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मेडिकल इमरजेंसी (आपातकालीन स्थिति) कभी भी, किसी भी समय हो सकती है और हमें तुरंत जोखिम में डाल देती हैं। इस लेख में देखें कि ऐसी सात शीर्ष इमरजेंसी के बारे में आपको क्या जानना चाहिए और जानें कि इन्हें बिगड़ने से रोकने के लिए आपको तुरंत क्या करना चाहिए…
नीमा 26 वर्ष की थीं जब उनको ऑस्टियोसारकोमा (हड्डी का कैंसर) का निदान मिला और उनका जीवन हमेशा के लिए बदल गया। इस लेख में वे अपनी उस चुनौतीपूर्ण यात्रा के बारे में बात करती हैं जिसमें कई सर्जरी, टांग का कटना, और अनेक अन्य मुश्किलों का सामना करना पड़ा,…
कैंसर रोगी और उत्तरजीवी (सर्वाईवर) यात्रा कर सकते हैं, पर उन्हें कुछ ख़ास बातों का ख़याल रखना चाहिए। इस लेख में इस के लिए डॉ. शीतल पटेल से कुछ सुझाव हैं और उर्वी सबनीस, नंदिता मुरलीधर और मोना चौधरी (सभी कैंसर उत्तरजीवी / सर्वाईवर) का बहुमूल्य योगदान…
कोलकाता के 56 वर्षीय रजत सुभ्रा बिस्वास को मल्टीपल मायलोमा का निदान मिला था और उनकी बीएमटी (बोन मैरो ट्रांसप्लांट) सर्जरी भी हुई है। इस लेख में वे अपनी मल्टीपल मायलोमा की यात्रा के बारे में बात करते हैं। मुझे सितंबर 2018 में मल्टीपल मायलोमा का निदान…
ग्लूकोमा (काला मोतिया) अंधेपन का एक प्रमुख कारण है। ग्लूकोमा से दृष्टि की हानि होती है और अगर उपचार से इसे नियंत्रित न करें तो दृष्टि जा सकती है। ग्लूकोमा पर जानकारी के लिए हमने आईएचओपीई के साथ की गयी आंखों की बीमारियों का श्रृंखला के अंतर्गत दो…
सोनल गोरेगांवकर को माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप तक चढ़ने के वक्त एक स्ट्रोक हुआ जिससे उनकी बोलने की क्षमता चली गई। इस स्थिति को ग्लोबल एफेशिया (व्यापक वाचाघात) कहा जाता है। इस लेख में उनके सामान्य जीवन को फिर से शुरू करने और काम पर वापस लौटने के लिए…
जब अंजना त्रिपाठी की 14 साल की बेटी के टाइप 1 डायबिटीज़ (मधुमेह) का पता चला तो उन्हें बहुत बड़ा धक्का लगा। इस स्थिति के लिए आवश्यक समायोजन करने के लिए उन्हें बहुत बड़े बदलाव करने पड़े। अंजनाजी इस लेख में साझा करती हैं कि उनके परिवार ने इस स्थिति में…
सही काउंसलर ढूंढना कभी-कभी एक चुनौती हो सकती है। और यह भी हो सकता है कि जिस थेरेपिस्ट के पास आप गए हैं वे आपके लिए सही नहीं हैं। तनुजा बाबरे एक काउन्सलिंग साईकोलोगिस्ट हैं जो वर्तमान में आईकॉल, टीआईएसएस में प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर के रूप में कार्यरत…
पुणे की शैला भागवत को पिछले कुछ वर्षों से पार्किंसंस रोग है। लेकिन कोविड  के कारण हुए लॉकडाउन और सामाजिक दूरी बनाए रखने के माहौल में उन्होंने ऑनलाइन थेरेपी सत्रों और वर्चुअल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना शुरू किया, और उन्हें ये पसंद आया। वे साझा…