत्वपूर्ण माप है आईएनआर (इंटरनेशनल नार्मलाईज्ड रेश्यो) जो एक स्टैण्डर्डाईज्ड माप है कि खून को क्लोट होने में कितना टाइम लगता है. वैक्सीन देने के लिए यह 3.0 से कम होना चाहिए और यदि यह अधिक हो तो पहले इसे कम करना होगा। इस चित्र को पहली बार ट्विटर पर साझा करा गया था।

पाठकों से प्राप्त प्रश्न

क्या मुझे भारत में स्वीकृत वैक्सीन  - ऑक्सफोर्ड / एस्ट्रोज़ेनेका का बनाया कोविशील्ड और भारत बायोटेक द्वारा बनाया कोवैक्सिन - को लेने के बारे में / इन की सिफारिश करने के बारे में आश्वस्त महसूस करना चाहिए? (खासकर जब कोवैक्सिन के चरण 3 ट्रायल अभी पूरे नहीं हुए हैं)

दोनों टीकों के लिए चरण I और चरण II ट्रायल के परिणाम उपलब्ध हैं - ये परीक्षण निर्धारित  करते हैं कि क्या वैक्सीन सुरक्षित है और वैक्सीन से कितनी प्रतिरक्षक क्षमता विकसित होती है। डाटा के अनुसार दोनों वैक्सीन सुरक्षित हैं और उचित प्रतिरक्षा को प्रेरित कर रहे हैं। अन्य वैक्सीन के विकल्पों की अनुपस्थिति में, इन वैक्सीन  में से किसी एक को लेना उचित है। परन्तु यदि कोई भी प्रश्न या शंका हो या अगर आपको कोई जटिल मेडिकल समस्या हो तो  अपने डॉक्टर से सलाह करें।

क्या ये टीके कोविड के नए स्ट्रेन के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान करते हैं - जैसे कि ब्रिटेन का नया कोविड स्ट्रेन जो अधिक संक्रामक है, या दक्षिण अफ्रीकी कोविड स्ट्रेन?

अध्ययनों में  देखा गया है कि कोवैक्सिन और कोविशील्ड दोनों यूके के नए कोविड स्ट्रेन के खिलाफ सुरक्षात्मक हैं - पर इन अध्ययनों का अभी पीयर रिव्यू  नहीं हुआ है।  दक्षिण अफ्रीकी कोविड स्ट्रेन के लिए अभी डाटा उपलब्ध नहीं है।

फ्लू और निमोनिया के टीके और कोविड के टीके  के बीच कितने दिनों के अंतर की आवश्यकता है?

सीडीसी  के दिशानिर्देशों के अनुसार, अन्य टीकों के साथ-साथ दिए गए एम्आरएनए (मैसेंजर आरएनए) कोविड19 वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता पर डाटा की कमी को देखते हुए, कोविड श्रृंखला (दोनों खुराक) में और अन्य रोगों के वैक्सीन में कम से कम 14 दिन का अंतराल होना चाहिए - यानी कि अन्य टीके को कोविड वैक्सीन श्रृंखला से या तो कम से कम 14 दिन  पहले लेना चाहिए या 14 दिन  बाद। पर यदि एम्आरएनए कोविड19 वैक्सीन को अनजाने में किसी अन्य रोग के अन्य टीका के 14 दिनों के भीतर दिया जाए तो टीके को दोहराने की आवश्यकता नहीं है। यह निर्देश सभी प्रकार के कोविड टीकों पर लागू किया जा सकता है।

क्या टीका लगाने से पहले मेडिकल हिस्ट्री ली जाती हैं, और क्या टीके के बाद व्यक्ति को कुछ देर ऑब्जरवेशन (अवलोकन) के लिए अस्पताल में रखा जाता है?

प्रक्रिया के अनुसार, टीकाकरण केंद्र में ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारी मेडिकल हिस्ट्री लेंगे, लेकिन याद रखें कि अगर आपको कोई गंभीर बीमारी हो और  वैक्सीन के अवयवों से एलर्जी न हो तो वैक्सीन देने के लिए कोई विपरीत संकेत नहीं है। सुनिश्चित करें कि आप सभी डाटा स्पष्ट और ईमानदारी से देते हैं ताकि डॉक्टर उचित निर्णय ले सकें। जटिल बीमारियों वाले लोगों के लिए टीकाकरण के लिए जाने से पहले अपने उपचार करने वाले चिकित्सक से परामर्श करना सबसे अच्छा है।

निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार टीकाकरण के बाद अवलोकन के लिए केंद्र में कुछ समय रहना होगा।

यदि कोई वरिष्ठ दंपति अकेले रहती है (साथ में अन्य परिवारजन या सहायक नहीं रहते), तो क्या दोनों मिया-बीबी को टीके एक साथ एक ही दिन लेने चाहियें या उन्हें इस में अंतर रखना चाहिए (एक जना  एक दिन टीका ले और दूसरा कुछ दिनों बाद टीका ले) ताकि वे संभव दुष्प्रभावों को संभालने में सक्षम हों?

टीके सुरक्षित हैं और दुष्प्रभाव काफी हल्के हैं। लेकिन यदि घर में केवल दो वरिष्ठ नागरिकों हैं तो आपस में टीकों में कुछ दिन का अंतर रखना शायद अच्छा होगा। दंपति को यह देखना होगा कि इस तरह से अंतर देने के फायदे को, और अधिक बार टीका लेने के लिए जाने की असुविधा को - इन में से कौन सा विकल्प बेहतर है।

क्या पहला टीका प्रमुख हाथ की बांह में लगवाना चाहिए ताकि दूसरा टीका, जिस के दुष्प्रभाव अधिक होते हैं, गैर-प्रमुख हाथ में ले सकें?

नहीं, कोई भी टीका आमतौर पर गैर-प्रमुख हाथ में ही दिया जाता है ताकि यदि इंजेक्शन स्थल पर कोई स्थानीय समस्या हो (जैसे कि दर्द या सूजन), तो मुख्य तौर पर इस्तेमाल होने वाला  हाथ इस समस्या से बचा रहे। इस तरह की बांह में होने वाले दर्द और परेशानी की समस्याएं 48 घंटों में ठीक हो जाती हैं। दूसरी खुराक 4 + सप्ताह के बाद दी जाती है और इसका प्रभाव पहली खुराक से कोई ख़ास ज्यादा बुरा नहीं होता है। तब तक इस बांह (गैर-प्रमुख हाथ वाली बांह) में पहले टीके का यदि कुछ असर था, तो वह ठीक हो चुका होगा और उसमें दूसरी खुराक ली जा सकती है।

सावधानी: यदि स्तन कैंसर की वजह से आपकी किसी बांह से लिम्फ नोड्स को हटाया गया है, तो उस बांह में टीका न लें।

दूसरी खुराक लेने के लिए क्या कोई अवधी है जिसके भीतर इसे लिया जा सकता है या क्या इसे ठीक 4 सप्ताह के बाद ही लिया जाना है?

वैसे तो  वैक्सीन की दूसरी खुराक 4  से 12 सप्ताह के बीच कभी भी ली जा सकती है। पर टीकाकरण अभियान में उपयोग की जाने वाली प्रक्रिया में दूसरी खुराक को पहली खुराक के 28 दिन बाद देना होता है। टीकाकरण के सिस्टम के रिमाइंडर और अपॉइंटमेंट इस पर आधारित हैं।

कृपया ध्यान दें कि आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप अपनी दूसरी खुराक समय पर प्राप्त करें ताकि आप कोविड  संक्रमण से काफी हद तक  सुरक्षित रह पायें। वैक्सीन हमें बीमारियों और महामारियों से बचाने के लिए सबसे प्रभावी और सस्ते उपाय हैं। वैक्सीन लेने से न केवल हमारी सुरक्षा होती है, बल्कि हमारे आस-पास के लोग भी पहले की तुलना में सुरक्षित हो जाते हैं। वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिकता समूह केवल इसलिए बनाए गए हैं क्योंकि फिलहाल वैक्सीन की मांग उनकी  आपूर्ति से अधिक है। जितनी जल्दी जनसंख्या का एक बड़ा प्रतिशत वैक्सीन ले पायेगा, उतनी ही जल्दी हम  उम्मीद कर सकते हैं कि इस महामारी का हमारे जीवन और अर्थव्यवस्था में विनाशकारी कहर रुकेगा। हर कोई जो वैक्सीन के लिए निर्धारित प्राथमिकता की श्रेणियों में है और जो वैक्सीन प्राप्त कर सकता है उसे वैक्सीन लेनी चाहिए, न केवल अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा के उपाय के रूप में, बल्कि नागरिक कर्तव्य निभाने के लिए भी। फिर से जोर दूंगी: अब तक 1 करोड़ से अधिक भारतीयों का टीकाकरण किया जा चुका है और दोनों टीके, कोविशिल्ड और कोवाक्सिन, बहुत सुरक्षित पाए गए हैं।

वैक्सीन और कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार

क्या दोनों टीके लगवाने के बाद मैं मास्क पहनना और अन्य कोविड सावधानियां बंद कर दूं?

नहीं, सलाह यह है कि टीके लगवाने के बाद भी आप कोविड के लिए  उचित सावधानी बरतें। जब तक आबादी की बड़ी संख्या का टीकाकरण नहीं हो जाता, तब तक हमें सावधानी बरतने की जरूरत है।

पंजीकरण संबंधी जानकारी

क्या कोई व्यक्ति स्वास्थ्य विभाग के पंजीकरण के बिना कोविड -19 वैक्सीन प्राप्त कर सकता है?

नहीं, कोविड-19 के टीकाकरण के लिए लाभार्थी का पंजीकरण अनिवार्य है। पंजीकरण के बाद ही लाभार्थी के साथ टीके को लेने के लिए ज़रूरी जानकारी साझा की जाएगी - टीका किस केंद्र में लेना होगा और किस तारीख और समय का अपॉइंटमेंट है। पूरी और सही प्रक्रिया क्या होगी, और टीकाकरण कहाँ-कहाँ उपलब्ध होगा, यह सब बदलती स्थिति की वास्तविकता के आधार पर अनुकूलित किया जा रहा है। स्व-पंजीकरण के लिए विभिन्न प्लेटफार्मों को खोला जा सकता है, जैसे कि फीचर फोन इस्तेमाल करने वालों के लिए आईवीआरएस के माध्यम से, हेल्पलाइनों के एक समूह से, और अरोग्य सेतु ऐप द्वारा। लोगों को यह विकल्प भी मिलेगा जिस में वे वेब पोर्टल द्वारा स्लॉट चुन पाएंगे। उन क्षेत्रों के लिए जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी खराब है, आप निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या अन्य निर्धारित सुविधा सेवाओं में “वॉक-इन” के माध्यम से टीकाकरण के लिए अपॉइंटमेंट मांग सकेंगे। वर्तमान में इन सभी विकल्पों और प्रक्रियाओं पर काम किया जा रहा है।

पात्र लाभार्थी के पंजीकरण के लिए कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं?

पंजीकरण के समय आप निम्नलिखित किसी फोटो आईडी (तस्वीर युक्त पहचान पत्र) को पेश कर सकते हैं:

  • आधार कार्ड
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) जॉब कार्ड
  • सांसदों / विधायकों / एमएलसी को जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र
  • पैन कार्ड
  • बैंक / डाकघर द्वारा जारी पासबुक
  • पासपोर्ट
  • पेंशन दस्तावेज़
  • केंद्रीय / राज्य सरकार / सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए सेवा पहचान पत्र
  • मतदाता पहचान पत्र

क्या पंजीकरण के समय किसी फोटो आईडी की आवश्यकता होगी?

पंजीकरण के समय इस्तेमाल हुई फोटो आईडी को टीकाकरण के समय पेश करना होगा और इसका वेरिफिकेशन (सत्यापन)  किया जाएगा। ध्यान रहे, यदि आप 45 - 59  के आयु वर्ग में हैं और आपकी वैक्सीन के लिए योग्यता आपकी अन्य बीमारियों की वजह से है, तो आपके पास उचित प्रकार का मेडिकल सर्टिफिकेट भी होना चाहिए।

टीकाकरण की नियत तारीख के बारे में लाभार्थी को जानकारी कैसे मिलेगी?

ऑनलाइन पंजीकरण के बाद, लाभार्थी अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर टीकाकरण के नियत तारीख, स्थान और समय के बारे में एसएमएस प्राप्त करेंगे। उन्हें फ़ोन कॉल भी मिल सकता है।

क्या टीकाकरण प्राप्त करने के बाद लाभान्वित लोगों को टीकाकरण की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त होगी?

हाँ। कोविड-19 वैक्सीन की उचित खुराक मिलने पर, लाभार्थी को अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस प्राप्त होगा। टीके की सभी खुराक मिलने के बाद, लाभार्थी के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक क्यूआर कोड आधारित प्रमाण पत्र भी भेजा जाएगा। आप अपना प्रमाणपत्र या तो केंद्र मे, या आरोग्य सेतु ऐप या डिजी लॉकर ऐप द्वारा डाउनलोड कर सकते हैं।

टीके के बारे में सामान्य रूप से अधिक प्रश्न हैं? प्रोफेसर श्रीनाथ रेड्डी, प्रेजिडेंट , पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन के साथ हमारा साक्षात्कार देखें

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    While most people have a mild case of Covid and recover reasonably quickly, some people are reporting complications like mucormycosis, hyperglycemia. low BP. Dr Swati Jha, lists down some of the common complications that Covid-19 patients are seeing during and after COVID-19. This is the first of the two-part series. Hyperglycemia A large percentage of hospitalized Covid patients (50% from one study) were found to have hyperglycemia (high blood sugar levels) on admission. This is termed acute…
  • कोविड की वजह से मेरे परिवार की अग्नि-परीक्षा
    दीप्ति का परिवार, उसके माता-पिता सहित, एक साल से अधिक समय तक कोविड से सुरक्षित रहा पर फिर सब कुछ बदल गया। टीकाकरण करवाने के बावजूद, सावधान बरतने के बावजूद, उसके पिता, एक वरिष्ठ डॉक्टर और उसकी माँ को कोविड हुआ, और फिर परिवार के अन्य सदस्यों को भी कोविड हुआ। दीप्ति कोविड की इस दूसरी लहर और अपने चुनौतीपूर्ण अनुभव से क्या सीखा, यह साझा करती हैं। जब हमारे देश में कोविड का एक साल पूरा हुआ तो मुझे और हमारे परिवार को सुरक्षित रखने के लिए मैंने अपने दिल की गहराइयों से भगवान को धन्यवाद दिया। हम उन कुछ…
  • Saved by Covid Vaccine and Social Support
    In an uncommon occurrence of Covid breakthrough infection, Vivek Kumar Singh, an AIIMS Hospital employee, tested positive three weeks after being fully vaccinated. Here, he is grateful that vaccines and colleagues at AIIMS helped him survive. I tested positive for Covid, 25 days after getting my second dose of the vaccine. I got my first shot on February 23, second on March 25 and tested positive on April 23. I am one of those few and far between cases who got infected three weeks after…