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42 साल की नीतू स्क्लेरोडर्मा होने से पहले एक सॉफ्टवेयर कंसलटेंट थीं, पर स्क्लेरोडर्मा ने उनके जीवन को और उनकी पहचान को बदल दिया। इस लेख में वे स्क्लेरोडर्मा होने के अनुभव और उस की चुनौतियों के बारे में बात करती हैं और साझा करती हैं कि कौन से जीवन…
जब बेंगलुरु की 38 वर्षीया ए चित्रा को सीज़र होने लगे, तो शुरू में उनका एपिलेप्सी (मिर्गी) के लिए इलाज किया गया, लेकिन अंततः उन्हें मैलिग्नेंट ग्लियोमा (एक प्रकार का ब्रेन ट्यूमर) का निदान मिला। वे बताती हैं कि कैसे उन्होंने डॉक्टरों, परिवार, दोस्तों…
30 वर्षीय मेल्विन जॉर्ज इस लेख में एस्ट्रोसाइटोमा (एक प्रकार का ब्रेन ट्यूमर) का निदान प्राप्त करने, देखभाल के विकल्पों का आकलन करने और निर्णय लेने, और कैंसर के उपचार और सम्बंधित दुष्प्रभाव पर चर्चा करते हैं और साझा करते हैं  कि इन सब अनुभव और…
धूम्रपान न करने वाली 72 वर्षीया नलिनी सत्यनारायण को 10 साल पहले उनके घर में सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने के कारण गले (वॉयस बॉक्स) के कैंसर का निदान मिला। आज, उत्तरजीवी के रूप में, वे एक ऊर्जावान तंबाकू नियंत्रण योद्धा बन गई हैं और ऐसे लोगों को…
डॉ. राजलक्ष्मी अय्यर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश में “फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन” की प्रोफेसर हैं । वे हमें सावधान करती हैं कि यदि अच्छी नींद संबंधी आदतों को न अपनाया जाए और दवाएं नहीं ली जाएँ तो रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (…
लॉन्ग-कोविड के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ रही है। यूनाइटेड किंगडम में कंसल्टेंट रुमेटोलॉजिस्ट और जनरल फिजिशियन डॉ अरविंद नुने इस लेख में लॉन्ग-कोविड के लक्षण, निदान और प्रबंधन के बारे में बताते हैं। लॉन्ग-कोविड क्या है? कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो…
लगभग 20 वर्षों तक अवनींद्र मान को पान मसाला/गुटका तंबाकू की लत लगी रही थी, पर फिर उन्हें बड़ा झटका लगा - उन्हें मुंह का कैंसर हो गया और उनके बाएं जबड़े को हटाना पड़ा। आज,  एक उत्तरजीवी के रूप में, वे मुंह के कैंसर के जोखिम के लिए जागरूकता फैलाने…
डॉ अनुपमा पट्टियारी के परिवार में बहुत लोगों को हीमोफीलिया है। हालांकि कई लोगों का सोचना है कि हीमोफीलिया सिर्फ पुरुषों में होता है, डॉ अनुपमा को भी 32 साल की उम्र में हल्के हीमोफीलिया का निदान मिला था। आज, वे हीमोफीलिया वाले युवा और हीमोफीलिया(…
आत्महत्या से हुई मौत अन्य मौतों से बहुत अलग है - पर सही सहारा और वातावरण हो, तो कदम दर कदम इस के शोक से भी उभर सकते हैं | “लेफ्ट बिहाइंड: सर्वाइविंग सुसाइड लॉस” की लेखिका डॉ नंदिनी मुरली ने एक दो-भाग (यहाँ और यहाँ) के साक्षात्कार में अपने पति…